आषाढ कृष्ण १३ , कलियुग वर्ष ५११५
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जहां चीन में भारत के रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी का बेहद ठंडा स्वागत हुआ, वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का बेहद गर्मजोशी से स्वागत किया गया । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की चीन के प्रधानमंत्री ली केचियांग के साथ हुई बातचीत के बाद सुरंग समेत आठ समझौतों पर दस्तखत किए गए । इससे उसकी अरब सागर तथा इस १८ अरब डॉलर के समझौते पर पाकिस्तान के योजना एवं विकास मंत्री अहसन इकबाल तथा चीन के राष्ट्रीय विकास एवं सुधार आयोग के चेयरमैन शु शाओ शिने दस्तखत किए ।
चीन और पाकिस्तान ने पाक अधिकृत कश्मीर(पीओके) से होते हुए २०० किमी लंबी सुरंग बनाने का समझौता किया है । रणनीतिक लिहाज से अहम इस इलाके में सुरंग को बनाने पर १८ अरब डॉलर का भारी भरकम खर्च किए जाने की योजना है । पीओके से गुजरने वाले पाक-चीन आर्थिक गलियारे से चीन का रणनीतिक हित जुड़ा है । यह सुरंग अरब सागर में पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को चीन में काशघर से जोड़ेगी । महत्वपूर्ण ग्वादर बंदरगाह का नियंत्रण इसी साल चीन के हाथ में आया है। सुरंग के बनने से चीन की पश्चिम एशिया स्ट्रेट ऑफ हॉरमुज तक पहुंच सुगम होगी जहां से दुनिया के एक तिहाई तेल का परिवहन होता है । विशेषज्ञों का कहना है कि इस गलियारे से शिनजियांग में भी विकास रफ्तार पकड़ेगा जहां काफी अशांति रही है । वहीं इससे पश्चिम एशिया से चीन के लिए ऊर्जा आयात का एक नया मार्ग खुल जाएगा।
स्त्रोत : निती सेंन्ट्रल