श्रावण शुक्ल ८ , कलियुग वर्ष ५११५
हिंदूनिष्ठोंने सोलापुरमें हिंदू देवी-देवताओंपर आलोचना कर हिंदूओंका धर्मपरिवर्तन करनेका प्रयास करनेवाले ईसाईयोंका षडयंत्र विफल किया !
अल्पसंख्यकोंकी चापलूसी करनेवाले कांग्रेसके राज्यमें इसके अतिरिक्त और क्या हो सकता है ?
हिंदुओ, ईसाईयोंद्वारा बारबार होनेवाले छलकपटको टालने हेतु ‘हिंदू राष्ट्र’ स्थापित करें !
सोलापुर – केदारनाथ यात्राके समय उत्तराखंडमें आई प्राकृतिक आपत्तिका लाभ उठाकर यहांके बापूजीनगर क्षेत्रमें हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन करनेका प्रयास करनेवाले ईसाई पादरियोंका षडयंत्र हिंदूनिष्ठोंने विफल किया । ( धर्मशिक्षाके अभावमें धर्माचरण न करनेवाले हिंदुओंकी अज्ञानताका लाभ उठानेका प्रयास करनेवाले ईसाई पादरियोंका षडयंत्र विफल करनेवाले सोलापुरके हिंदूनिष्ठोंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस संदर्भमें पुलिसद्वारा नरमीकी भूमिका अपनाई गई है, जिससे पुलिसने अपना दायित्व झटककर उस पादरीको केवल नोटिसके माध्यमसे समझ दी है ! ( वैचारिक सुंथा हुए राजनेताओंकी भीगी बिल्ली बने पुलिसकर्मी इसके अतिरिक्त और क्या करेंगे ? यह स्थिति परिवर्तित करने हेतु ही ‘हिंदू राष्ट्र’ आवश्यक है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) शिवसेना एवं अन्य हिंदूनिष्ठ संगठनोंने सदर बजार पुलिसमें देवी-देवताओंकी विडंबना करनेवाले पादरियोंके विरोधमें अपराध प्रविष्ट करनेकी लिखितपरिवाद (शिकायत) की है; परंतु पुलिस निरीक्षक मोहन शिंदेने इस संदर्भमें कोई निश्चित निर्णय नहीं लिया । इसलिए हिंदूनिष्ठ संतप्त हुए । ( यदि पुलिसकी निष्क्रियताके कारण हिंदुओंका संयम समाप्त हो गया, तो क्या पुलिस उसका दायित्व स्वीकार करेगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. ४ अगस्तको बापूजीनगरके समाज मंदिरमें पादरी योहान कानेपागुलूने सूचित किया कि यदि उत्तराखंडमें येशू ईश्वर रहता, तो वहांके सहस्रावधि लोगोंके प्राण नहीं जाते । हिंदुओंके ईश्वरके कारण ही महाप्रलय आया । ( इससे पूर्व विदेशमें अधिकांश समय आए प्रलय तथा तूफान आदि घटनाओंमें अनेक लोग मृत हुए । क्या उस समय येशुने ईसाईयोंकी रक्षा की ऐसा प्रश्न पूछना उचित है ?– संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
२. बापूजीनगर क्षेत्रके हिंदुओंने आरोप लगाया कि इस वक्तव्यसे हिंदुओंकी धर्मभावनाएं आहत हुई हैं । ( हिंदुओ, केवल आरोप लगानेकी अपेक्षा ऐसे धर्मांधोंके झूठका उत्तर देने हेतु धर्मशिक्षा प्राप्त कर संगठित होइए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
३. शिवसेना, बजरंग दल, विहिंपके साथ सभी हिंदूनिष्ठ संगठनोंके संतप्त कार्यकर्ताओंने इस संदर्भमें पुलिस थानेमें परिवाद (शिकायत) प्रविष्ट कर पादरियोंपर कार्यवाही करनेकी मांग की; परंतु पुलिस निरीक्षक शिंदेने दोनों समाजकी बैठक आयोजित की । ( पुलिसकर्मी कार्यवाही करनेके स्थानपर ऐसी कथित शांतिपूर्ण बैठक आयोजित कर नागरिकोंके साथ अपने समयका भी अपव्यय करते हैं तथा झूठे पादरियोंको अन्य स्थानपर छलकपट करनेका अवसर देते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. इस बैठकमें अनेक हिंदुओंने पादरियोंके वक्तव्योंके संदर्भमें अपनी भावना आहत होनेके संदर्भमें लिखित आपत्ति व्यक्त की ।
५. इस अवसरपर शिवसेनाके नगराध्यक्ष सर्वश्री प्रताप चौहान, महेश धाराशीवकर, बजरंग दलके अंबादास गोरंटला, मनसेके प्रशांत इंगले, राकेश मन्सावले, जय सालुंखेके साथ हिंदूनिष्ठ संगठनोंके प्रमुख मोहन शाहीर, जौन फुलारे, श्रीदेवी फुलारे, विश्वास नवगिरे, सुहास बावडेकर आदि उपस्थित थे ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात