आषाढ कृष्ण १४ , कलियुग वर्ष ५११५
कोल्हापुर, ५ जुलाई – मराठी भाषा जतन करनेके लिए तथा भविष्यमें युवा पीढीको मराठी भाषाका ज्ञान हो, इसलिए अमरिकाके वाशिंग्टनके हंडन स्थित श्रीमती दीप्ति पंडितने अन्य अध्यापिकाओंके सहयोगसे अमरिकामें सितंबर २०११में मराठी पाठशाला आरंभ की थी । सप्ताहमें एक दिन अर्थात प्रत्येक रविवारके दिन यह पाठशाला खुलती है । इस पाठशालामें कुल मिलाकर ५० विद्यार्थी मराठी भाषा सीख रहे हैं । अभिभावक तथा विद्यार्थियोंद्वारा इन पाठशालाओको अच्छा प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है । इस पाठशालाके विद्यार्थियोंका स्नेहसम्मेलन १६ जूनको संपन्न हुआ । (महाराष्ट्रमें मराठी भाषाकी अपेक्षा अंग्रेजीको प्रथम स्थान दिया जाता है । ऐसा होते हुए भी अमरिकामें मराठी भाषाका संवर्धन करनेवाली श्रीमती दीप्ति पंडित तथा अन्य अध्यापिकाओंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
मराठी पाठशाला बृहन्महाराष्ट्र मंडल उत्तर अमरिकाद्वारा चलाई जाती है । बृहन्महाराष्ट्र मंडल तथा भारती विद्यापीठ (पुणे)के संयुक्त तत्त्वाधानमें अमरिकाकी मराठी भाषाके प्रमाणपत्रकी परीक्षा ली जाती है । वर्तमानमें मराठीके पहलीसे चौथीतककी कक्षाएं चल रही हैं । स्नेहसम्मेलनका प्रारंभ श्रीगणेशकी आरतीद्वारा किया गया । छात्रोंने विभिन्न कविता, गीत गाए । कुछ छात्रोंने भाषण दिया, तो कुछ छात्रोंने पकवानके विषयमें जानकारी दी । कुछ छात्रोंने संत ज्ञानेश्वर, छत्रपति शिवाजी महाराज, झांसीकी रानी लक्ष्मीबाई, लोकमान्य तिलकके व्यक्तित्त्व प्रस्तुत किए । कुछ छात्रोंने स्वतंत्रता वीर सावरकरके जीवनचरित्रपर भाषण दिया, तो एक मराठी युवकद्वारा वायलीनपर वन्दे मातरम् गीत प्रस्तुत किया गया ।
स्त्रोस : दैनिक सनातन प्रभात