श्रावण कृष्ण १२ , कलियुग वर्ष ५११५
बरखा रॉयद्वारा हिंदूद्वेषी चित्रकार म.फि. हुसैनको महानता !
मुंबई – हिंदूद्वेषी चित्रकार म.फि. हुसैनने जानबूझकर हिंदू देवीदेवताओंके नग्न छायाचित्र मुद्रित कर करोडों हिंदुओंकी भावना पैरोंतले कुचली थी । इस संदर्भमें उनपर बंदीनामा (वारंट) निकाला गया था । ऐसे हुसैनके जीवनपर चित्रपट निर्मात्री बरखा रॉयने चित्रपटकी निर्मिति कर हुसैनको उसकी मृत्युके पश्चात भी महानता देनेका प्रयास किया है । (केवल कला नैपुण्यका लाभ नहीं, अपितु यदि उसके साथ नैतिकता भी होगी, तो ही उस व्यक्तिको आदर्श कहा जाता है । इस चित्रपटद्वारा समाजको हुसैनका दूसरा रूप ज्ञात न होगा, इसलिए समाजको निश्चित दिशा प्राप्त होना असंभव है । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इस संदर्भमें मत प्रदर्शित करते हुए बरखा रॉयने बताया, वर्ष १९८२ में मैंने ‘सनम तेरी कसम’ इस चित्रपटकी निर्मिति की थी । उस समय मैंने हुसैनसे भेंट की । उन्होंने मेरे साथ कार्य करनेकी इच्छा व्यक्त की थी । वह अधूरी रह गई, उसे पूरी करनेका एक हिस्सा अर्थात मैंने हुसैनके जीवनपर चित्रपट बनाया है । ‘माई फ्रेंड हुसेन' यह इस चित्रपटका नाम है ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात