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लाखों वारकरी आज सोलापुरकी सीमापर आंदोलन करेंगे !

आषाढ शुक्ल ५ , कलियुग वर्ष ५११५

वारकरियो, आपकी मांगोंके संदर्भमें इतनी उदासीनता दर्शानेवाले प्रमुख नेताको आषाढ एवं कार्तिक एकादशीके अवसरपर पंढरपुरके विट्ठलकी पूजा करनेसे रोकें !

  • (अंध)श्रद्धाविरोधी कानूनको श्री संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर माऊली पालकी समारोहका भी विरोध !

  • (अंध)श्रद्धाविरोधी कानून बनानेके लिए उत्सुक राजनेता क्या अब कानून बनानेका विचार छोड देंगे ?


दिंडी समारोहके स्थानपर ह.भ.प. राजाभाऊ चोपदार महाराजने

(वर्तुलमें) वारकरियोंके भव्य समूहको मार्गदर्शन किया ।

फलटन (जनपद सातारा) – यहांके “श्री संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर माऊली पालकी समारोह’’ के स्थानपर ११ जुलाईको दोपहरमें फडकरी एवं दिंडीप्रमुख वारकरियोंकी भव्य बैठक संपन्न हुई । इस अवसरपर महाराष्ट्र शासन वारकरियोंको दुर्लक्षित कर (अंध)श्रद्धाविरोधी कानून पारित करनेकी सिद्धतामें है । इसलिए शासनका तीव्र निषेध किया गया एवं चेतावनी दी गई कि यदि (अंध)श्रद्धाविरोधी कानून निरस्त करने एवं अन्य मांगोंके संदर्भमें शासनद्वारा तत्काल कार्यवाही नहीं की गई, तो पालकी समारोहके लाखों वारकरी १३ जुलाईको सोलापुर जनपदकी सीमापर धर्मपुरीमें आंदोलन करेंगे । जबतक शासन वारकरियोंकी मांगें मान्य नहीं करता, तबतक दिंडी समारोह सोलापुर जनपदमें प्रवेश नहीं करेगा । श्रीमंत शितोळे सरकारकी पालकीके स्थानपर (पालकी जहां रुकती है, वह स्थान) बैठक संपन्न हुई । इस संदर्भमें मांगोंका एक fनवेदन ११ जुलाईको संध्या समय यहांके तहसीलदारको दिया गया । साथ ही  पत्रकार परिषदके माध्यमसे उपर्युक्त दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया ।

वारकरियोंद्वारा बैठकमें प्रस्तुत किए गए विचार एवं शासनसे की गई मांगें…

१. शासनने वारकरियोंको कानूनका प्रारूप दर्शाए बिना ही “ इस कानूनको वारकरियोंकी अनुमति है’’ ऐसा सूचित किया है ।

२. प्रत्यक्षमें इस कानूनमें आज भी ऐसी धाराएं हैं, जो वारकरियोंके fिffलए कष्टदायी सिद्ध होंगी ।

३. इसलिए शासन वारकरियोंकी अनुमतिके बिना यह कानून  पारित न करे ।

४. यात्रामार्गमें प्रत्येक पालकी तलपर वारकरियोंके निवासके लिए ५० एकड भूमि आरक्षित कर रखें ।

५. सभी तीर्थक्षेत्रोंके स्थानपर मद्य एवं मांसके विक्रयपर संपूर्ण रूपसे प्रतिबंध लगाया जाए ।

६. संत एवं संतसाहित्यकी निंदा करनेवाले व्यक्तियोंके विरुद्ध कठोर कानून बनाया जाए ।

७. महाराष्ट्रमें गोहत्या प्रतिबंधित कानून तत्काल लागू करें ।

८. आळंदी-सोलापुर मार्गका चौहरीकरण करें ।

९. धर्मपुरी फाटा-पंढरपुर मार्ग छःपरतका (Six-lane) करें ।

उपस्थित मान्यवर    

पालकीमालिक ह.भ.प. बालासाहेब आरफलकर, पालकी समारोह प्रमुख डॉ. प्रशांतजी सुरू, ह.भ.प. राजाभाऊ चोपदार, ह.भ.प. बालासाहेब चोपदार, श्री संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर माऊली पालकी समारोह दिंडी समाजके अध्यक्ष ह.भ.प. भानुदास महाराज ढवलीकर ह.भ.प. नामदेव महाराज वासकर, ह.भ.प. राणोमहाराज वासकर, वारकरी फडकरी दिंडी संगठनके अध्यक्ष ह.भ.प. ज्ञानेश्वर माऊली महाराज जलगावकर, ह.भ.प.महाराज मोरे (देहूकर), सचिव ह.भ.प. मारुति महाराज कोकाटे, ह.भ.प. चैतन्य महाराज कबीर, ह.भ.प. भाऊमहाराज फुरसुंगीकर, ह.भ.प. भागवत महाराज चवरे, ह.भ.प. एकनाथ महाराज (राजूरकर), हिंदू जनजागृति समितिके श्री.सुनील घनवट, सर्व दिंडीप्रमुख चालक-मालक आदि ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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