८४ कोसी यात्रा : शुरू हुआ चौरासी कोस परिक्रमा का कारवां

भाद्रपद कृष्ण १३, कलियुग वर्ष ५११५


वृंदावन – तीर्थो का मुकुटमणि कहे जाने वाले श्रीधाम वृंदावन से हजारों श्रद्धालुओं ने यमुना पूजन और संकल्प लेकर चौरासी कोस परिक्रमा का आगाज कर दिया। ढोलक, मजीरा की धुन पर हरेकृष्ण-हरेकृष्ण के महामंत्र का जाप करते पैदल चल रहे हजारों तीर्थयात्रियों के चेहरे पर चौरासी कोस परिक्रमा का जोश अलग ही झलक रहा था।

श्रीब्रजवासी तीर्थ पुरोहित पंडा सभा के बैनर तले रामदल की चौरासी कोस परिक्रमा यात्रा के लिए श्रद्धालु सोमवार को केशीघाट पहुंचे। यहां यमुना पूजन और यात्रा का संकल्प लेकर सभी पदयात्री गोविंददेव मंदिर पर एकत्रित हुए। यहां से पैदल ही शुरू हुई परिक्रमा यात्रा देर सायं मथुरा पहुंची। यहां रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार को अगले पड़ाव के लिए प्रस्थान करेगी। आयोजक गिरधारी ब्रजवासी ने कहा कि परिक्रमा में आए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

स्त्रोत : दैनिक जागरण


अद्ययावत वार्ता


विहिप के १२९ और कार्यकर्ता गिरफ्तार

२९ अगस्त २०१३


 

लखनऊ – चौरासी कोसी परिक्रमा के लिए निकले विश्व हिंदू परिषद के १२९ कार्यकर्ताओं को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। अब तक कुल दो हजार आठ सौ पैंतालीस कार्यकर्ता गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें १५३९ को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया है। अब भी १३०६ कार्यकर्ता विभिन्न जेलों में निरुद्ध हैं। बुधवार को कुल ४५२ कार्यकर्ताओं को रिहा किया गया। बुधवार को झारखंड के संतों का अयोध्या और फिर वहां से तीस किलोमीटर दूर श्रृंगी ऋषि आश्रम तक जाने का कार्यक्रम था। ये सभी रात को आश्रम के श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में शामिल होने वाले थे। सूचना मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

स्त्रोत : जागरण


८४ कोसी यात्रा : संतों-विहिप का उप्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने जगतगुरु स्वामी राम भद्राचार्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख अशोक सिंहल और कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया को तत्काल छोड़े जाने के आदेश दिए हैं । प्रतिबंध के बावजूद चौरासी कोसी परिक्रमा में भाग लेने की कोशिश में इन लोगों को रविवार को गिरफ्तार किया गया था । पीठ के आदेश के बाद शाम को अशोक सिंहल को रिहा कर दिया गया । वह अमौसी एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गए । इस बीच, चौरासी कोसी परिक्रमा पर प्रतिबंध और संतों और विहिप नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में धरने और प्रदर्शन किए गए । वहीं, सिंहल ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होकर रहेगा । जो भी इसके रास्ते में आएगा, उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी ।

स्वामी रामभद्राचार्य, अशोक सिंहल व प्रवीण भाई तोगड़िया की ओर से स्थानीय वकील रंजना अग्निहोत्री की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर आदेश देते हुए पीठ ने कहा कि यदि आगे निरुद्ध रखने की कोई खास वजह न हो तो इनको हिरासत से तत्काल मुक्त किया जाए । याचिका में आरोप लगाया गया है कि महाकुंभ के दौरान ही धर्म संसद में फैसला हो चुका था कि ८४ कोसी परिक्रमा की जाएगी । याचीगण तथा अन्य साधु-संत धार्मिक आस्था के लिए शांतिपूर्वक ८४ कोसी परिक्रमा करने के प्रयास में थे । फिर भी याचीगणों सहित लगभग २३०० संतों को विधि विरुद्ध तरीके से गिरफ्तार किया गया । प्रदेश सरकार ने एक वर्ग विशेष को खुश करने तथा २०१४ के चुनाव में वोट पाने की लालसा में यह गिरफ्तारियां कराई, जो गैर कानूनी हैं । अदालत ने राज्य सरकार से जवाब तलब करते हुए मामले की अगली सुनवाई मंगलवार २७ अगस्त को नियत की है ।

सरकार तोगड़िया, वेदांती व अन्य की रिहाई के मूड में नहीं

सरकार विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और वेदांती समेत कई संतों, महंतों को अभी रिहा करने के मूड में नहीं है । प्रवीण तोगड़िया, पूर्व सांसद राम विलास वेदांती और पूर्व मंत्री लल्लू सिंह को शाम को एटा जेल के लिए रवाना कर दिया गया । फैजाबाद मंडल कारागार से तोगड़िया को जिला जेल एटा रवाना करने के दौरान काफी देर तक असमंजस की स्थिति बनी रही । दोपहर करीब पौने बारह बजे डीएम ने एंबुलेंस से उन्हें एटा पहुंचाने का निर्देश दिया, लेकिन एंबुलेंस पहुंचने में एक घंटे से अधिक समय लगा । दो चिकित्सकों एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के साथ एंबुलेंस तोगड़िया को लेकर रवाना हुई ।

एडीजी/आइजी कानून-व्यवस्था राजकुमार मिश्रा और गृह सचिव सर्वेश चंद मिश्रा ने बताया कि तोगड़िया की रिहाई का फैसला फैजाबाद के जिलाधिकारी करेंगे । यह पूछे जाने पर कि क्या अदालत ने इनकी रिहाई के आदेश दिए हैं ? जवाब में सर्वेश मिश्रा ने बताया कि अदालत ने कहा है कि यदि इनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर बंद किया गया है तो रिहा किया जाय । इसके लिए विधिक परीक्षण चल रहा है । अशोक सिंहल की रिहाई क्यों और तोगड़िया की क्यों नहीं ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि सिंहल ने दिल्ली जाने की इच्छा जताई थी । उनको सवा छह बजे की एयर इंडिया की फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया । अब उनसे कोई दिक्कत नहीं है । अधिकारियों ने बताया कि आचार्य रामभद्राचार्य को गिरफ्तार नहीं किया गया था ।

राजकुमार विश्वकर्मा ने बताया कि सोमवार की शाम तक कुल २४९७ लोग गिरफ्तार किए गए हैं । इनमें १५३९ जेल में हैं, जबकि ९५८ लोगों को मुचलके पर रिहा किया जा चुका है । लखनऊ, आगरा, कानपुर नगर, कानपुर देहात, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी, चंदौली, गाजियाबाद, कुशीनगर, चित्रकूट महराजगंज, हमीरपुर, उन्नाव आदि जिलों और उरई, मुगलसराय, चारबाग, वाराणसी आगरा फोर्ट, आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार सभी आंदोलनकारी रिहा कर दिए गए हैं । फैजाबाद में निरुद्ध ६३४, बलरामपुर में १६, बस्ती में १४५, बांदा में २०, बाराबंकी में २०३, देवरिया में १७, बहराइच में ४१, सिद्धार्थनगर में ३२, अम्बेडकरनगर में ५९ लोग अभी भी जेल में निरुद्ध हैं ।

इस बीच, बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक राजेश पांडेय ने दावा किया कि ४० स्थानों से सांकेतिक परिक्रमा प्रारंभ हो चुकी है और सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद यह जारी रहेगी ।

हरिद्वार में जबरदस्त प्रदर्शन

हरिद्वार : चौरासी कोसी परिक्रमा तो शुरू नहीं हुई, लेकिन देशभर में विहिप और संतों के प्रदर्शन जारी हैं । इसी क्रम में सोमवार को हरिद्वार के देवपुरा चौक पर विहिप, बजरंग दल, विभिन्न अखाड़ों के संत और भाजपा विधायकों ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया ।

सोमवार को बड़ी संख्या में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के कार्यकर्ता विभिन्न अखाड़ों के संतों के साथ देवपुरा चौक पर एकत्र हुए और उप्र में संतों व विहिप कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन किया । भाजपा के शहर विधायक मदन कौशिक, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, लक्सर विधायक संजय गुप्ता और हरिद्वार ग्रामीण विधायक स्वामी यतीश्वरानंद भी प्रदर्शन में शामिल हुए । इस मौके पर संत महासभा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी सत्यव्रतानंद महाराज ने कहा कि इस धार्मिक यात्रा को रोके जाने में उत्तर प्रदेश सरकार की जितनी निंदा की जाए, कम है ।

प्रदर्शन में जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव महंत स्वामी देवानंद सरस्वती, स्वामी धर्मदास, महंत परशुराम गिरी, स्वामी विवेकानंद गिरी, महामंडलेश्वर यतेंद्रानंद, मेयर मनोज गर्ग, बजरंग दल के संयोजक नितिन गौतम के साथ बड़ी संख्या में विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता मौजूद रहे ।

