मुंबई, (वार्ता.) – ऑस्ट्रेलियाकी ‘ड्रेस डिझायनर’ लिसा ब्ल्यूने हिंदु देवताओंके छायाचित्र होनेवाले बिकीनीकी निर्मिती की थी । ऑस्ट्रेलियाके ‘रोसमाऊंट फॅशन विक’में कुछ मॉडेल्सने हिंदु देवताओंके छायाचित्र होनेवाली बिकीनी परिधान कर ‘कॅट वॉक’ करनेपर जगतके हिंदुओंने विरोध दर्शाया । हिंदु जनजागृति समितिद्वारा यह विडंबन रोकने हेतु ‘ऑनलाईन’ आंदोलन हाथमें लिया गया । बहुसंख्य हिंदुओंने लिसा ब्ल्यूको संगणकीय पत्र लिखकर उनका धिक्कार किया । इसकी दखल लेकर लिसा ब्ल्यूने हिंदु जनजागृति समितिको संगणकीय पत्र भेजा है । ‘इन बिकीनिओंका उत्पादन एवं वितरण रोकनेका निर्णय लिया है’, ऐसे उस पत्रमें लिखा है ।
ब्ल्यूने लिखे पत्रमें, ‘मैं सभी लोगोंका आदर करती हूं । हिंदुओेंकी धार्मिक भावनाको ठेंस पहुचानेका मेरा उद्देश नहीं था । विविध लोगोंकी संस्कृतिके विषयमें लोगोंको जानकारी हो, इसी उद्देश्यसे मैंने बिकीनीपर देवी महालक्ष्मीका चित्र निकाला था । इसी विषयमें मैं हिंदुओंकीr क्षमा मांगती हूं’, ऐसा लिखा है ।
From: < [email protected]>
Date: Sat, May 7, 2011 at 11:52 AM
Subject: Statement from swimwear label Lisa Blue
Statement from swimwear label Lisa Blue:
Lisa Blue has been born out of a love of conservation, spirituality and a respect for all people. At no time would we ever have intended that the brand would cause offence. The use of images of Goddess Lakshmi was not in any way a measure of calculated risk taking, simply it was a desire to celebrate different cultures and share that through our brand.
We would like to offer an apology to anyone we may have offended and advise that the image of Goddess Lakshmi will not appear on any piece of Lisa Blue swimwear for the new season, with a halt put on all production of the new range and pieces shown on the runway from last week removed. This range will never be available for sale in any stockists or retail outlets anywhere in the world.
We apologise to the Hindu community and take this matter very seriously.
मेलबर्न। बिकनी पर हिंदू देवी लक्ष्मी की तस्वीर का प्रिंट छापने के कारण विवादों में आई ऑस्ट्रेलिया की स्वीमिंग कॉस्ट्यूम कंपनी लीसा ब्लू स्विमवियर ने हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए माफी मांगी है।
कंपनी द्वारा जारी बयान के मुताबिक, 'अगर हमारे कारण आपकी भावनाएं आहत हुई हैं, तो हम उसके लिए माफी मांगते हैं। आगामी सत्र में लीजा ब्लू स्विमवियर में देवी का चित्र प्रकाशित नहीं होगा। इसी के साथ फैशन शो के दौरान रैंप पर पेश बिकनी को भी बाजार से हटा लिया गया है।'
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते सिडनी में आयोजित ऑस्ट्रेलियन फैशन शो के दौरान इस कंपनी ने बिकनी पहने एक मॉडल को रैंप पर उतारा। बिकनी के आगे और पीछे लक्ष्मी देवी का चित्र बना हुआ था। इस पर हिंदू समुदाय ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी।
बयान में कहा गया है, 'स्विमवियर की फैशन शो में प्रदर्शित रेंज दुनिया में किसी भी कंपनी आउटलेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होगी। हम हिंदू समुदाय से माफी मांगते हैं और इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं।'
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Source: http://in.jagran.yahoo.com/news/international/general/3_5_7698772.html
ऑस्ट्रेलिया में फैशन वीक के दौरान एक मॉडल के देवी लक्ष्मी की तस्वीर वाली बिकीनी पर धर्माचार्यों और धार्मिक संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। अयोध्या में संतों का गुस्सा उबाल पर है। यहां के साधु-संतों ने सरकार द्वारा चुप बैठने पर दिल्ली में आंदोलन तक की धमकी दे दी है।
रामजन्मभूमि न्यास परिषद के सदस्य डॉ. राम विलास दास वेदांती ने कहा कि यह हमारी संस्कृति का बहुत बड़ा अपमान है। नग्नता के साथ धर्म और आस्था का खिलवाड़ करने वाले माफी मांगें। सरकार को ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाना चाहिए। देवी-देवताओं के ऐसे अपमान पर सरकार चुप रह सकती है, लेकिन साधु-संत और जनता चुप नहीं बैठेगी। जरूरत पड़ी तो हम दिल्ली में संसद का भी घेराव करेंगे।
सियाराम किला झुनकी घाट के महंत करुणानिधान शरण जी ने कहा कि ईश निंदा सबसे बड़ा अपराध है। यह उनकी अज्ञानता का परिचायक है, लेकिन बार-बार ऐसी घटना होने के बावजूद सरकार की चुप्पी समझ से परे है।
मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने कहा कि ये सारी घटनाएं हिन्दुओं के धीरुपन के कारण हो रही हैं। ऐसी धारणा बन गई है कि कुछ भी करो, हिन्दू बर्दाश्त करते रहेंगे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हम हिन्दुओं को संगठित कर रहे हैं। जो अभी (नेता) हमारी बात नहीं सुन रहे, कल बखूबी सुनेंगे।
विश्व हिन्दू परिषद के मीडिया प्रभारी, यूपी शरद शर्मा ने कहा कि ऐसी हास्यास्पद घटनाओं की जितनी निंदा की जाए, कम है। बार बार हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान हो रहा है। यह इस देश की विडंबना है अगर ऐसी घटना किसी अन्य समुदाय के साथ हो तो सरकार तुरंत हरकत में आ जाती है। भारतीय छात्रों के साथ मारपीट के मुद्दे पर भी सरकार चुप रही, लेकिन यह उससे भी बड़ा मुद्दा है और संतों के बीच आगे की कार्रवाई पर विचार विमर्श जारी है।
प्रभु वंदन एवं जन सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रभंजनानंद शरण जी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से हमारे रिश्तों पर असर पड़ सकता है। बेहतर होगा कि वे अपनी सीमाओं को समझें। राग-द्वेष और संकीर्ण मानसिकता की जगह अपनी ऊर्जा विकास और सांस्कृतिक समृद्धि में लगाने की सोचें तो बेहतर होगा।
source:http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/8185787.cms