भाद्रपद कृष्ण ३ , कलियुग वर्ष ५११५
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बेरुत – गृहयुद्ध से जूझ रहे सीरिया में विद्रोहियों पर रासायनिक हमले की खबर है। सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ पिछले दो साल से जंग लड़ रहे विद्रोही लड़ाकों ने आरोप लगाया है कि राजधानी दमिश्क के पास उनके कब्जे वाले इलाके घौटा में सेना ने रासायनिक हमला किया है। इसमें १,३०० से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
सीरिया की सरकार का हालांकि कहना है, हमने ऐसा कोई हमला नहीं किया। सरकार ने इसे संयुक्त राष्ट्र की जांच टीम के अभियान में रुकावट डालने वाला कदम बताया। लेकिन, असद विरोधी गठबंधन द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में बच्चों समेत कई लोगों को अस्पताल में भर्ती दिखाया गया है। वीडियो में सफेद कफन में लिपटे दर्जनों शव भी दिखाए गए हैं।
विद्रोहियों ने आरोप लगाया कि सेना ने टॉक्सिक गैस का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, पूर्वी घौटा पर अब भी बमबारी जारी है। इसमें सैंकड़ों लोग मारे गए हैं। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।
अरब लीग ने सीरिया में मौजूद यूएन टीम से तुरंत वहां का दौरा कर सच्चाई का पता लगाने की मांग की है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग ने कहा कि हमारा देश इस हमले को सुरक्षा परिषद पर हमला मानता है। विपक्षी राष्ट्रीय एकता परिषद के नेता जॉर्ज साबरा ने इस्तांबुल में पत्रकारों से कहा, इस हमले के बाद सीरिया में राजनीतिक समाधान की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं। असद लोगों को कुचल रहे हैं।
लेकिन, सीरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी सना के अनुसार संयुक्त राष्ट्र टीम का ध्यान असलियत से हटाने के लिए विद्रोहियों की ओर से जहरीली गैस के इस्तेमाल की अफवाह फैलाई जा रही है। सेना और विद्रोही गुट पहले भी एक-दूसरे पर जहरीली गैस के इस्तेमाल का आरोप लगाते रहे हैं। इन्हीं आरोपों की जांच के लिए यह टीम पहुंची है ।
स्त्रोत : जागरण