चिन्मयानंद भेजे गए हरिद्वार

शाहजहांपुर : चौरासी कोसी यात्रा को लेकर मुखर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को आखिरकार प्रशासन हरिद्वार भेजने में सफल रहा । भारी सुरक्षा के बीच सोमवार सुबह उन्हें इलाहाबाद-हरिद्वार एक्सप्रेस ट्रेन से रवाना किया गया । हालांकि, प्रशासन पूरे घटनाक्रम को स्वामीजी की मर्जी बता रहा है लेकिन पूरी कवायद उनको उत्तर प्रदेश की सीमा से बाहर करना ही थी ।

स्वामी चिन्मयानंद की शाहजहांपुर में मौजूदगी से प्रशासन परेशान था । ट्रेन में सवार होने से पूर्व स्वामी चिन्मयानंद नेपत्रकारों से कहा कि वह प्रशासन की मर्जी वाले स्थान पर जा रहे हैं । बता दें कि चौरासी कोसी यात्रा को शनिवार से ही स्वामी चिन्मयानंद पर प्रशासन नजर रखे हुए था ।

स्त्रोत : जागरण


मुलायम का भाजपा पर हमला, योगी आदित्यनाथ ने भी किया पलटवार

नई दिल्ली : विहिप की ८४ कोसी परिक्रमा विरोध की गूंज अब सड़क से संसद तक सुनाई देने लगी है । सोमवार को इस मसले को लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा देश में दंगे का माहौल बना रही है । पार्टी अयोध्या परिक्रमा का साथ देकर उत्तरप्रदेश में गुंडागर्दी कर रही है । उन्होंने कहा कि भाजपा की हालत खिसयानी बिल्ली खंबा नोचे जैसी हो रखी है ।

उन्होंने लोकसभा में भाजपा से पूछा कि क्यों वह हर बार अयोध्या मुद्दा उठाती है । मुलायम ने कहा कि वे तो सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान रहे हैं, लेकिन लगता है भाजपा कोर्ट का आदेश नहीं मानती । अपनी मनमानी करती है । उन्होंने कहा कि इस परिक्रमा को लेकर भाजपा देश का माहौल बिगाड़ रही है । उनके कार्यकर्ताओं ने सपा कार्यालय में तोड़फोड़ भी की । उन्होंने कहा कि परिक्रमा करने वालों को जनता का भी साथ नहीं है ।

इधर, सपा के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ ने यूपी सरकार को बर्खास्त किए जाने की मांग की है । उन्होंने कहा कि इस परिक्रमा में कोई भी राजनीतिक पार्टी शामिल नहीं है । जहां तक रही बात दंगा का माहौल बनाने की तो सपा सरकार के दौरान अबतक ३० से अधिक दंगे हुए हैं । जनता को गुमराह करना सपा का काम है । उन्होंने कहा कि इस परिक्रमा में संतों का अपमान हुआ है । यूपी पुलिस ने दो हजार से भी अधिक संतों को गिरफ्तार किया है, जो नाजायज है ।

स्त्रोत : जागरण


८४ कोसी यात्रा पर अयोध्या में बवाल, तोगड़िया, सिंघल और वेदांती समेत कई VHP नेता गिरफ्तार

२५ अगस्त २०१३

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में VHP की ८४ कोसी परिक्रमा को लेकर माहौल गरमा गया है । परिक्रमा को रोकने के लिए यूपी सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है । वीएचपी (विश्व हिंदू परिषद) के अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया, रामविलास वेदांती और नृत्य गोपाल दास जैसे तमाम बड़े नेताओं की गिरफ्तारी हो चुकी है ।

वीएचपी नेता रामविलास वेदांती और गोपालदास गिरफ्तार

84 कोसी परिक्रमा की वीएचपी की चेतावनी के बाद यूपी सरकार सतर्क है और वीएचपी के कई नेता नजरबंद कर लिए गए हैं । अयोध्या में वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया और रामविलास वेदांती को गिरफ्तार कर लिया गया है । वेदांती को राम की पैड़ी इलाके में गिरफ्तार किया गया, जब वो स्नान के लिए सरयू नदी की ओर जाने की तैयारी में थे । उधर रामजन्म भूमि न्यास परिषद के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास को भी १०० समर्थकों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है । नृत्यगोपालदास महंत को अयोध्या में हिरासत में लेकर उन्हीं के घर में नजरबंद कर दिया गया है । यहां के वर्तमान विधायक रामचंद्र यादव को भी आज सुबह गिरफ्तार कर लिया गया है । राज्य में वीएचपी कार्यकर्ताओं की धरपकड़ भी जारी है. अब तक पूरे यूपी में ४५० से ज्यादा वीएचपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की खबर है ।

अयोध्या से वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया गिरफ्तार

वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया को भी अयोध्या में गिरफ्तार कर लिया गया है । यात्रा पर रोक लगाने के यूपी सरकार के फैसले की प्रवीण तोगड़िया ने कड़ी आलोचना की है और कहा कि यात्रा करना एक लोकतांत्रिक अधिकार है । तोगड़िया ने सवाल उठाया कि संतों को रोकने के लिए लाखों की संख्या में पुलिस के जवानों की क्या जरूरत है ।

लखनऊ से वीएचपी नेता अशोक सिंघल गिरफ्तार

यूपी सरकार ने वीएचपी नेता अशोक सिंघल को लखनऊ एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया है । लखनऊ रवाना होने से पहले दिल्ली में अशोक सिंघल ने कहा था कि मुलायम सिंह यादव वोट बैंक पॉलिटिक्स कर रहे हैं । सिंघल कहा है कि अगर हमें यात्रा नहीं निकालने दी गई तो 18 अक्टूबर  से बड़ा आंदोलन होगा । जबकि कल से ही पूरे देश में धरना प्रदर्शन होंगे. इससे पहले यूपी सरकार ने उनसे अनुरोध किया था कि वो लखनऊ एयरपोर्ट से ही वापस लौट जाएं ।

84 कोसी परिक्रमा से पहले अयोध्या छावनी में तब्दील

यूपी सरकार के मंत्री आजम खान ने कहा कि किसी भी सूरत में यात्रा नहीं होने दी जाएगी । कोसी परिक्रमा से पहले अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया । इलाके में प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं । सरयू घाट और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवान तैनात हैं । फैजाबाद और अयोध्या समेत गोंडा, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, बहराइच, बस्ती जिलों में धारा 144 लागू है । बाराबंकी से फैजाबाद के सभी रास्तों पर पुलिस और दूसरे सुरक्षा बल तैनात हैं ।

फैजाबाद में चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात हैं । फैजाबाद के डीएम के मुताबिक, किसी को भी यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी । गिरफ्तार किए जा रहे वीएचपी कार्यकर्ताओं को रखने के लिए शहर में अलग-अलग जगहों पर 10 अस्थायी जेल बनाए गए हैं ।

अयोध्या और फैजाबाद शहर में आने-जानेवाली गाड़ियों पर पैनी नजर रखी जा रही है । साथ ही, बाहर से आनेवाले लोगों पर भी पुलिस की निगरानी है ।  फैजाबाद के डीएम के मुताबिक, शहर में बाजार खुले रहेंगे और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेवा भी आम दिनों की तरह चलेगी । कोसी यात्रा पर पाबंदी को लेकर आज अयोध्या में सरयू नदी के घाट सूने पड़े हैं । अयोध्या में कड़े पहरे के कारण आम लोग भी सरयू नदी की ओर रुख नहीं कर रहे हैं । शहर में आम दिनों की तरह चहल-पहल नहीं के बराबर है ।

कानपुर और इलाहाबाद में भी प्रशासन सतर्क

उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है । शहर में जगह-जगह बैरिकेटिंग की गई है और आनेजाने वालों पर नजर रखी जा रही है । 84 कोसी यात्रा को लेकर इलाहाबाद में भी प्रशासन सतर्क है । यहां शनिवार को वीएचपी के 35 कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए. जिला प्रशासन ने कहा है कि यात्रा में शामिल होने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी. पूरे शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है । प्रशासन के मुताबिक बस अड्डों से लेकर रेलवे स्टेशन तक पर कड़ी नजर रखी जा रही है । कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है ।

बस्ती और बहराइच में भी कड़ी सुरक्षा

VHP की परिक्रमा को लेकर यूपी के बस्ती में भी प्रशासन सतर्क है । यहां एक दर्जन से ज्यादा वीएचपी कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया । बस्ती से फैजाबाद की ओर आवाजाही रोक दी गई. शहर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं । यहां के मखौडा मंदिर के आस-पास कड़ी सुरक्षा है । यूपी के बहराइच में भी भारी संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है । शहर में सभी वाहनों की हो रही चेकिंग हो रही है और दूसरे जिलों से लगती सभी सीमाओं को सील कर दिया गया है ।

इससे पहले शनिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच ने वीएचपी की प्रस्तावित चौरासी कोसी यात्रा पर रोक को सही ठहराया । कोर्ट ने यात्रा पर लगी रोक हटाने के लिए दाखिल याचिका खारिज कर दी. याचिकाकर्ता महेश गुप्ता ने पुलिस निगरानी में यात्रा की इजाजत मांगी थी, लेकिन, कोर्ट ने उनकी दलील मंजूर नहीं की । अब कोर्ट के फैसले के बाद भी वीएचपी यात्रा निकालने पर अड़ी हुई है ।

स्त्रोत : आज तक


हिंदूद्रोही सपा सरकार की चाल : ८४ कोसी यात्रा के मद्देनजर ७० विहिप कार्यकर्ता गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश : अयोध्या में रविवार से प्रस्तावित ८४ कोसी परिक्रमा यात्रा के मद्देनजर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के ७० नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है । वीएचपी अपनी ८४ कोसी परिक्रमा शुरू करने पर अड़ी हुई है, जबकि प्रदेश सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी है ।

फैजाबाद जिला प्रशासन ने इन नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर चुका था । इस बीच, अयोध्या और फैजाबाद में पुलिस बल की भारी संख्या में तैनाती कर दी गई है । फैजाबाद के जिला मजिस्ट्रेट विपिन कुमार द्विवेदी ने फैजाबाद में बताया कि अशोक सिंघल, प्रवीण तोगड़िया और राम विलास वेदांती सहित अन्य नेताओं के खिलाफ वारंट जारी किये गये हैं ।

उत्तर प्रदेश सरकार ने सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका से इस यात्रा पर पाबंदी लगा दी है ।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, वीएचपी के २० कार्यकर्ताओं को पकड़ा गया है जबकि वेदांती सहित कुछ वरिष्ठ नेता भूमिगत हो गये हैं ।

उत्तर प्रदेश सरकार ने वीएचपी कार्यकर्ताओं के आवागमन के बारे में खुफिया जानकारी साझा करने के लिए पडोसी राज्यों से मदद मांगी है ।

'४० से ५० हजार कार्यकर्ताओं के भाग लेने की उम्मीद'

पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) राजकुमार विश्वकर्मा ने लखनऊ में से कहा, ‘वीएचपी की २५ अगस्त से प्रस्तावित 84 कोसी परिक्रमा के सिलसिले में पड़ोसी राज्यों से खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान का आग्रह किया गया है ।’ जिला प्रशासन ने इस यात्रा में वीएचपी के ४० से ५० हजार कार्यकर्ताओं के भाग लेने की उम्मीद जताई है ।

द्विवेदी ने कहा कि फैजाबाद में करीब एक दर्जन पुलिस दल विहिप नेताओं के विभिन्न ठिकानों पर नियमित छापे मार रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने सिंघल को इलाहाबाद से आते वक्त अयोध्या जाने की अनुमति नहीं दी । उन्होंने कहा कि अयोध्या और फैजाबाद में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं ।

यह पूछे जाने पर कि क्या फैजाबाद जिले की सीमा सील की जाने वाली है, विश्वकर्मा ने कहा कि इस संबंध में परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय किया जायेगा । मगर फिलहाल ऐसी कोई रोक नहीं है और कोई भी शहर की यात्रा कर सकता है । विश्वकर्मा ने कहा कि केवल उन्हें ही अयोध्या जाने से रोका जायेगा जो यात्रा में भाग लेने की नीयत से जा रहे होंगे, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि इस बात की शिनाख्त कैसे होगी कि कौन परिक्रमा में भाग लेने जा रहा है ।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

विश्वकर्मा ने बताया कि फैजाबाद में शांति और व्यवस्था बनाये रखने के लिये पीएसी की १३ और आरएएफ की तीन कंपनियों के अलावा दो पुलिस अधीक्षकों, १९ अपर पुलिस अधीक्षकों, ४२ पुलिस उपाधीक्षकों, १३५ निरीक्षकों, ४३० उपनिरीक्षकों और १३०० सिपाहियों की तैनाती की गयी है ।

प्रस्तावित ८४ कोसी अयोध्या परिक्रमा पथ फैजाबाद के अलावा बस्ती, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच और अंबेडकर नगर जिलों से होकर गुजरता है ।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फैजाबाद और उसके आसपास के जिलों के पार्टी विधायकों के साथ बैठक करके वीएचपी की प्रस्तावित परिक्रमा के मद्देनजर उनके क्षेत्रों में उपजी परिस्थितियों की जानकारी ली ।

मुख्यमंत्री ने पार्टी विधायकों से हालात पर करीबी नजर रखने और जो भी स्थिति हो उससे उन्हें और पार्टी को अवगत कराते रहने के निर्देश दिये ।

स्त्रोत : आज तक


84 कोसी यात्रा पर रोक हटाने की याचिका खारिज, विहिप अड़ी

 

लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि 84 कोसी परिक्रमा पर लगाई गई राज्य सरकार की रोक पूरी तरह से वाजिब है । हाईकोर्ट ने इस आदेश के साथ उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें इस यात्रा पर लगी रोक को हटाने की कोर्ट से गुहार लगाई थी । इसके बाद सूबे की सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है ।

दूसरी ओर विश्व हिंदू परिषद 84 कोसी परिक्रमा यात्रा के अपने तय कार्यक्रम के निर्णय पर अड़ी हुई है । शनिवार को पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा हर हाल में पूरी होगी । शाहजहांपुर के एसएस कॉलेज में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार यात्रा को रोकने की साजिश कर रही है, लेकिन संत किसी हालत में नहीं रुकेंगे और अयोध्या पहुंचने का प्रयास करेंगे ।

84 कोसी परिक्रमा शुरू होने में महज 24 घंटे ही बचे हैं । विहिप की रवैये को देखते हुए अयोध्या-फैजाबाद को छावनी में तब्दील कर दिया गया है । यात्रा में शामिल होने के लिए देश भर से साधु-संत एकत्र हो रहे हैं । सरकार भी इस यात्रा को लेकर काफी सतर्क है और प्रदेश भर की सीमा को सील कर दिया गया है ।

शुक्रवार को सुरक्षाबलों की टुकड़ियों को फैजाबाद और आसपास के जिलों में तैनात किया गया था । पुलिस महानिदेशक देवराज नागर ने बताया कि परिक्रमा किसी हालत में निकलने नहीं दी जाएगी । अगर किसी ने भी इसका प्रयास किया तो उसकी गिरफ्तारी तय है । परिक्रमा मार्ग से संबंधित जिलों में भी बैरीकेडिंग कर वाहनों की सघन तलाशी ली जा रही है । 500 से ज्यादा लोगों को चिंहित करते हुए अधिकारियों से उन पर नजर रखने की हिदायत दी गई है । हालांकि कल देर रात से गिरफ्तारी भी शुरू हो गई है ।

सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अफसरों को संतों के साथ किसी तरह का दु‌र्व्यवहार न करने की खास हिदायत दी है । उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि आम लोगों को कोई दिक्कत न हो । इसके उल्लंघन पर उन्होंने कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है । उधर, विहिप ने परिक्रमा के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, शुरू करने की बात दोहराते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि उसने हठधर्मिता न छोड़ी तो गंभीर नतीजे होंगे । भाजपा ने भी सरकार पर एक वर्ग विशेष के वोट लेने के लिए हिंदू आस्था पर चोट पहुंचाने का आरोप लगाते हुए विहिप के साथ रहने का ऐलान किया । फैजाबाद जिला प्रशासन ने विश्व हिंदू परिषद के 70 नेताओं व सक्रिय कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के वारंट जारी कर दिए हैं । जिनके खिलाफ वारंट जारी किए गए हैं उनमें संगठन के शीर्ष नेता अशोक सिंहल, प्रवीण तोगड़िया और रामविलास वेंदाती शामिल हैं ।

क्या है 84 कोसी यात्रा

मान्यताओं के अनुसार भगवान राम का साम्राज्य 84 कोस के क्षेत्रफल में फैला था । राजा राम के राज्य का नाम कोशलपुर था और अयोध्या उसकी राजधानी थी । कोशालपुर राज्य के 84 कोस के क्षेत्रफल के चलते ही इस परिक्रमा का नाम 84 कोसी परिक्रमा पड़ा । परिक्रमा सीतापुर के नेमिसार से शुरू होकर गोण्डा, बहराइच, बस्ती, बाराबंकी, अम्बेडकर नगर होते हुए रामनवमी के दिन अयोध्या में समाप्त होती है । मान्यताओं के अनुसार इस परिक्रमा के दौरान श्रद्धालु राजा राम के राज्य की 84 कोसी परिक्रमा करने से मोक्ष प्राप्त करते हैं ।

स्त्रोत : जागरण


अयोध्या की सीमाएं सील, साधुओं की गिरफ्तारी शुरू

२४ अगस्त २०१३


लखनऊ – अयोध्या में चौरासी कोसी परिक्रमा पर प्रतिबंध के फैसले को अमल में लाने के लिए पुलिस व प्रशासन ने कमर कस ली है। अयोध्या की सीमाएं सील कर दी गई हैं और निषेधाज्ञा तोड़ने वालों को गिरफ्तार करने की हिदायत दी गई है। फैजाबाद जिला प्रशासन ने विश्व हिंदू परिषद के ७० नेताओं व सक्रिय कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी कर दिए हैं। जिनके खिलाफ वारंट जारी किए गए हैं उनमें संगठन के शीर्ष नेता अशोक सिंहल, प्रवीण तोगड़िया और रामविलास वेंदाती शामिल हैं। सूचना है कि इलाहाबाद से सरकारी इंतजामों को चकमा देकर सैकड़ों संत अयोध्या रवाना हो गए हैं। अयोध्या पहुंचने के लिए उन्होंने ग्रामीण पैदल रास्तों को पकड़ा है।

प्रदेश मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने शुक्रवार को प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव, डीजीपी देवराज नागर, लखनऊ जोन के आइजी सुभाष चंद्र और अन्य अधिकारियों के साथ परिक्रमा की घोषणा से उपजी स्थितियों से निपटने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की समीक्षा की। प्रभाव वाले इलाके को चार जोनों में बांटा गया है। जिसकी निगरानी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और मजिस्ट्रेटों को संयुक्त रूप से सौंपी गई है। अधिकारियों से कहा गया है कि अयोध्या की ओर से जाने वाली सभी रास्तों को सील कर दिया जाए। गहन छानबीन के बाद ही वाहनों को आगे की ओर रवाना किया जाए। जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में पीएसी के साथ अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियां तैनात की जाएं। पुलिस अधिकारियों ने मुख्य सचिव को बताया कि अयोध्या शहर में त्रिस्तरीय सुरक्षा के इंतजाम हैं। पीएसी की गोताखोर इकाई भी तैनात कर दी गई है। यह खासतौर पर सरयू तट पर सक्रिय रहेगी।

पड़ोसी राज्यों से मांगी खुफिया जानकारी

आइजी [कानून व्यवस्था] राजकुमार विश्वकर्मा के अनुसार स्थिति से निपटने के लिए सभी पड़ोसी राज्यों से खुफिया जानकारियों का सहयोग मांगा गया है। इससे उत्तर प्रदेश की ओर आने वाले लोगों की संख्या के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी।

उत्तराखंड में अलर्ट

उत्तर प्रदेश में चौरासी कोसी परिक्रमा पर प्रतिबंध की घोषणा के मद्देनजर उत्तराखंड प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। उप्र से लगने वाली सीमा पर खासतौर पर चौकसी बढ़ा दी गई है। सीमावर्ती जिलों में सूचनाओं में आदान-प्रदान हो रहा है।

अशोक सिंहल दिल्ली रवाना

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक अशोक सिंहल को शुक्रवार इलाहाबाद में नजरबंद कर दिया गया। प्रशासन ने प्रात: करीब साढ़े दस बजे सिंहल के कमला नेहरू अस्पताल के सामने स्थित आवास को घेर लिया। दोपहर १२.३० तक उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया। दोपहर बाद सिंहल ने कहा कि वह पारिवारिक कार्यक्रम में शरीक होने इलाहाबाद आए थे और अब दिल्ली जा रहे हैं। इस पर उन्हें बमरौली एयरपोर्ट तक ले जाया गया। इलाहाबाद के एसएसपी उमेश श्रीवास्तव ने बताया कि शासन ने सिंहल को अयोध्या की ओर जाने की स्थिति में नजरबंद करने का आदेश दिया था। जबकि सिंहल ने खुद को नजरबंद किए जाने से इन्कार किया।

स्त्रोत : दैनिक जागरण


विहिप की पदयात्रा पर टकराव की गूंज दिल्ली पहुंची

२३ अगस्त २०१३


नई दिल्ली – अयोध्या के आसपास आधा दर्जन जिलों से गुजरने वाली विहिप की प्रस्तावित चौरासी कोसी पदयात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार से बढ़ रहे टकराव की गूंज दिल्ली में भी सुनाई पड़ने लगी है। बृहस्पतिवार को यह मामला न सिर्फ राज्यसभा में उठा, बल्कि इस मुद्दे पर भाजपा और सपा आमने-सामने दिखीं। भाजपा ने केंद्र से दखल ही नहीं, जरूरी होने पर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ कार्रवाई तक की मांग कर डाली।

भाजपा के थावरचंद गहलौत ने शून्यकाल में इस मामले को उठाते हुए अखिलेश सरकार को निशाने पर रखा। उन्होंने कहा, 'साधु-संत अयोध्या में पदयात्रा करने जा रहे हैं। राज्य सरकार ने कानून-व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर एक वर्ग विशेष के तुष्टीकरण के लिए पदयात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम मौलिक व संवैधानिक अधिकारों का हनन है। क्या सैकड़ों वर्षो से हिंदुस्तान में चल रही धार्मिक परिक्रमाओं को रोका जा सकता है? पदयात्रा शुरू कराने के लिए केंद्र, उत्तर प्रदेश सरकार को जरूरी निर्देश दे। राज्य सरकार फिर भी नहीं मानती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करे।'

गहलौत की इन टिप्पणियों के बीच ही सपा के अरविंद कुमार सिंह, आलोक तिवारी, दर्शन सिंह यादव और चौधरी मुनव्वर सलीम ने खड़े होकर उनका कड़ा प्रतिवाद करना शुरू कर दिया। दोनों तरफ से शोरशराबे की स्थिति बन गई। उसी दौरान भाजपा के रविशंकर प्रसाद भी खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की भी भावनाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए।

संसद भवन परिसर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बसपा प्रमुख मायावती ने सपा और भाजपा में मिलीभगत का आरोप लगाया। जबकि, भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धार्मिक आयोजनों के समय का फैसला सरकार नहीं कर सकती। कानून-व्यवस्था बिगड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा, दस करोड़ हिंदू इलाहाबाद महाकुंभ में थे। अभी सावन में ही लाखों लोग अयोध्या में जुटे थे। कोई समस्या नहीं आई। पदयात्रा पर रोक आजम खां के कहने पर हुई है।

स्त्रोत : दैनिक जागरण


उत्तर प्रदेश शासनद्वारा विहिप की ८४ कोसी पदयात्रा प्रतिबंधित !

२१ अगस्त २०१३
लखनऊ – कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के चलते उत्तर प्रदेश शासन ने विश्व हिंदू परिषद की 25 अगस्त से 13 सितंबर तक प्रस्तावित 84 कोसी पद यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया है। इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार और विहिप आमने-सामने आ गए हैं। प्रशासन ने नई परंपरा न शुरू होने देने और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए यात्रा क्षेत्र के सभी छह जिलों फैजाबाद, बाराबंकी, अम्बेडकरनगर, बहराइच, बस्ती और गोंडा में धारा 144 लागू कर दी है।

राम मंदिर बनाने के पक्ष में माहौल गरमाने में जुटे विहिप व अन्य संगठनों को शासन ने दो टूक चेतावनी भी दी है कि अगर किसी ने प्रतिबंध तोड़ने की कोशिश की तो सख्त कार्रवाई होगी। इसके उलट विहिप ने परिक्रमा से पीछे न हटने का ऐलान किया है। विहिप महामंत्री चंपत राय ने कहा कि प्रतिबंध का निर्णय राजनीतिक है। अयोध्या की 84 कोसी परिक्रमा हर हाल में होगी।

सोमवार को प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव और पुलिस महानिदेशक देवराज नागर ने बताया कि विहिप ने 25 अगस्त से 13 सितंबर तक अयोध्या के चारों तरफ 84 कोसी पदयात्रा के बारे में कार्यक्रम दिया था। विहिप अध्यक्ष अशोक सिंहल ने 10 अगस्त को पत्र भेजा था, उसमें इस यात्रा के जरिये राम मंदिर निर्माण की मांग किए जाने का उल्लेख है। प्रमुख सचिव ने कहा कि परंपरागत यात्रा 25 अप्रैल से 20 मई तक पूर्ण हो चुकी है।

शासन ने प्रस्तावित यात्रा की अनुमति न दिए जाने का निर्णय लिया है। श्रीवास्तव का यह भी तर्क था कि अयोध्या के विवादित परिसर का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय दिया। इसलिए भी विहिप की मांग पूरी करना संभव नहीं है, क्योंकि यात्रा का एक मकसद विवादित स्थल पर मंदिर बनाने के लिए माहौल बनाना है। प्रतिबंध के फैसले का आधार पुलिस महानिदेशक ने छह जिलों के जिलाधिकारियों की रिपोर्ट को बताया, जिसमें यात्रा से स्थिति खराब होने का अंदेशा जताया गया है।

हमारा कार्यक्रम नहीं होगा स्थगित : विहिप

राम मंदिर निर्माण के लिए विहिप के चौरासी कोसी यात्रा पर लगे प्रतिबंध के बाद राजनीति गरमाने वाली है। राज्य शासन के फैसले को राजनीतिक करार देते हुए विहिप के प्रवक्ता प्रकाश शर्मा ने आगाह किया है कि फैसले पर पुनर्विचार कर अनुमति दें, वरना पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार ही संत यात्रा के लिए कूच करेंगे। उन्होंने कहा, कार्यक्रम यथावत है और निश्चित समय पर संत वहां पहुंचना शुरू हो जाएंगे। 17 अगस्त को अशोक सिंघल के नेतृत्व में कुछ संतों ने मुलायम सिंह से मुलाकात कर इस यात्रा को सुगम बनाने का आग्रह किया था। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा, सरकार फैसले पर पुनर्विचार करे। संतों का आग्रह टाला तो जनाक्रोश भुगतना होगा। पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयानंद ने कहा, संतों ने चौरासी कोसी परिक्रमा का जो निर्णय पूर्व में लिया था वह अडिग है। सरकार कोई भी निर्णय ले संत समाज झुकने वाला नहीं है। रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास और जन्मभूमि न्यास के सदस्य डॉ. रामविलास दास वेदांती ने भी सरकार के फैसले की निंदा की है।

स्त्रोत : जागरण

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