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दुबई मेट्रो में भारतीय को धोती पहनकर यात्रा करने से रोका

श्रावण कृष्ण १३ , कलियुग वर्ष ५११५

क्या इसे इस्लामी राष्ट्रका धर्मनिरपेक्षतावाद कहेंगे ? भारतमें बुरकेपर प्रतिबंध लगाया जाए, तो क्या ठीक होगा ? इस विषयमें भारतके तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी क्या कुछ कहेंगे ?


दुबई – दुबई की मेट्रो ट्रेन में ६७ साल के एक भारतीय को सिर्फ इसलिए सफर करने से रोक दिया गया कि उसने पारंपरिक परिधान धोती पहन रखी थी।

पीड़ित व्यक्ति की बेटी मधुमती ने बताया कि रविवार को एतिसलात मेट्रो स्टेशन के पंचिंग गेट के निकट एक पुलिसकर्मी ने उन्हें रोका और कहा कि उनके पिता ने जो पहनावा पहन रखा है, उसकी यहां इजाजत नहीं है और वह यह पहनकर मेट्रो में नहीं जा सकते हैं।

एक स्थानीय समाचार पत्र को मधुमती ने बताया कि मैंने पुलिसकर्मी से आग्रह किया कि हमें अंदर जाने दिया जाए, लेकिन उसने हमें अनसुना कर दिया। वाकई में यह शर्मिदा करने वाली बात है और मेरे पिता बहुत परेशान थे।

उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिसकर्मी को यह समझाने का पूरा प्रयास किया कि धोती एक पारंपरिक भारतीय लिबास है, जो शरीर को पूरी तरह ढकती है।

मधुमती ने कहा कि उनके पिता यहां कई बार धोती पहनकर मेट्रो में घूम चुके हैं, लेकिन किसी ने नहीं रोका था।

सड़क एवं परिवहन प्राधिकरण के अनुसार, यात्रा को लेकर कोई ड्रेस कोड तय नहीं है। मधुमती ने इस मामले में औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज करवा दी है।

स्त्रोत : जागरण

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