श्रावण शुक्ल १४ , कलियुग वर्ष ५११५
लाखों हिंदुओंपर अत्याचार कर उनकी हत्या करनेवाले, हिंदुओंके सहस्रों मंदिर तोडकर वहां मस्जिदका निर्माणकार्य करनेवाले तथा लाखों हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन करनेवाले क्रूरकर्मी टीपू सुलतानके वंशज धर्मांधोंको रोकने हेतु धर्मप्रेमियोंको सत्तामें लाना अनिवार्य है !
कडबा (कर्नाटक) – स्वतंत्रतादिवसके उपलक्ष्यमें निकाली गई फेरीमें धर्मांधोंने हिंदू जागरन वेदिकाके (हिंदू जागरन मंचके ) नेतासे टीपू सुलतानका जयघोष करनेका आग्रह किया । इसलिए वहां तनाव उत्पन्न हुआ । इस संदर्भमें पुलिसने तीन धर्मांधोंको नियंत्रणमें लिया तथा उनसे प्रतिभूपत्र लेकर उन्हें छोड दिया ।
१. यहांके एम. एस. उपाधि महाविद्यालयद्वारा कडबामें फेरी निकाली गई थी । इस फेरीमें महाविद्यालयके विद्यार्थी एवं कुछ संगठनोंके पदाधिकारी सम्मिलित हुए थे ।
२. इस अवसरपर ‘हिंदू जागरन वेदिका’ के कडबा तहसील संचालक श्री. मोहन कौला ध्वनिक्षेपकके माघ्यमसे घोषणाएं कर रहे थे । अंतमें सम्मिलित कुछ धर्मांध मुसलमानोंने इन घोषणाओंपर आपत्ति उठाई । उन्होंने श्री. कौलाको टीपू सुलतानके नामकी घोषणा करनेका आग्रह किया ।
३. शोभायात्राके उपरांत यहां सभा आयोजित की गई । इस अवसरपर धर्मांधोंद्वारा की गई मांगके संदर्भमें बतानेपर यहां तनावयुक्त वातावरण उत्पन्न हुआ ।
४. पुलिसकर्मियोंको यह ज्ञात होते ही वे घटनास्थल पर पहुंचे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात