आषाढ शुक्ल ३ , कलियुग वर्ष ५११५
प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर |
आगरा – देशभर में प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर की बारहदरी का संग्राम आरोप-प्रत्यारोपों के बाद लूट तक पहुंच गया। बारहदरी का ताला तोड़कर आभूषण लूटने के आरोपों पर कोर्ट ने भाजपा विधायक जगन गर्ग समेत डेढ़ दर्जन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
मनकामेश्वर मंदिर के बाहर स्थित प्राचीन बारहदरी पर कब्जे को लेकर तीन माह पहले विधायक जगन प्रसाद गर्ग और मंदिर प्रशासन आमने-सामने आ गए थे। पंचायत के बाद विधायक ने अपने समर्थकों के साथ पहुंचकर बारहदरी का ताला तोड़ दिया था। उसके बाद मंदिर प्रशासक हरिहर पुरी ने विधायक और उनके समर्थकों पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि विधायक और उनके समर्थकों ने तीन अप्रैल को बारहदरी का ताला तोड़कर उसमें रखे भगवान के श्रृंगार के सोने-चांदी के आभूषण लूट लिए। विरोध करने पर उन्होंने जान से मारने की धमकी भी दी।
मंगलवार को न्यायाधीश (दस्यु प्रभावी क्षेत्र) संजय ने विधायक जगन प्रसाद गर्ग और उनके समर्थकों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में थाना मंटोला में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
ये भी होंगे मुकदमे में नामजद
रामलीला कमेटी के मंत्री राम प्रकाश अग्रवाल, संजय तिवारी, रामआशीष शर्मा, राम सुरेश शर्मा, राम मित्र शर्मा, निखिल शर्मा, बसंतकांत शर्मा के अलावा ८-१० लोग अन्य।
मनकामेश्वर पर विश्राम किया था भगवान शंकर ने
रावतपाड़ा स्थित मनकामेश्वर मंदिर प्राचीन काल में श्मशान घाट था। महंत योगेश पुरी के अनुसार यह मान्यता है कि जब भगवान बाल कृष्ण के दर्शन के लिए शंकर जी कैलाश से गोकुल गए तो उन्होंने इसी श्मशान पर विश्राम किया था। उस समय यमुना भी दरेसी से होकर गुजरती थी। जब आगरा किके का निर्माण हुआ, तब यमुना ने अपना रास्ता बदल लिया।
मैं पहले दिन से ही स्वीकार कर रहा हूं कि बारहदरी पर मंदिर प्रशासन का हक नहीं है। विधायक जगन गर्ग रामलीला कमेटी के माध्यम से मंदिर में हस्तक्षेप बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने अपनी गरिमा को तोड़ते हुए मंदिर परिसर में बने ताले को तोड़ा। जो सच था, वह न्यायालय ने माना है और मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। डहरिहर पुरी, मठ प्रशासक मनकामेश्वर मंदिऱ
मंदिर प्रशासक ने गलत तरीके से दुकानें बना ली और व्यायामशाला पर कब्जा कर लिया। बारहदरी पर रामलीला समिति का अधिकार है। मंदिर प्रशासक ने इस पर निर्माण करवाकर कब्जा कर लिया है। ये मेरी नहीं बल्कि जनता की लड़ाई है, जिसे आखिरी अंजाम तक पहुंचाऊंगा। मेरे खिलाफ फर्जी आरोप लगाए गए हैं। वह मुकदमे की जांच में सामने आ जाएंगे। इसके बाद मैं मानहानि की कार्रवाई करूंगा।
स्त्रोत : दैनिक जागरण