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विधान परिषदमें गूंजेगी हिंदू विधिज्ञ परिषदद्वारा उजागर की गई भ्रष्टाचारकी टंकार !

आषाढ शुक्ल ११ , कलियुग वर्ष ५११५

विपक्षियोंके स्थगन प्रस्तावके समक्ष शासन झुका !


मुंबई – श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समितिने श्रद्धालुओंके अर्पण किए गए धनका भारी मात्रामें भ्रष्टाचार किया है । इस संदर्भमें विपक्षनेता श्री. विनोद तावडेने १८ जुलाईको २८९ के अनुसार स्थगन प्रस्ताव प्रस्तुत किया । इस समय सभागृहमें उपस्थित उपमुख्य मंत्री अजीत पवारने शासनकी ओरसे विचार-विमर्श करनेकी सिद्धता दर्शाई ।  इसलिए सभापति  शिवाजीराव देशमुखने निर्णय दिया कि इस विषयपर अगले सप्ताहमें विचार-विमर्श होगा, जिसके लिए ३ घंटोंका समय दिया जाएगा ।

विपक्षनेता श्री विनोद तावडेने कहा

१. आषाढ  एकादशी  एकदम पासमें आ गई है । ऐसी स्थितिमें मंदिर समितिपर लगाए आरोप गंभीर स्वरूपके हैं ।

२. देवस्थानकी १ सहस्र २२० एकड भूमिमें भक्तोंने ५०० एकडसे अधिक भूमि  देवस्थानको दान-स्वरूप दी है । उसका विनियोग किसप्रकार किया जा रहा है, इसका विवरण समितिके पास नहीं है ।

३. वर्ष २००२ से देवस्थानके लेखा परीक्षणमें प्रचुर मात्रामें त्रुटियां पाई गईं; परंतु जानबूझकर उनकी उपेक्षा की गई ।

४. रसीद पुस्तकोंपर नंबर नहीं दिए गए हैं ।

५. अर्पणमें प्राप्त निधिको अधिकोषमें जमा करनेकी अपेक्षा थैलेमें  बांधकर रखा गया है ।

६. आषाढ एकादशीकेएक दिन पूर्व विधानमंडलमें भ्रष्टाचारके विषयमें विचार-विमर्श करना पडे, यह दुर्भाग्यपूर्ण है ।

७. इससे पूर्व यात्रामार्गके चौहरीकरणके विषयमें मांग करनेपर शासकीय विभागोंने दायित्व नहीं लिया था । क्या अब श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिरके भ्रष्टाचारका दायित्व कोई लेगा ?

(कहते हैं), राज्यशासन सभी आरोपोंके विषयमें अन्वेषण करेगा !  – अजीत पवार

उपमुख्यमंत्री अजीत पवारने कहा कि देवस्थान समितिके अध्यक्ष अण्णा डांगे इससे पूर्व प्रतिपक्षियोंके साथ कार्य करते थे । इसलिए द्वेषभावनासे प्रेरित होकर विपक्षियोंद्वारा यह आरोप लगाए जानेकी संभावना है ।

( श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिरका भ्रष्टाचार किसी राजनीतिक पक्षद्वारा नहीं, अपितु  हिंदू विधिज्ञ परिषदद्वारा सूचना अधिकारका उपयोग कर भक्तोंके कल्याण हेतु उजागर किया गया है । ऐसा होते हुए भी इस संदर्भमें राजनीति करनेवाले उपमुख्य मंत्री जहां भी होंगे, क्या वहां इस भ्रष्टाचारके  विषयमें वास्तवमें निरपेक्षतासे विचार-विमर्श होगा ? विपक्षियोंको चाहिए कि इस संदर्भमें वे अब सरकारसे अन्वेषण तंत्रोंद्वारा  उच्चस्तरीय जांचकी  मांग  करते रहें ! संपादक,  दैनिक  सनातन प्रभात ) शासन इन आरोपोंका सूक्ष्मतासे अन्वेषण करेगा । साथ ही अगले सप्ताह इसपर विस्तृत रूपसे विचार-विमर्श किया जाएगा जिसपर उत्तर देनेके लिए शासन सिद्ध है ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात 

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