श्रावण शुक्ल १३ , कलियुग वर्ष ५११५
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शत्रुके विरोधमें लडने हेतु वीरगति प्राप्त सैनिककी माताको शस्त्र हाथमें लेनेकी इच्छा होना कायर कांग्रेसियोंके लिए लज्जाजनक है !
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वीरगति प्राप्त कुंडलिक मानेके परिवारवालोंको हिंदूनिष्ठोंद्वारा सहायता
वीरगति प्राप्त कुंडलिक मानेकी पत्नी श्रीमती राजश्रीको सहायता राशि देते हुए श्री. सुनील घनवट (छायाचित्रकार : श्री. सचिन कौलकर, कोल्हापुर) |
कोल्हापुर – पाकिस्तानद्वारा भारतकी सीमापर किए गए आक्रमणमें वीरगति प्राप्त सैनिक कुंडलिक मानेकी माता श्रीमती ज्ञानूबाई मानेने गौरवपूर्ण उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझे इस बातका अभिमान है कि मेरा पुत्र कुंडलिक देशके लिए वीरगतिको प्राप्त हुआ । यदि समाजके अनेक लोगोंने मुझे सहायता की, तब भी मेरा गया पुत्र वापस नहीं आएगा । मेरे पुत्रका देशके लिए किया बलिदान स्थायी रूपसे याद रहेगा । उसने सभीके समक्ष आदर्श प्रस्तुत किया है । इतना होते हुए भी कांग्रेस सरकार पाकिस्तानसे लडनेका निर्णय न लेकर मौन है । यदि मुझे शस्र दिया गया, तो मैं भी देशके लिए लडूंगी ।
१७ अगस्तको हिंदू जनजागृति समितिके नेतृत्वमें हिंदूनिष्ठोंने पिंपलगांव (तहसील कागल, जनपद कोल्हापुर) में वीरगति प्राप्त कुंडलिक मानेके परिवारवालोंसे सदिच्छा भेट कर उनको सांत्वना दी । इस अवसरपर श्रीमती मानेने उपर्युक्त उदगार व्यक्त किए, जिससे सभी हिंदूनिष्ठोंको राष्ट्र एवं धर्मके प्रति कार्य करनेकी स्फूर्ति मिली । हिंदू जनजागृति समितिके महाराष्ट्र राज्य प्रवक्ता श्री. सुनील घनवटने वीरगति प्राप्त कुंडलिक मानेकी पत्नी श्रीमती राजश्री मानेको सहायताके रूपमें १० सहस्र रुपए दिए ।
इस अवसरपर वीरगति प्राप्त कुंडलिक मानेके परिवारवाले एवं उनके पुत्र उपस्थित थे । साथ ही हिंदू एकता आंदोलनके प्रांत उपाध्यक्ष श्री. दिलीप भिवटे, बजरंग दलके जनपदाध्यक्ष श्री. संभाजी सालुंखे, शिवसेनाके कागल नगरप्रमुख श्री. किरण कुलकर्णी, नरवीर शिवा काशीद प्रतिष्ठानके संस्थापक अध्यक्ष श्री. नीलकंठ माने, हिंदू जनजागृति समितिके कार्यकर्ता एवं सनातनके साधक आदि उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात