चैत्र कृ. ११, कलियुग वर्ष ५११४
हिंदुओ, आजतक मुसलमानों अथवा ईसाईयोंके एक भी प्रार्थनास्थलमें चोरी नहीं हुई है अथवा गहने लापता नहीं हुए हैं, यह ध्यानमें रखें !
हिंदुओ, सरकारीकरण किए गए अधिकांश मंदिरोंसे गहने एवं नगद राशि लापता होना यह राजनेताओंद्वारा भ्रष्टाचार ही है, इस सत्यको भली-भांति समझ लें !
कासरगोडू (केरल), १८ अप्रैल (वृत्तसंस्था) – केरलमें स्थित कासरगोडूके मधुरू सिद्धिविनायक श्रीमद अनंतेश्वर मंदिरसे २ करोड ५० लाख रुपए मूल्यके गहने लापता हुए हैं । ये गहने भक्तोंद्वारा भगवानको चढाए गए थे । लेखाविभागद्वारा मंदिरके आर्थिक व्यवहारोंकी सविस्तार छानबीन करनेपर २ करोड ५० लाख रुपये मूल्यके गहने लापता होनेकी घटना उजागर हुई है । लेखा पथकका नेतृत्व लेखा विभागके ज्येष्ठ उपसंचालक विनोदकुमारने किया ।
(सहस्रों वर्षोंसे मंदिर भक्तोंके नियंत्रणमें थे, तब इन मंदिरोंमें ऐसे घोटाले कभी नहीं हुए थे । जैसे ही मंदिर भ्रष्ट राजनीतिज्ञोंके नियंत्रणमें गए, वैसे ही वहां इन राजनीतिज्ञोंने भ्रष्टाचार आरंभ कर दिया । आज राजनेता हिंदुओंके मंदिरोंको डकैतों समान लूट रहे हैं । इस स्थितिमें परिवर्तन लानेके लिए हिंदु राष्ट्र स्थापित करना अनिवार्य है ! – संपादक)
जो गहने लापता हो गए हैं, उनकी सूची बनाई गई है । राज्यके देवस्वममंडल व्यवहार मंत्रीसे इस प्रकरणकी छानबीन करनेके आदेश देने हेतु विनती की गई है । सरकारको इस विषयमें शीघ्र ही ब्यौरा सुपुर्द किया जानेवाला है । भगवानको प्रतिदिन पहनाए जानेवाले गहने जैसेके तैसे हैं ; परंतु कुछ विशेष एवं मूल्यवान गहनोंकी चोरी हुई है ।
मलबार देवस्वम मंडलके मंदिरोंमें श्रीमद अनंतेश्वर एक विशेष श्रेणीप्राप्त मंदिर है । प्रतिवर्ष लेखापालद्वारा इस मंदिरकी संपत्तिके ब्यौरेकी छानबीन होती है एवं तुलनात्मक प्रविष्टि की जाती है । इस वर्ष गहनोंके विषयमें अत्यधिक अंतर प्रतीत हुए । अतः देवस्थानमें करोडों रुपयोंकी हानि होनेका अनुमान लगाया गया है । इससे पूर्व अनेक बार मलबार देवस्वम मंडलकी कार्यपद्धतिके विषयमें संदेह व्यक्त किया गया था तथा मंदिरकी निधिमें भ्रष्टाचार होनेका आरोप भी लगा था । मलबार देवस्वम मंडलके सदस्य एवं मंदिरकी स्थायी समितिके अध्यक्ष कोट्टारा वासुदेवने कहा कि मंदिरके २ करोड ५० लाख रुपए मूल्यके गहने गायब होने के संदर्भमें उन्हें कुछ भी जानकारी नहीं है । मंडलके उपायुक्त एम. सगुणनने सूचित किया कि देवस्वम मंडलको कलंकित करनेके लिए ही ऐसी अफवाहें फैलाई जाती हैं । (यदि यह सत्य है, तो अफवाहें फैलानेवालोंके विरोधमें सगुणन कानूनन कार्यवाही क्यों नहीं करते ? वे कानूनी कार्यवाही नहीं करते, इसका अर्थ यह है कि ‘दालमें कुछ काला’ कहीं कुछ गडबड । हिंदु राष्ट्रमें मंदिरका कामकाज भक्तोंको सौंप दिया जाएगा । राजनेताओंद्वारा अबतक की गई मंदिरोंकी लूटकी छानबीन कर सभी अपराधियोंको कडा दंड दिया जाएगा ! – संपादक)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात