श्रावण कृष्ण ४ , कलियुग वर्ष ५११५
हिंदू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था ही देवताओंका अनादर रोक सकती है, इस विश्वासके साथ स्थानीय हिंदुओंने समितिके पास संपर्क किया !
उत्तर कन्नड – जनपदके शिरसी गांवमें एक व्यक्तिके घरके पास दीवारके बाडपर (कंपाऊंडवालपर) देवताओंके छायाचित्रवाली टाईल्स लगी थी । अतः कुछ जागृत धर्माभिमानी हिंदुओंने यह बात हिंदू जनजागृति समितिके ध्यानमें लाई । समितिके कार्यकर्ताओंद्वारा प्रबोधन करनेके पश्चात गृहस्वामीने वे छायाचित्र निकाल दिए ।
१. शिरसीमें एक व्यक्तिने उसके बाडकी दीवारपर देवताओंके छायाचित्र लगाए थे ।
२. ये छायाचित्र एक रिक्शाचालकके ध्यानमें आए । उसे अत्यंत दुःख हुआ; इसलिए उसने उस गृहस्वामीसे भेंट करने हेतु कुछ लोगोंको इकट्ठा किया ।
३. उन लोगोंने सूचित किया कि सनातन संस्थाके साधक तथा हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंसे भेंट करें । वे देवताओंके अनादरके विरोधमें अच्छी तरहसे जागृति करते हैं । उसने समितिके श्री. अशोक कुडाळकरको संपर्क किया तथा इस संदर्भमें सूचना दी ।
४. श्री. कुडाळकरने उन लोगोंको बताया कि हम शांतिसे गृहस्वामीका प्रबोधन करेंगे ।
५. तदुपरांत उन सभीने गृहस्वामीका प्रबोधन किया । गृहस्वामीने धर्माभिमानियोंकी बात स्वीकार की ।
६. उस समय तक पत्रकार उस स्थानपर पहुंच गए थे तथा उन्होंने भी यह समाचार प्रकाशित किया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात