श्रावण शुक्ल ५/६, कलियुग वर्ष ५११५
पंढरपुर श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिरके भ्रष्टाचारके संदर्भमें
उपजनपद अधिकारी श्री. मनोज गोहाडको निवेदन देते हुए धर्माभिमानी |
ठाणे – पंढरपुरके श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिरके शासन नियुक्त समितिद्वारा किया गया घपला सामने आनेके पश्चात संपूर्ण देशमें उसके निषेधार्थ प्रदर्शनी तथा आंदोलनके समान विभिन्न माध्यमोंसे संताप व्यक्त हो रहे हैं । साथ ही इस्कॉन मंदिरकी भूमिपर मेट्रो रेल प्रकल्प हेतु किया जानेवाला अधिग्रहण रोकना चाहिए, इसलिए ठाणे उपजनपद अधिकारी श्री. मनोज गोहाडको हिंदू जनजागृति समितिद्वारा निवेदन प्रस्तुत किया गया ।
श्री क्षेत्र पंढरपुरके श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिरमें अपहार, एवं भ्रष्टाचारका कारण सामने रखकर शासनने पंढरपुर मंदिर अधिनियम १९७३ के नुसार वर्ष १९८५ में मंदिर नियंत्रणमें लिया । तदुपरांत हिंदू विधिज्ञ परिषदने जानकारी अधिकारका उपयोग कर यह स्पष्ट किया कि पिछले कुछ वर्षोंमें मंदिरके शासन नियुक्त समितिने देवस्थानके धनका भीषण घपला किया है । अतः शासनको इस विषयकी ओर गंभीरतासे ध्यान देना चाहिए, साथ ही इस्कॉनके मंदिरकी भूमि मेट्रो रेल प्रकल्पके लिए अधिग्रहित करनेके निर्णयसे शासन हिंदुओंकी किसी भी भावनाका विचार न कर मूक सहमति दे रहा है । हिंदू धर्ममें मंदिरोंका महत्त्व अनन्य साधारण है । शासनद्वारा २००८ में भी इन मंदिरोंको नियंत्रणमें लेनेका प्रयास हुआ था, अतः इस निवेदनमें यह प्रस्तुत किया गया है कि भविष्यमें इस प्रकारका अधिग्रहण न हो तथा मंदिरोंके स्थानोंको वैधानिक सुरक्षा प्राप्त हो ।
यह निवेदन प्रस्तुत करनेके लिए धर्माभिमानी तथा हिंदू जनजागृति समितिके सर्वश्री नंदकिशोर ठाकुर, प्रताप पंडित, श्री. तथा श्रीमती माळकर, श्रीमती वैशाली सामंत, कु. पुष्पा सावंत, कु. दीपाली कदम एवं श्रीमती सुहासिनी दोंदे आदि उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात