आषाढ अमावास्या , कलियुग वर्ष ५११५
मंदिरोंका निर्माण कार्य आरंभ करनेसे पूर्व जिहादी आतंकवादियोंसे उनकी रक्षाका प्रबंध करें !
ऐसा प्रयास करें कि हिंदुओंके मंदिरोंको पर्यटन केंद्रका स्तर देनेकी अपेक्षा उन्हें केवल तीर्थक्षेत्र ही रहने दें !
अमृतसर – अमृतसर नगरमें देशमें सबसे विशाल श्रीराम मंदिरका निर्माणकार्य किया जा रहा है । इस मंदिरमें प्रभु श्रीरामचंद्रका समग्र जीवनदर्शन एक ही स्थानपर देखना, सुनना एवं पढना संभव होगा । `शिवाला बाग भाइया’ के इस श्रीराम मंदिरके लिए ओडीशा, राजस्थान एवं तमिलनाडू राज्योंकी वास्तुकलाका उपयोग किया जा रहा है । लाल, गुलाबी एवं श्वेत संगमरमरसे बनाए जानेवाले इस मंदिरपर ओडीशा शैलीके तीन विशाल गुंबज हैं । गुंबजके समक्ष राजस्थानके हवामहलके समान एक भव्य एवं चार छोटे मेघडंबरी आकर्षण केंद्र हैं । यह मंदिर तलघरके (Basement) साथ चार तल्लोंका है । तलघरमें योग सभागृह, ध्यान कक्ष एवं प्रवचन कक्ष होगा । यह कक्ष कन्याकुमारीके स्वामी विवेकानंद स्मारक प्रवचन कथाके आधारपर बनाया जा रहा है । द्वितीय एवं तृतीय तल्लेपर दृक-श्राव्य तंत्रद्वारा (Audio-Video C.D.) श्रीरामका संपूर्ण जीवनदर्शन डिजिटल फोटोग्राफीद्वारा दर्शाया जाएगा । श्रद्धालुओंके लिए चित्रोंसे संबंधित वर्णन सुनना एवं पढना संभव होगा । मंदिरके चतुर्थ तल्लेपर श्रीराम राज्यसभा होगी, जहां श्रीरामकी विशाल मूर्तिकीr प्रतिष्ठापना की जाएगी । समय रहते ही हिंदुओंका जागृत होना आवश्यक है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात