श्रावण कृष्ण १०, कलियुग वर्ष ५११५
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लखनऊ (उत्तर प्रदेश) – समाजवादी पार्टी नेता के परिवारवालों से लड़कियों के बचाने वाले दारोगा शैलेंद्र प्रताप सिंह ने धमकियों से परेशान होकर इस्तीफा दे दिया । नौ बजे एसएसपी मथुरा गुलाब सिंह को अपना इस्तीफा सौंप दिया । करीब एक घंटे तक एसएसपी ने उन्हें समझाया । एसएसपी ने इस्तीफा भी लौटा दिया ।
मथुरा में तैनात दारोगा ने आगरा में लड़कियों से छेड़छाड़ कर रहे सपा नेता के परिवारवालों पर शिकंजा कसने का प्रयास किया तो उनके ऊपर हर तरफ से दबाव पड़ने लगा। वह अपने ही अफसरों के लिए बेगाने हो गए। इससे परेशान बल्देव में तैनात दरोगा शैलेंद्र प्रताप ने एसएसपी मथुरा को इस्तीफा सौंपा, जिसे लौटा दिया गया। इस्तीफे में दरोगा ने धमकियों के साथ अधिकारियों के रुख को जिम्मेदार ठहराया।
सब इंस्पेक्टर शैलेंद्र प्रताप और उनके भाई अरविंद सोमवार को बाइक से घर जा रहे थे । इसी दौरान उनको सिकंदरा में करकुंज चौराहे के पास एक्टिवा सवार युवतियों का चार कार सवार युवक पीछा करते हुए दिख गए । दरोगा ने युवतियों को सुरक्षित बचाया। इसके बाद भीड़ ने छेड़छाड़ करने वाले युवकों से मारपीट कर दी गई । इस बीच सपा नेता विष्णु प्रधान और उनके साथियों ने सब इंस्पेक्टर और उनके भाई अरविंद को जमकर पीटा । अरविंद ने लाइसेंसी रिवाल्वर से फायर कर किसी तरह अपनी जान बचाई ।
इस मामले में सिकंदरा थाने में सपा नेता विष्णु प्रधान उनके दो बेटे और भतीजों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया। घटना के २४ घंटे तक थाना पुलिस दबिश देती रही और आरोपी सपा नेता विष्णु प्रधान सपा के जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर डीआइजी के यहां चाय की चुस्कियां ले आया । व्यथित शैलेंद्र ने अधिकारियों से पीड़ा बताई । इसके बाद भी कोई राहत नहीं मिली। शैलेंद्र ने बताया अधिकारियों से उन्हें कार्रवाई के आश्वासन के बजाय उल्टी डांट मिली । यही नहीं सपा नेताओं की धमकियों से बच्चों का पढ़ने के लिए जाना मुश्किल हो गया है ।
स्त्रोत : दैनिक जागरण