श्रावण शुक्ल १३, कलियुग वर्ष ५११५
प्रामाणिक अधिकारियोंको सूचना !प्रशासकीय सेवामें कार्यरत सर्वत्रके सनदी अधिकारियो, अन्य धर्मियोंकी चापलूसी अथवा तत्सम कारणों हेतु शासनकर्ता यदि आपके सहकारियोंपर कार्यवाही करें, तो शासनकर्ताओंके हाथका खिलौना न बनकर निषेध व्यक्त करें ! नहीं तो आज आपके सहकारीपर आया संकट कल आपपर भी आएगा । |
शासनकर्ताओंके काले धंधे सामने लानेकी घटनामें अनेक सनदी अधिकारियोंके प्रामाणिक एवं कर्तव्यनिष्ठ होनेके महत्त्वका आकलन निलंबन, स्थानांतरण अथवा परिवादके रूपमें किया गया है; किंतु वे बिलकुल भी नहीं डगमगाए तथा पीछे भी नहीं हटे । उसके कुछ उदाहरण आगे दिए हैं ।
१. अशोक खेमका, हरियाणा
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अक्तूबर २०१२ में सोनिया गांधीके दामाद रॉबर्ट वडेरा तथा डी.एल.एफ. आस्थापनके बीच भूमिके संदर्भमें अवैध करारनामा सनदी अधिकारी, अशोक खेमकाने निरस्त किया । अत: उनका स्थानांतरण किया गया । स्थानांतरणके नए स्थानपर – हरियाणा बिजली विकास निगममें पांच माहके अंदर उन्होंने वहांका भी गैरव्यवहार सामने लाया ।
२. विकास कुमार, राजस्थान
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सॉफ्टवेअर अभियंतासे भारतीय पुलिस सेवामें (आइ.पी.एस.) अधिकारी बने विकास कुमारने २०१२ में भरतपुरके अवैध खनन माफियाओंकी गुप्त बातें सामने लार्इं । इस विषयमें पुलिसका अन्वेषण चल ही रहा था कि विकास कुमारका स्थानांतरण कर दिया गया ।
३. समित शर्मा, राजस्थान
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समित शर्मा चित्तौडगढके विभागीय न्यायदंडाधिकारीके पदपर कार्यरत थे । २०१० में स्थानीय कांग्रेस विधायककी एक लिपिकके स्थानांतरणकी अवैध मांग पूरी करनेसे उन्होंने इन्कार किया था । अत: उनका भी स्थानांतरण किया गया ।
४. श्रीमती दुर्गाशक्ति नागपाल, उत्तरप्रदेश
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२८ वर्षीय सनदी अधिकारी श्रीमती दुर्गाशक्ति नागपालकी उत्तरप्रदेशके गौतम बुद्ध नगर जिलेके उपविभागीय दंडाधिकारीके पदपर नियुक्ति हुई थी । वहांके करदपुर गांवकी एक अनधिकृत मस्जिद तोडनेका आदेश देनेपर केवल ४१ मिनिटोंमें उनको निलंबित किया गया । यह कारण केवल ऊपरी स्तरपर दिखता है, उनके स्थानांतरणके पीछे मुख्य कारण था, खनन माफियाओंपर भी उन्होंने कार्यवाही की है । उन्होंने अवैध पद्धतिसे रेत ले जानेवाले ३०० ट्रक पकडे थे ।
५. मुग्धा सिन्हा, राजस्थान
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२०१० में झुंझुनीकी पहली महिला जिलाधिकारी मुग्धा सिन्हाने स्थानीय माफियाओंके विरुद्ध लडाई लडी । अत: उनका भी स्थानांतरण किया गया । उस समय स्थानीय लोग मुग्धा सिन्हाके समर्थनमें खडे हो गए ।
६. उमाशंकर, तमिलनाडू
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१९९० दलके (बैचके) भारतीय पुलिस सेवाके (आइ. पी.एस.) वरिष्ठ अधिकारी उमाशंकरने गुप्तचर विभागके संयुक्त आयुक्तके पदपर रहते हुए द्रमुक पक्षके नेता मारन बंधुओंके विरुद्ध कार्यवाही की थी । अत: उन्हें निलंबित किया गया था ।
७. संजीव चतुर्वेदी, हरियाणा
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संजीव चतुर्वेदी २००२ दलके (बैचके) भारतीय वन सेवाके अधिकारी हैं । हरियाणामें ७ वर्षोंकी सेवामें उन्होंने अनेक घोटाले सामने लाए ।उनके विरुद्ध पांच अपराध प्रविष्ट किए गए । उन्होंने सितंबर २०१२ में सर्वोच्च न्यायालयमें एक याचिका प्रविष्ट कर सामने लाए अनेक घोटालोंकी केंद्रीय अन्वेषण विभाग द्वारा पूछताछ करनेकी मांग की है ।
८. दमयंती सेन, बंगाल
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दमयंती सेन कोलकाता पुलिसके अपराध विभागकी पहली महिला प्रमुख हैं । भारतीय पुलिस सेवाकी (आइ.पी.एस. ) अधिकारी सेनने फरवरी २०१२ में ‘पार्क स्ट्रीट सामूहिक बलात्कार ’ की घटनाका अन्वेषण किया । उसमें उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बानर्जीद्वारा ऐसी घटना न घटनेका किया दावा अनुचित होने की बात सिद्ध की । तत्पश्चात दो माहमें ही उनका स्थानांतरण किया गया ।
९. सोनाली कुमार, जम्मू एवं कश्मीर
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कबाब एवं बिरियानीके स्थानपर सैंडविच तथा शीतपेय का प्रीतिभोज देनेसे जम्मू-कश्मीर प्रशासनकी सनदी अधिकारी सोनाली कुमारको स्थानांतरणके आदेशका सामना करना पडा । जम्मू-कश्मीरके विशेष न्यायालयमें उनका स्थानांतरण किया गया है । भारतीय प्रशासकीय सेवाकी १९७९ दलकी (बैचकी) वरिष्ठ अधिकारी सोनाली कुमार अप्रैलसे जम्मू-कश्मीर राज्यकी मुख्य निवासी आयुक्तके पदपर नई देहलीमें कार्यरत थीं ।
१०. पंकज चौधरी, राजस्थान
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राजस्थान स्थित पोखरन कांग्रेसके विधायक साले मुहम्मदके पिताजी गाजी फकीरका भारत-पाक सीमा तस्करीसे संबंध होनेके प्रमाण देनेवाली धारिका (फाईल) जैसलमेरके पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरीने पुन: खोली । चौधरी उसके पिताजीपर कार्यवाही करेगा यह बात ध्यानमेंआते ही साले मुहम्मदने मुख्यमंत्री अशोक गेहलोतसे संपर्क कर जैसलमेरसे उनके स्थानांतरणका आदेश निकलवाकर प्रशिक्षण केंद्रमें नियुक्ति की ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात