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नरेंद्र मोदी बने प्रधानमंत्री तो जरूर बनेगा राम मंदिर: सुब्रमण्यम स्वामी

श्रावण कृष्ण १ , कलियुग वर्ष ५११५


एनडीए के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि राम मंदिर बीजेपी का नहीं हिंदुस्तान का एजेंडा है. उन्होंने २०१४ लोकसभा चुनावों के लिए एनडीए को जीत का मंत्र देते हुए कहा कि हिंदू वोटों को इकट्ठा करो और मुस्लिम वोट का विभाजन करो तो जीत मिल जाएगी । आज तक के सीधी बात कार्यक्रम में राहुल कंवल से विशेष बातचीत में सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि शिया मुस्लिम एनडीए के साथ हैं ।

एक सवाल के जवाब में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- ‘हम चाहते हैं कि हमारा वोट बैंक बढ़ जाए । मेरा तो ये मानना है कि हिंदू वोट बैंक को इकट्ठा करो और मुसलमान वोट बैंक को विभाजित करो ।’

क्या धर्म के नाम पर राजनीति देश के लिए खतरनाक नहीं है, इस सवाल के जवाब में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- ‘ऐसी राजनीति क्यों नहीं होनी चाहिए । शिया के साथ पाकिस्तान में अन्याय हो रहा है? हम ८० फीसदी हिंदू हैं और अगर १४ प्रतिशत मुसलमान में से ७ प्रतिशत हमारे साथ आ भी जाएंगे तो ये ख़तरनाक कैसे हो जाएगा । हम मुसलमानों को मनाना चाहते हैं और आज शिया और कई मुसलमान हमारे साथ हैं. आज मुस्लिम समुदाय विभाजित हो गया है ।'

आखिर मोदी ने खुद को हिंदू राष्ट्रवादी क्यों कहा, इस सवाल पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- ‘मोदी से किसी ने ये सवाल पूछा था कि क्या आप हिंदू राष्ट्रवादी हैं । तो उन्होंने कहा कि हां, मैं हिंदू भी हूं और राष्ट्रवादी भी हूं. इसलिए हिंदू राष्ट्रवादी हूं. मोदी ने ये बयान दिया था ।

अयोध्या में राम मंदिर बनवाने संबंधी अमित शाह के बयान पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- ‘राम मंदिर बीजेपी और एनडीए के एजेंडे में हमेशा से ही रहा है । बीजेपी और एनडीए में कोई फर्क नहीं है. दोनों एक ही मत के हैं. मंदिर तो बनना ही है । मैं तो कहता हूं कि ये हिंदुस्तान का एजेंडा है. एनडीए का तो दायित्व केवल उसे निभाने का है ।'

एक सवाल के जवाब में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- ‘अगर २०१४ में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो बीजेपी अयोध्या में राम मंदिर बनवाएगी. वो कानून के अनुसार मंदिर को बनवाएंगे और मुसलामानों को भी मनाएंगे ।’

कांग्रेस की नाकामी के बजाय अब मोदी को लेकर धर्म निरपेक्षता और कम्यूनिज्म की बातें हो रही हैं, इस सवाल पर सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा- ‘नरेंद्र मोदी के भाषणों में कोई मंदिर का जिक्र नहीं है । सभी बातें शासन प्रणाली की हैं । गुजरात दंगों में एक भी एफआईआर मोदी के नाम पर नहीं है और ये केस बनावटी लगते हैं । मैं सरकार में रहा हूं और मैं जानता हूं । मैं कभी १९८४ के दंगों के लिए राजीव गांधी को ज़िम्मेदार नहीं मानता, क्योंकि उनके पास तजुर्बा होता तो वो कुछ करते. जैसे हम लोगों ने १९९१ में तमिलों पर अत्याचार नहीं होने दिया. सेना को भेजकर मामला सुलझा लिया ।’

कांग्रेस ने खाद्य सुरक्षा बिल पर पूछे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा- ‘ज़मीन पर लोग समझते हैं कि ये धोखेबाज़ हैं क्योंकि वो देख रहे हैं कि अनाज सड़ रहा है । ६० मिलियन खरीद कर वो ९० प्रतिशत सब्सिडी में दे पाए ऐसा मुमकिन नहीं है । इनके पास मशीनरी नहीं है. इंदिरा गांधी ने १९७४ में ट्राई किया था, फिर व्यापारियों से माफ़ी मांगी । ये स्कीम केवल दिखाने के लिए है पर ये हकीकत में कभी नहीं चलेगी ।

स्त्रोत : आजतक

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