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कनाडामें संपन्न हिंदु धर्मजागृति सभामें धर्मरक्षाके लिए सक्रिय होनेहेतु हिंदुओंका निश्चय !

ज्येष्ठ कृ १, कलियुग वर्ष ५११४

धर्माचरण एवं साधनाके माध्यमसे ही परम आनंदका अनुभव करना संभव है – आचार्य विवेक गुप्ता, चिन्मय मिशन

हिंदु मंदिर बचाओ धर्मजागृति सभाके लिए २५० धर्माभिमानियोंकी उपस्थिति


बाएंसे आचार्य विवेक गुप्ता, श्री योगेश गंद्रे, श्रीमती

रिशिता गडोया एवं भावना शिंदे-हर्ली

मिसिसागा  ‘हिंदु हेरिटेज सेंटर’ एवं ‘फोरम फॉर हिंदु अवेकनिंग’ की ओरसे एक संयुक्त सभा आयोजित की गई ।  नायगाराके चिन्मय मिशनकेआचार्य विवेक गुप्ताद्वारा हिंदु धर्मजागृति सभामें प्रतिपादित किया गया कि धर्माचरण एवं साधनाके माध्यमसे ही परम आनंदका अनुभव करना संभव है । भौतिक सुखसे ऐसा आनंद मिल पाना असंभव है । यह सभा यहांके ‘हिंदु हेरिटेज सेंटर’ के सभागृहमें संपन्न हुई । सभाका शुभारंभ शंखध्वनि एवं वेदपठनसे किया गया । इस अवसरपर प्रमुख वक्ताओंके करकमलोंद्वारा दीपप्रज्वलित किया गया । इस सभाके लिए २५० हिंदु धर्माभिमानी  उपस्थित थे ।

आचार्यजीने आगे कहा कि माथेपर तिलक लगाने एवं हिंदु वेशभूषा धारण करनेसे व्यक्ति की सात्त्विकता बढती है एवं ये क्रियाएं साधनाके लिए पोषक सिद्ध होती हैं । हिंदु धर्मशास्त्र, धर्माचरण, देवताओंका अनादर एवं धर्मरक्षाके विषयमें वक्ताओंने उपस्थित व्यक्तियोंमें जागृति निर्माण करनेका प्रयास  किया । इस मार्गदर्शनसे प्रभावित होकर उपस्थित व्यक्तियोंमें अनेक लोगोंद्वारा धर्मरक्षाके लिए सक्रिय होनेकी इच्छा जताई गई ।

अभिव्यक्ति स्वतंत्रताके नामपर हो रहा देवी-देवताओंका अनादर न सहन करें ! – श्री. योगेश गंद्रे, धर्माभिमानी, कनाडा

हिंदुओंकी देवी-देवताओंका अनादर होनेके कारण हिंदुओंपर उसका विपरीत परिणाम हो रहा है एवं उस विषयमें हिंदु जागृत नहीं हैं । हम ध्वनिप्रदूषण अथवा वायुप्रदूषण सहन नहीं करते । उसीप्रकार अभिव्यक्ति स्वतंत्रताके नामपर होनेवाला देवी- देवताओंका अनादर हिंदुओंद्वारा सहन नहीं किया जाना चाहिए ।

 

हिंदुओंको प्रतिदिन कुछ समय धर्मशिक्षा लेने हेतु देना चाहिए ! -श्रीमती भावना शिंदे, फोरम फॉर हिंदु अवेकनिंग

हिंदुओंको धर्माचरण एवं धर्मप्रसार कर आध्यात्मिक प्रगति करने हेतु प्रयत्नशील रहना चाहिए । वर्तमानमें पाठ्यपुस्तकोंके माध्यमसे हिंदु धर्मके विषयमें अयोग्य इतिहास सिखाना, प्रसारमाध्यमोंद्वारा हिंदु धर्मके विषयमें विषवमन, हिंदुओंके मंदिरोंपर आक्रमण आदि हिंदुओंको भयभीत करनेवाली समस्याएं हैं । इन समस्याओंका निर्मूलन करनेके लिए हिंदुओंको दिनमें कुछ समय धर्मशिक्षा लेने हेतु साधनाके लिए देना आवश्यक है ।

इस अवसरपर ‘स्पिरिच्युअल सायन्स रिसर्च फाऊंडेशन’ की श्रीमती रिशिता गडोयाने संस्थाद्वारा किया गया संशोधनकार्य उपस्थित व्यक्तियोंके समक्ष प्रस्तुत किया । श्रीमती गडोयाद्वारा प्रस्तुत विषयसे, हिंदु धर्ममें जो कुछ सिद्धांत हैं, उनका  आधारभूत वैज्ञानिक दृष्टिकोण  सभीको ज्ञात हुआ ।

क्षणिकाएं

१. फोरम फॉर हिंदु अवेकनिंगद्वारा उत्तर अमेरिका, यूरोप एवं आस्ट्रेलियामें आयोजित हिंदु धर्मजागृति सभाओंमें टोरंटोमें होनेवाली यह १४ वीं धर्म जागृति सभा थी ।
२. विद्यार्थियोंको विदेशी भाषाके रूपमें संस्कृत भाषाका ज्ञान देना, बांग्लादेशमें हिंदुओंपर होनेवाले अनाचारोंके संदर्भमें छानबीन करना, हिंदुओंके प्रमुख उत्सवके रूपमें “ दीपावली ” को मान्यता देना आदि प्रस्ताव इस धर्मसभामें सम्मिलित किए गए ।
३. सभाके उपरांत लगभग आधा घंटातक वक्ताओंने उपस्थित जिज्ञासुओंका शंकासमाधान किया ।

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

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