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कांग्रेसके राष्ट्रघाती ढीलेपनसे चीन एवं पाक भारतपर आक्रमण करनेका साहस दिखाते हैं !

श्रावण पूर्णिमा / भाद्रपद कृष्ण १


चीनने ‘थंडर ड्रॅगन २०१४ ’ यह योजना बनाई है । इस योजनानुसार चीन एवं पाकिस्तान मिलकर भारतके विरुद्ध युद्ध आरंम करेंगे । भारतकी अमेरिकाके साथ बढती निकटता एवं बढती आर्थिक शक्ति, ये युद्धके कारण हैं । इस युद्धमें अमेरिका भारतकी किसी भी प्रकारकी सहायता नहीं करेगा, भारतीय सुरक्षा तज्ञोंने ऐसा बताया है । भारतको संभ्रमित करने हेतु पाककी सेना चीनकी ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ के साथ तिब्बतके लोखा क्षेत्रमें आक्रामक सेनाभ्यास करेगी । उसी समय पाक भारतमें ख्रिस्ताब्द २००८ के मुंबई आक्रमण जैसा बडा आतंकवादी आक्रमण करवाएगा । आक्रमणके कारण भारतीय जनताके दबावसे भारतका प्रशासन पाकव्याप्त कश्मीरमें आक्रमण करेगा । पाक भारतीय शहरोंपर आक्रमण कर उसका प्रत्युत्तर देगा । भारत एवं पाक युद्धके तीन सप्ताह पश्चात चीन भारतपर लद्दाखके मार्गसे आक्रमण करेगा । भारतीय सेनाके भूतपूर्व मेजर जनरल बक्षीने भी `इंडियन मिलिटरी रिव्यू’ नियतकालिकके लेखमें कहा कि भारतकी बढती आर्थिक शक्ति एवं अमेरिकाके साथ हो रही निकटता ये दो  चीन तथा भारतके युद्धका कारण होंगे । भारतके एक और भूतपूर्व मेजर जनरल आर.के.अरोडाकी दी गई जानकारीके अनुसार चीन भारतसे लगकर उसके क्षेत्रमें रेल, भूमि मार्ग, तेलवाहिनियोंका जाल बुन रहा है । साथ ही उसने ब्रह्मपुत्र नदीके दक्षिण क्षेत्रमें बडा सेनातल निर्माण किया है । चीनने सारी सिद्धता अत्यंत अल्प कालावधिमें की है । इस क्षेत्रमें चीनकी इतनी सिद्धता है कि वह किसी भी क्षण भारतसे युद्ध आरंभ कर सकता है । चीनकी सिद्धताका सामना करना भारतके लिए बहुत ही कठिन है ।

कांग्रेस प्रशासनकी पुरुषार्थहीन परराष्ट्र नीतिके कारण चीन पाकव्याप्त कश्मीर हडप करनेकी स्थितिमें !

२०२० तक चीन पाकके नियंत्रणका पाकव्याप्त कश्मीर हथियाएगा, ऐसा ब्यौरा  `इन्स्टीट्यूट ऑफ डिफेंन्स स्टडीज् ऐण्ड एनालिसिस (आई.डी.एस.ए.)’ ने केंद्रप्रशासनको दिया है । ‘आई.डी.एस.ए.’ संस्था सुरक्षा विभागकी सलाहकार संस्था है ।

अरुणाचल प्रदेशका विभाजन कर उसका कुछ हिस्सा मांगनेवाला चीन, अर्थात कांग्रेस प्रशासनकी असफल परराष्ट्रनीतिका परिणाम !

भारत-चीनमें कुछ दशक पूर्वसे सीमावाद है । चालाक एवं विस्तारवादी चीनने इस प्रश्नके संदर्भमें भारतपर दबाव डालने हेतु दो वर्षोंमें कमसे कम ५०० बार भारतमें घुसपैठ की है । वर्तमानमें दोनों राष्ट्रोंमें सीमाप्रश्नपर हुए १५ वीं फेरीकी (दौरकी ) बैठकमें चीनके प्रतिनिधि डाई बिंगूने आक्रामक होकर भारतके भूतपूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेमनसे पूछा कि भारतद्वारा अरुणाचल प्रदेशका कितना क्षेत्र चीनको देनेकी सिद्धता है ? चीनके प्रतिनिधिके प्रश्नसे आश्चर्यचकित भारतीय प्रतिनिधि मंडलने चर्चाको इस सूत्रसे दूसरे सूत्रोंपर ले जानेका प्रयास किया; किंतु चीन पुन:पुन: अरुणाचल प्रदेशका कितना क्षेत्र चीनको देंगे, इसी सूत्रपर अटल था ।

कांग्रेसके पुरुषार्थहीन शासनकर्ताओंके कारण ही, कश्मीर तथा अरुणाचल प्रदेश उसका भूप्रदेश है, चीन ऐसा कहनेका साहस दिखाता है !

चीनने `मैप वर्ल्ड’ नामका संकेतस्थल आरंभ किया है । उसपर चीनने भारतके अरुणाचल प्रदेश राज्यको तिब्बतके दक्षिण क्षेत्रका हिस्सा तथा जम्मू-काश्मीर राज्यके अक्साई चीनको ला झिनजियांग प्रांतका हिस्सा दिखाया है । इस संकेतस्थलका उपयोग आयफोन एवं चीनका भ्रमणभाष एवं संकेतस्थल उपभोक्ता इसके पूर्वसे कर रहे हैं । सीमावादपर अबतक भारत-चीनके बीच १४ बार चर्चा हुई है; किंतु उससे कुछ भी फल निष्पत्ति नहीं निकली । प्रकाशित किए नए प्रारूपके संदर्भमें जानकारी देते हुए चीनके अधिकृत शासकीय वृत्तसंस्थाने कहा है, मैप वर्ल्डके माध्यमसे विश्वसनीय तथा अधिकृत जानकारी देनेका हमारा प्रयास है । संकेतस्थलपर दिए प्रारूपके माध्यमसे चीनकी विस्तृत जानकारी दी गई है । इसमें छोटे छोटे गांवोंकी भी जानकारी दी है ।

अरुणाचल प्रदेशपर बारबार अधिकार दर्शानेवाला चीन, कांग्रेस प्रशासनकी पुरुषार्थहीन परराष्ट्रनीतिका परिणाम !

भारतकी कश्मीर सीमापर चीनकी यातायात बढ गई है । भारतकी सुरक्षाकी दृष्टिसे इसके दीर्घकालीन परिणाम हो सकते हैं, इसका विचार कर भारतको पाकव्याप्त कश्मीरके विषयमें नई नीति अपनानी आवश्यक है । पाक एवं चीनको मिलानेवाले काराकोरम महामार्गद्वारा चीन पाकको अण्वस्र सामग्रीकी आपूर्ति कर सकता है । वर्तमानमें चीन पाकको पाकव्याप्त कश्मीरमें विविध योजना कार्यान्वित करने हेतु सहयोग दे रहा है । इसमें नीलम-झेलम, गोमलजाम, मंगला डैम आदि योजनाए हैं । इनके अतिरिक्त पाकने चीनके साथ अनेक गोपनीय समझौते किए हैं । वर्तमानमें पाकव्याप्त कश्मीरमें चीनके ७ से ११ सहस्र सैनिक उपस्थित हैं । २०२० तक चीन पाकव्याप्त काश्मीरका गिलगिट से बाल्टीस्तानतकका परिसर नियंत्रणमें ले सकता है, न्यूयॉर्क टाईम्समें प्रकाशित लेखके आधारपर ऐसा कहा गया है ।

चीन ब्रह्मपुत्रपर डैम बांध रहा है, किंतु चीनने काम बंद किया है, ऐसा झूठ बोलकर जनताको धोखा देनेवाले कांग्रेसके झूठे परराष्ट्रमंत्री !

भारतके परराष्ट्रमंत्री एस.एम.कृष्णाने कुछ दिन पूर्व बताया था कि चीनने ब्रह्मपुत्रपर डैमका निर्माणकार्य करना रोक दिया है; किंतु उनकी दी जानकारी सरासर झूठी होनेकी बात एक निजी वृत्तवाहिनी द्वारा दिए गए वृत्तमें सिद्ध हुई है । चीनने ब्रह्मपुत्रपर एक बडा डैम निर्माण करनेके साथ ही २४ छोटे डैम बांधनेकी योजना बनाई है । इसमेंसे बडे डैमका काम चीनने रोका नहीं है, ऐसा वृत्त एक निजी वृत्तवाहिनीने एक गुप्त अहवालके आधारपर दिया है ।

पाकव्याप्त कश्मीरमें चीनने ११ सहस्र सैनिक नियुक्त कर युद्धकी सिद्धता करनेतक सोनेवाले कांग्रेसके शासनकर्ता !

चीन गिलगिट तथा बाल्टीस्तान क्षेत्रमें वर्चस्व स्थापित कर रहा है । इसमें पाक उसकी सहायता करता है । अत: अब पाकव्याप्त कश्मीरपर चीनका भी हक होगा । इसका विरोध करने हेतु चीनने ११ सहस्र सैनिकोंको यहां नियुक्त किया है । वर्तमानमें उस क्षेत्रका विश्वसे संपर्क टूट गया है । विस्तारवादी चीनके घुसपैठ करनेपर उसपर उपाययोजना करनेकी अपेक्षा चीन ऐसा नहीं कर रहा है, यह बतानेमें शक्ति खर्च करनेवाला कांग्रेसका विदेश मंत्रालय !

 

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