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हिंदूद्वेषी सह्याद्रि समाचारप्रणालद्वारा भ्रष्टाचारका समाचार छिपानेका अश्लाघ्य प्रयास !

आषाढ शुक्ल ११ , कलियुग वर्ष ५११५

हिंदुओ, शासनका भ्रष्टाचार छिपानेका प्रयास करनेवाले सह्याद्रि प्रणालका बहिष्कार करें !

श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिरका भ्रष्टाचार प्रकरण 

मुंबई – हिंदू विधिज्ञ परिषदने १५ जुलाईकी दोहपरको पंढरपुरके श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समितिके भ्रष्ट कार्यकी पोल खोली थी । इस पत्रकार परिषदमें सह्याद्रि समाचारप्रणालके प्रतिनिधि उपस्थित थे । उस समय इन प्रतिनिधियोंने समितिके मुंबई जनपद समन्वयक श्री. शिवाजी वटकरका साक्षात्कार आयोजित किया था । सह्याद्रि समाचारप्रणालने  इसे प्रसारित करनेमें टालमटोल किया । अनेक बार पीछा करनेके पश्चात ही यह समाचार प्रसारित हुआ ; किंतु उस समय जानबूझकर ध्वनि प्रक्षेपक बंद रखा गया था । (हिंदुओ, वर्तमानका यह समाचारप्रणाल भ्रष्ट राजनेताओंके अधिकारमें होनेके कारण कभी भी वे उनके भ्रष्टाचारका सत्य समाचार जनतातक नहीं पहुंचाएंगे । इस स्थितिमें परिवर्तन लाने हेतु हिंदू राष्ट्रकी स्थापना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

धर्माभिमानी हिंदू निम्न निर्देशित संपर्क क्रमांकपर निषेध प्रविष्ट कर रहे हैं ।

दूरदर्शन सह्याद्रि प्रणाल

दूरदर्शन केंद्र, ग्लैक्सोके पास तथा सिमन्सके सामने,

पांडुरंग बुधकर मार्ग, वरली, मुंबई – ४०००१८

संपर्क क्रमांक : +९१-२२-२४९०८०५०, २४९३७६०४

फैक्स क्रमांक : +९१-२२- २४९३८७८८


श्री विठ्ठल-रुक्मिणी देवस्थानका भ्रष्टाचार छिपानेका अश्लाघ्य प्रयास 

सह्याद्रिके प्रतिनिधिने १५ जुलाईकी संध्या ७ तथा रात्रि ९.३० बजे प्रणालपर प्रसारित होनेवाली समाचारपत्रिकामें श्री. वटकरका साक्षात्कार प्रसारित करनेकी स्वीकृति दी थी; किंतु उस समय साक्षात्कारका प्रसारण नहीं हुआ । (हिंदुओंको ठगनेवाला सह्याद्रि समाचारप्रणाल ! यदि इसी स्थानपर किसी मुसलमानका साधारण समाचार भी होता, तो ये समाचारप्रणाल तुरंत उसे प्रसारित करते हैं; किंतु हिंदू असंगठित होनेके कारण ही ये हिंदुओंकी आत्मीयताके विषयोंको दूर रखते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) अतः श्री. वटकरने १६ जुलाईको प्रणालके समाचारसंपादक श्री. चक्रवर्तीको संपर्क किया । उस समय श्री. चक्रवर्तीने बताया कि १५ जुलाईको अधिक समाचार प्रसारित करना था, इसलिए पत्रकार परिषदका समाचार प्रसारित नहीं किया गया । (भक्तोंका धन हडप किया जाता है, यह भक्त तथा पूरे समाजके लिए महत्त्वपूर्ण विषय है, इस समाचारको टालकर अन्य समाचारोंको प्राधान्य देनेवाले समाचार संपादक हिंदूद्रोही ही हैं ! इससे यह सिद्ध होता है कि राजनेताओंका भ्रष्टाचार छुपानेवाले लोग ही इस प्रकारके प्रणालके प्रमुख स्थानपर होते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) 

श्री. वटकरके इस  मुंहतोड परत्युत्तरसे सह्याद्रिके समाचार संपादक शांत हुए !

