आषाढ अमावास्या, कलियुग वर्ष ५११५
सज्जनों, चीन जेसे भारतमें भी भ्रष्टाचारियोंको फांसीका दंड देनीकी मांग करें !
भारतमें यदि चीन जैसा दंड देना आरंभ हुआ तो भ्रष्ट मंत्री तथा लोकप्रतिनिधि हेतु फांसीके फंदे अल्प पडेंगे !
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बीजिंग – चीन की एक अदालत ने देश के पूर्व रेल मंत्री लियू झिजुन को सोमवार को भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग मामले में मौत की सजा सुनाई । हालांकि सजा को दो साल के लिए निलंबित किया गया है ।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, बीजिंग में दूसरे नंबर की इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट में सुनवाई पूरी होने पर ६० वर्षीय लियू को यह सख्त सजा सुनाई गई । उन्हें सत्ता का दुरुपयोग करने के लिए १० साल कैद की भी सजा दी गई है । कोर्ट ने कहा, संयुक्त अपराध के लिए लियू को मौत की सजा दी जा रही है । उनकी सजा दो साल के लिए स्थगित रहेगी । साथ ही उन्हें राजनीतिक अधिकारों से वंचित किया जा रहा है । उनकी निजी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा । अदालत ने पाया कि लियू ने १९८६ से २०११ तक स्थानीय रेलवे कार्यालय के अधिकारी के तौर पर अपने पदों का फायदा उठाया और ११ लोगों की पदोन्नति एवं परियोजनाओं के लिए संविदाएं हासिल करने में मदद की । लियू पर २५ साल के दौरान १.५ करोड़ डॉलर डकरीब ६४ करोड़ रुपये़ रिश्वत लेने का भी आरोप था । (कहां केवल ६४ कोटि रुपयोंके त्रुटिपूर्ण प्रयोगसे भूतपूर्व मंत्रीको फांसी देनेवाली चीनका न्यायतंत्र, तो कहां सहस्रों कोटि रुपयोंका त्रुटिपूर्ण प्रयोग कर अपराध तक प्रविष्ट न करानेवाली भारतीय शासनपद्धति ! – संपादक ) वह २००३ से २०११ तक रेल मंत्री थे । उनके कार्यकाल के दौरान हाई स्पीड रेल नेटवर्क से देश के कई हिस्सों को जोड़ा गया ।
रेल मंत्री रहने के दौरान उन पर अपने रिश्तेदारों को निर्माण संबंधी ठेका दिलाने में मदद कर उन्हें लाभ पहुंचाने का भी आरोप था । भ्रष्टाचार से अर्जित उनकी संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है । पूर्व रेल मंत्री को यह सख्त सजा राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती से निपटने के वादे के तहत दी गई है । (भारतके कितने शासनकर्ता ऐसा सोचते हैं ? – संपादक)
स्त्रोत : दैनिक जागरण