आषाढ शुक्ल ८ , कलियुग वर्ष ५११५
|
रायपुर, बिलासपुर – सुकमा घाटी में नक्सलियों के हाथों खेत रहे शहीद सिपाही दीपक उपाध्याय की पत्नी को मुआवजे का चेक देने पहुंचे केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री डॉ. चरणदास महंत के पसीने उस समय छूट गए जब शहीद की पत्नी ने कहा कि सर प्लीज इस पैसे से जवानों के लिए बुलेट प्रूफ गाड़ियां खरीद लें। शहीद सिपाही की पत्नी की इस पेशकश से महंत सन्न रह गए। उन्हें तत्काल कुछ बोलते नहीं बना। उन्होंने किसी तरह खुद को संभाला और फिर शहीद की पत्नी को समझाने-बुझाने में लग गए। शहीद की पत्नी पांच लाख रुपये का चेक लेने से इन्कार करती रही। आखिर में जब मंत्री जी ने उसे इसके लिए आश्वस्त किया कि जवानों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे तब वह चेक लेने के लिए राजी हुई।डॉ महंत सुकमा घाटी में नक्सलियों के हमले में शहीद हुए छत्तीसगठ पुलिस के सिपाही दीपक उपाध्याय के परिजनों से मिलकर उन्हें केंद्र सरकार की ओर से दी गई सहायता राशि के रूप में पांच लाख रुपये का चेक देने सोमवार को मोपका पहुंचे थे।महंत के साथ उनकी पत्नी ज्योत्सना भी थीं। ज्ञात हो कि नक्सलियों ने २५ मई को एक रैली से लौट रहे कांग्रेसी नेताओं के काफिले पर भीषण हमला किया था। इस हमले में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं और उनकी सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों समेत ३० से अधिक लोग मारे गए थे। इन सुरक्षा कर्मियों में अनेक ऐसे थे, जिन्होंने अंतिम सांस तक नक्सलियों से मोर्चा लिया था। कई सुरक्षा कर्मी इसलिए नक्सलियों का आसान निशाना बन गए थे, क्योंकि उनके पास पर्याप्त गोलियां नहीं थीं।
स्त्रोत : जागरण . कोम