क्या प्रशासन हिंदू कावडियोंको आतंकवादी समझ रही है ? पहले ही प्रशासन ने कांवड़ यात्रा में लाठी, डंडे व त्रिशूल पर रोक लगा दी है, अब सुरक्षा के नामपर एटीएस कमांडों की निगहबानी में कांवड़ यात्रा चलेगी । इस नये माध्यम से भी प्रशासन नये प्रबंध कावडियोंपर लगा सकती है । यह हिंदूद्रोह दूर करने के लिए अब ‘हिंदू राष्ट्र’ की स्थापना करना अनिवार्य हो गया है । – संपादक
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डीजे होगा पूर्णतया प्रतिबंधित, सीमा पर ही रोकेंगे
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यात्रा में भीड़ भरे इलाकों में रहेंगी मोटरसाइकिल एम्बुलेंस
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वाच टावर लगेंगे और क्राउड मैनेजमेंट को स्पेशल बैरिकेटिंग
लखनऊ – सावन में निकलने वाली कांवड़ यात्रा के लिए प्रशासनिक मशीनरी ने सख्त नियम बनाये हैं। अबकी बार यह यात्रा एटीएस कमांडो की निगहबानी में चलेगी और डीजे पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा। हरियाणा और दिल्ली की सीमा पर ही डीजे के साथ चल रहे कांवड़ियों को रोका जायेगा और उन्हें व्यवस्था के दायरे में चलने की ही छूट मिलेगी।
मंगलवार को पुलिस महानिरीक्षक कानून-व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने कांवड़ यात्रा प्रबंधन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने यात्रा के संदर्भ में हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड के अधिकारियों के साथ हुई समन्वय बैठक के निर्णय से अवगत कराते हुए कहा कि इस बार कड़ी तैयारी की गयी है, क्योंकि मुख्य जल चढ़ाने का दिन पांच अगस्त है, जबकि दो अगस्त को अलविदा की नमाज और 9 अगस्त को ईद है। शरारती और अराजक तत्व माहौल खराब न करने पाएं, इसलिए पुलिस बल को बेहद चौकसी बरतने और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गये हैं। उन्होंने कहा कि इस बार भी अनुमान है कि कांवड़ियों की संख्या करीब दो करोड़ होगी। कांवड़ियों को हिदायत दी जायेगी कि यात्रा के दौरान उन्हें क्या नहीं करना है। इसके लिए दिशा निर्देश पट लगाये जायेंगे। यात्रा के लिहाज से बाराबंकी, वाराणसी और मेरठ प्रमुख स्थल हैं और यहां की सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए दस कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स और पर्याप्त पुलिस बल तैनात होगा। पश्चिम में गंग नहर की पटरी पर कांवड़ियों को मूवमेंट रहता है, इसलिए वहां पर लाइट की व्यवस्था की जायेगी। खास स्थलों पर वाच टावर लगेंगे, जबकि विस्फोटक तथा नारकोटिक सेल के लोगों को भी तैनात किया जायेगा। कुछ खास क्षेत्रों में मदिरा सेवन और नशाखोरी पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा।
विश्वकर्मा ने बताया कि समन्वय बैठक में तय हुआ कि राज्यों की सीमाओं पर अलग-अलग बैरियर लगाने के बजाय एक बैरियर रहेगा और वहां सम्बंधित दोनों राज्यों की पुलिस तैनात की जायेगी। हर जिलों में नोडल अफसर तैनात होंगे और भीड़ में मरीजों और बीमार को तत्काल राहत देने के लिए इस बार मोटरसाइकिल एम्बुलेंस लगाई जायेंगी। सूबे के मुख्य मंदिरों पर क्राउड मैनेजमेंट के लिए स्पेशल बैरिकेटिंग की जायेगी। रेलवे और आरपीएफ के साथ समन्वय कर विशेष सतर्कता के निर्देश दिए गये हैं।
स्त्रोत : दैनिक जागरण
हिंदूद्रोही प्रशासन की नई चाल : कांवड़ यात्रा में लाठी, डंडे व त्रिशूल पर रोक
१२ जुलाई २०१३
जागो हिंदू, जागो ! कब तक ऐसे अत्याचार सहते रहोगे ? मेरठ में पुलिस की सुरक्षा में रोड पर नमाज पढानेवालोने शिव मंदिर में आरती करने वाले हिंदुओंपर लाठीचार्ज किया और मंदिर को ताला लगा दिया । अब यही लोग कांवड़ियोंपर भी प्रतिबंध लगा रहे है । यह स्थिती बदलने के लिए ‘हिंदू राष्ट्र’ की स्थापना करना अनिवार्य हो गया है । – संपादक
मेरठ / देहरादून : कांवड़िये इस बार कांवड़ यात्रा में लाठी, डंडे व त्रिशूल लेकर नहीं चल पाएंगे। कांवड़ में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस ने इन्हें प्रतिबंधित कर दिया है। कांवड़ियों द्वारा वाहनों या संचालकों द्वारा शिविर में डीजे बजाने पर भी रोक लगाई गई है। नए शिविर को अनुमति नहीं मिलेगी। शिविर संचालकों को अब कांवड़ियों का लेखा-जोखा भी दर्ज करना होगा। (कांवडियोंकी लाठी, काठी तथा त्रिशूल के कारण कानून तथा सुव्यवस्था जोखिममें है, ऐसा कभी भी नहीं हुआ है । अपितु इन उपकरणोंकेद्वारा आक्रमणकारियोंसे कांवडियोंकी रक्षा ही हुई है । इसके पश्चात भी जानबूझकर उसपर बंदी लगाकर उत्तराखंडके कांग्रेस तथा उत्तरप्रदेशके समाजवादी पक्षके प्रशासन हिंदूद्रोह कर रहे हैं ! धर्माभिमानी हिंदुओंको ऐसे हिंदूद्रोहियोंका वैध मार्गसे विरोध करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
बुधवार को देहरादून में हुई अंतरराज्यीय व अंतर इकाई समन्वय समिति तथा मेरठ के चौधरी चरण सिंह बृहस्पति भवन सभागार में डीएम नवदीप रिणवा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फरमान जारी हुआ। डीजीपी उत्तराखंड सत्यव्रत ने बताया कि कांवड़ मेला में सुरक्षा की दृष्टि से सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए रुड़की, हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद व पुरामहादेव में कंट्रोल रूम स्थापित होगा। एडीजीपी अपराध एवं कानून-व्यवस्था अरुण कुमार ने बताया कि 15 जुलाई को मेरठ में समन्वय बैठक होगी।
दूसरी ओर, मेरठ में हुई बैठक में डीएम ने शिविर संचालकों को हिदायत दी कि वह हरेक आदेश का पालन करें। एसएसपी दीपक कुमार ने भरोसा दिलाया कि इस बार पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था रहेगी।
ये हुआ मेरठ की बैठक में आदेश
- नए शिविर नहीं लगेंगे। (क्या राज्य सरकारें नये हज हाऊस खडे करना भी बंद करेगी ? – संपादक)
- पुराने शिविर को अनुमति देने के लिए एकल विंडो सिस्टम लागू होगा, जिसमें तीन दिन में आवेदक को अनुमति मिलेगी।
- 5 सुपर जोन, 21 जोनल व 60 सेक्टर मजिस्ट्रेट 15 जुलाई तक क्षेत्र का भ्रमण कर फीड बैक देंगे, ताकि समय से पहले सड़क, पानी, बिजली आदि व्यवस्था की जाए। कांवड़ मार्ग में गूलर के पेड़ का कटान वन विभाग करेगा।
- कांवड़ शिविरों में डीजे नहीं बजेगा। संचालक को व्यावसायिक गैस कनेक्शन, अस्थाई बिजली कनेक्शन व अपने यहां सफाई व्यवस्था रखनी होगी। कांवड़ियों के आगमन पर उनका लेखा-जोखा एक रजिस्ट्रर में दर्ज होगा। (मंत्री, सांसद तथा विधायकोंकी बढती संपत्तिकी जानकारी इकट्ठा करनेकी अपेक्षा तन-मन तथा धनका त्याग करनेवाले कांवडियोंकी आय-व्ययकी मांग करनेवाले मुगलोंके वंशज हिंदूद्रोही राज्यकर्ता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
- कांवड़ के दौरान मांस की दुकान बंद रहेंगी।
- रूट डायवर्जन प्लान 15 जुलाई तक बनेगा।
स्त्रोत : दैनिक जागरण