श्रावण कृष्ण ६, कलियुग वर्ष ५११५
आज काँग्रेस के राज्य में लोगों के साथ साथ अब हमारे मंदिर भी सुरक्षित नहीं है । इस तरह की निष्क्रिय सरकार को हटाकर अब ‘हिंदू राष्ट्र’ की स्थापना करना अनिवार्य हो गया है । – संपादक
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शिमला – देवभूमि के रूप में पहचाने जाने वाले हिमाचल प्रदेश से देवता गायब हो रहे हैं। प्राचीन वस्तुओं की चोरी व तस्करी करने वाले चोर और तस्कर विभिन्न मंदिरों से देवताओं की प्राचीन मूर्तियां चुराकर ले जा रहे हैं, जिनकी कीमत लाखों-करोड़ों में है ।
बीते सप्ताह चोर शिमला से १२० किलोमीटर दूर रोहरू शहर के नजदीक बचुंच गांव में तीन शताब्दी पुराने बोंदरा ‘देवता’ मंदिर से छह प्राचीन मूर्तियां चुरा ले गए, जिनकी कीमत डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है ।पुलिस के अनुसार, हाल के दिनों में धार्मिक स्थलों से हुई ये बड़ी चोरियों में से एक है ।
पिछले १५ साल में मंदिरों से करीब १०० चोरियों की वारदात सामने आई हैं, जिनमें २० से अधिक सुर्खियों में रहे ।पुलिस ने इन चोरियों में नेपाली अप्रवासियों का हाथ होने की आशंका जताई है ।उन्हें संदेह है कि विदेशी तस्करों के साथ मिलकर वे धार्मिक स्थलों पर चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं ।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) संजय कुमार ने कहा, ‘यह एक गंभीर मुद्दा है ।हम निश्चित तौर पर जल्द ही सभी प्रसिद्ध मंदिरों एवं मठों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करेंगे |’ उन्होंने कहा कि मंदिर एवं मठ समितियों से उन स्थानों पर लोहे की ग्रिल लगाने के लिए कहा गया है, जहां मूर्तियां एवं आभूषण रखे जाते हैं ।उन्होंने कहा, ‘हम उन्हें मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे और अलार्म लगाने के लिए भी आश्वस्त करेंगे |’
राज्य के महत्वपूर्ण मंदिरों की देखरेख करने वाले राज्य के भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि कई चोरियों के बावजूद राज्य में प्राचीन वस्तुओं की सुरक्षा को लेकर कोई नीति नहीं है ।हिमाचल में मंदिरों से मूल्यवान वस्तुओं की होने वाली चोरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि २००८ से २०११ के बीच ३३.८३ लाख रुपये की मूर्तियों एवं कीमती वस्तुओं की चोरी हुई, जिनमें से ५.४९ लाख रुपये मूल्य की वस्तुएं बरामद कर ली गईं ।इसकी जानकारी पांच अप्रैल, २०११ को स्वयं राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने विधानसभा में दी थी ।
स्त्रोत : legendnews