चैत्र कृ. ९ , कलियुग वर्ष ५११४
अब एक बार पुनः हैदराबाद से समाचार है | हैदराबाद के निजाम द्वारा स्थापित किया गया उर्दू माध्यम में ३ लाख विद्यार्थियों को शिक्षा देने वाला ओस्मानिया विश्वविद्यालय अब "गौ-माँस उत्सव" मनाने जा रहा है | विश्वविद्यालय सरकारी संस्थान है और भारतीय संविधान के नीति निर्देशक तत्व सरकार को गौ-वंश के संरक्षण के लिए कानून बनाने का निर्देश देते हैं, लेकिन भारत "सेकुलर" देश है और संविधान बनाने वाले मर चुके हैं |
नेताओं को अल्पसंख्यक वोटों की फसल काटनी है और उसके लिए गाय को काटना और कटवाना उन्हें जरूरी लगता है | लज्जाजनक ये है कि ये "विचार" कुलपति सत्यनारायण का है | आंध्र प्रदेश गौशाला महासंघ ने इस निर्णय का कदा विरोध किया है | ये उत्सव कल से प्रारंभ होगा | गौशाला महासंघ के अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने भारतीय दंड संहिता की धारा ४२८, ४२९, १५३ एवं २९५ के अंतर्गत इसमें संलिप्त लोगों के विरुद्ध पुलिस से कार्यवाही करने की मांग की है परन्तु उस पर अमल होने के आसार नहीं हैं |
स्त्रोत : India – Behind The Lens