श्री. वटकरने बताया कि विठ्ठल मंदिरका प्रस्तुत घपला जनताके अत्यंत आत्मीयताका तथा महत्त्वपूर्ण विषय था । सह्याद्रि प्रणाल शासकीय है; अर्थात उसपर लगान देनेवाले नागरिकोंका भी अधिकार है । अतः तुम्हें यह समाचार प्रसारित करना ही होगा । (शासकीय प्रणालके समाचार संपादकोंको निर्भीकतासे उनके कर्त्तव्यका भान करनेवाले हिंदू जनजागृति समितिके श्री. वटकरका अभिनंदन ! इस प्रकारके धर्माभिमानी सर्वत्र होने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) उसपर श्री. चक्रवर्तीने बताया, क्षमा करें; किंतु अब हम कुछ भी नहीं कर सकते । (अल्प मात्रामें भी समाजका ऋण स्वीकार न करनेवाले इस प्रकारके समाचारप्रणाल जनप्रबोधन क्या करेंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इसपर श्री. वटकरने क्षात्रवृत्तिसे बताया, आप जानबूझकर यह समाचार प्रसारित नहीं कर रहे हैं । अब मैं विरोधी दलनेता श्री. एकनाथ खडसेके पास जाता हूं । वे यह विषय प्रमुखमंत्रीको बताएंगे तथा कार्रवाईकी मांग करेंगे । इसपर श्री. चक्रवर्ती हडबडा गए । उन्होंने बताया, ठीक है, मैं मंत्रालयके प्रतिनिधियोंको आपके साक्षात्कारका आयोजन करनेके लिए बताऊंगा । (नाक दबाकर मुंह खोलनेवाले संपादकोंको हटाना ही चाहिए ! – संपादक) 

ध्वनिचित्रमुद्रणकी ध्वनि बंद कर दमन करनेका अश्लाघ्य प्रयास 

तत्पश्चात सह्याद्रिके प्रतिनिधिने श्री. वटकरसे भेंट की । उसने बताया कि १५ जुलाईको आयोजित साक्षात्कार पर्याप्त है । आपका तथा श्री. खडसेका साक्षात्कार एक ही समयपर आयोजित करेंगे । तदुपरांत पुनः संध्याकालके ७.३० बजे वे संवाददाता श्री. वटकरको ढूंढते हुए आए । श्री. वटकरका साक्षात्कार विधानभवनके पासवाले विभागमें आयोजित किया । रात्रि ८.३० बजे उन्होंने दूरभाषपर समितिके प्रसिद्धिपत्रक ई-मेलद्वारा भेजनेकी बात कही, रात्रि ९.३० के समाचारमें आपका समाचार प्रसारित करेंगे । तदनुसार प्रसिद्धिपत्रक भेजा गया; किंतु तदुपरांत श्री. चक्रवर्तीने पुनः श्री. वटकरको सूचित किया कि अभी डान्स बारपर होनेवाली पाबंदी हटाई, इस प्रकारके महत्त्वपूर्ण समाचार आए हैं । अत: आपका समाचार कल (१७ जुलाईको ) सुबह ८.१५ बजे प्रसारित करेंगे । (यह है, शासनकी लालफीतेशाहीके कार्यका उदाहरण ! इससे साधारण नागरिक यह अनुमान  लगा सकता है कि शासकीय विभागमें किस प्रकारके कार्य चलते हैं । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) तदनुसार १७ जुलाईकी समाचारपत्रिकामें निवेदिकाद्वारा समाचार प्रसारित किया गया; किंतु श्री. वटकरके डेढ मिनटोंके साक्षात्कारमें एक मिनटसे भी अधिक समय उसकी ध्वनि  बंद रखी गई थी । (लोगो यह ध्यानमें रखें कि शासकीय समाचारप्रणालपर आपका अधिकार नहीं रहा, वे तो राजनेताओंके हाथोंकी कठपुतलियां हैं ! ऐसे  हिंदूद्रोही समाचारप्रणालोंको दंड देने हेतु उन्हें वैध मार्गसे फटकारना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) 

स्त्रोत :दैनिक सनातन प्रभात 

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