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भ्रष्टाचारके विरुद्ध किए आंदोलनके विषयमें पुलिसद्वारा समितिके कार्यकर्ताओंसे पूछताछ !

श्रावण शुक्ल ६ , कलियुग वर्ष ५११५

पंढरपुरके श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समितिके भ्रष्टाचारके विरुद्ध किए धरना आंदोलनके विषयमें पुलिस द्वारा हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताओंसे पूछताछ !

आतंकवादियोंकी नहीं, अपितु राष्ट्र एवं धर्म हेतु कार्य करनेवालोंकी पूछताछ करनेवाली पुलिस !

पंढरपुरके श्री विठ्ठल-रक्मिणी मंदिर समितिके भ्रष्टाचारके विरुद्ध हिंदू जनजागृति समितिने ४ अगस्तको राज्यव्यापी धरना आंदोलन किया । इस आंदोलनकी पूछताछ करने हेतु ५ अगस्तको दोपहर १ बजे एक पुलिस अधिकारीने समितिके एक कार्यकर्ताके भ्रमणभाषपर संपर्क किया । उस अवसरपर पुलिस अधिकारीने राज्यव्यापी आंदोलनके समय की गई मांगोंके विषयमें पूछताछ की । कार्यकर्ताद्वारा पुलिस अधिकारीसे उसका पूरा नाम पूछनेपर भी उसने वह न बताकर केवल उपनाम तथा विशेष विभागसे बोल रहा हूं, ऐसा बताया ।
६ अगस्तको पुन: इस पुलिस अधिकारीने समितिके कार्यकर्तासे संपर्क कर मिलनेके विषयमें पूछा । कार्यकर्ताने तब समय न होनेकी बात कही ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

एक शहरमें अपराध अन्वेषण विभागकी पुलिसद्वारा हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ताकी पूछताछ !

श्रावण शुक्ल ६ , कलियुग वर्ष ५११५

आतंकवादियोंको छोड राष्ट्र एवं धर्म हेतु कार्य करनेवाले धर्माभिमानियोंकी पूछताछ करनेवाली हिंदू द्वेषी पुलिस !

अपराध अन्वेषण विभागकी पुलिसने हाल ही में हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्तासे पूछताछ की । उस अवसरपर निम्नांकित वार्तालाप हुआ ।
पुलिस : कहां हो ? क्या सनातनका कार्य करते हो ?
कार्यकर्ता : अभी समय नहीं मिलता । अत: नहीं करता ।
पुलिस : अभी क्या चल रहा है ?
(कार्यकर्ताने, जो काम कर रहा है, उसके विषयमें बताया । )
पुलिस : इस शहरमें प्रमुख कौन है ?
कार्यकर्ता : प्रमुख ऐसा कोई नहीं रहता ।
पुलिस : जैसे दूसरे हिंदुत्ववादी संगठनोंके होते हैं, वैसे तुम्हारे भी मुख्य होंगे ना ?
कार्यकर्ता : वैसा कोई नहीं होता ।
पुलिस : मुझे दैनिक सनातन प्रभात आरंभ करना है । इस शहरके एक क्षेत्रमें दो अन्य जनोंको भी दैनिक चाहिए ।
कार्यकर्ता : मेरे पास किसीका संपर्क क्रमांक नहीं है ।
पुलिस : कुछ दिन पूर्व सनातनपर बंदीकी कार्यवाही आरंभ थी । अत: तुम जानकारी नहीं दे रहे हो; किंतु तुम जानते नहीं कि मुख्य व्यक्ति इसी क्षेत्रमें है । तुम कल किसी भी हालतमें मुझे उनके संपर्क क्रमांक दो, उससे मुझे दैनिक आरंभ करनेमें तथा साहित्य लेनेमें सुविधा रहेगी । (यदि मुख्य व्यक्ति एक शहरमें है, यह पुलिस जानती है, तो पूछताछ क्यों ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
कार्यकर्ता : वर्तमानमें मेरी व्यक्तिगत समस्याओंके कारण मैं डेढ वर्ष पूर्वसे किसीके संपर्कमें नहीं हूं । अत: मैं सद्यस्थिति नहीं जानता ।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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