आषाढ शुक्ल २ , कलियुग वर्ष ५११५
सन डायगो (केलिफोर्निया) – सन डायगोके न्यायाधीशने अपने निर्णयमें बताया है कि योगशास्त्रकी पद्धति धार्मिक नहीं है । अतः चर्चको उससे कोई धोखा नहीं । दक्षिण केलिफोर्नियाकी पाठशालाओंमें योगशास्त्रके वर्ग आरंभ (जारी) रखने हेतु न्यायालयने अनुमति दी।सन डायगोके इन्सिनिटास युनियन स्कूलके दो विद्यार्थियोंके अभिभावकोंने न्यायालयमें ऐसा परिवाद प्रविष्ट किया कि योगशास्त्रके वर्गके कारण बच्चोंपर हिंदुओंके पारंपारिक एवं धार्मिक संस्कार होते हैं, किंतु न्यायाधीश जोन मेयरने इसे अस्वीकार किया।
परिवादीकी ओरसे न्यायालयमें अपना पक्ष प्रस्तुत करते समय एटर्नी डीन ब्रौयलिसने यह बताया कि योग प्रशिक्षण एक धार्मिक प्रक्रिया है, तथा उससे चर्च एवं राष्ट्रके संदर्भकी धाराओंका उल्लंघन हो रहा है । पाठशालाकी ओरसे पक्ष प्रस्तुत करते समय एटर्नी जैक स्लीथने बताया कि विद्यार्थी तनावरहित निरोगी जीवन जी सकें, इसलिए पाठशालाओंमें योग प्रशिक्षण वर्गका आयोजन किया गया है। साथ ही दक्षिण केलिफोर्नियामें अभिभावकोंने योग प्रशिक्षण वर्गको उत्स्फूर्त प्रतिसाद दिया है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात