भाद्रपद कृष्ण ६, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ, आपके धर्मकी स्पष्ट रूपसे होनेवाली आलोचना रोकने हेतु ‘हिंदू राष्ट्र’की स्थापना करें !
सोलापुर, २५ अगस्त (वार्ता.) – हिंदूनिष्ठोंने केदारनाथ यात्राके समय उत्तराखंडमें आई प्राकृतिक आपदाका लाभ उठाकर यहांके बापूजीनगर क्षेत्रमें प्राकृतिक आपदाका भय दिखाकर हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन करनेका प्रयास करनेवाले ईसाई पादरीका षडयंत्र विफल कर दिया है । (हिंदुओंको धर्मशिक्षा न रहनेसे वे धर्माचरण नहीं करते । अतः कोई भी हिंदुओंका धर्मपरिवर्तन करता है; इसीलिए हिंदुओंके लिए धर्माचरण अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात) परंतु पुलिसने नरमीकी भूमिका अपनाकर उस पादरीको केवल सूचनापत्रके माध्यमसे चेतावनी देकर अपना दायित्व अस्वीकार किया है ! (धर्मपरिवर्तन करनेवाला यदि हिंदू होता, तो अबतक पुलिसने उसे बंदी बनाकर कारागृहमें भेज दिया होता । परंतु हिंदू यह ध्यानमें रखें कि ईसाईयोंके संदर्भमें पुलिस ऐसी ही नरमीका दृष्टिकोण अपनाती है । विद्वान हिंदू इसके पीछेकी राजनीति जानते हैं । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) शिवसेनाके साथ अनेक हिंदूनिष्ठ संगठनोंने लिखित रूपमें सदर बाजार पुलिससे हिंदू देवी-देवताओंकी विडंबना करनेवाले पादरीके विरोधमें अपराध प्रविष्ट करनेकी मांग की है; परंतु पुलिस निरीक्षक मोहन शिंदेने अबतक इस संदर्भमें कोई निश्चित भूमिका नहीं अपनाई । इसलिए हिंदूनिष्ठ आक्रोशित हैं । (हिंदू संगठित होकर राजनेताओंकी भीगी बिल्ली बने इन उद्दंड पुलिसकर्मियोंको फटकारें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. ४ अगस्तको बापूजीनगरके समाजमंदिरमें कानेपागुल योहानू नामक पादरी ईसाई पंथका महत्त्व बता रहा था ।
२. उसने कहा कि यदि उत्तराखंडमें ईसाईयोंका ईश्वर होता, तो नागरिकोंके प्राणोंकी रक्षा होती । इसके अतिरिक्त उसने हिंदू धर्मकी अन्य आलोचना भी की । (इससे पूर्र्व विदेशमें अधिकांश समय प्रलय आए तथा तूफान आनेसे अनेक लोगोंकी मृत्यु हुई । उस समय यदि कोई प्रश्न करे कि ईसाईके ईश्वरने उनकी रक्षा क्यों नहीं की, तो यह अनुचित होगा क्या ?- संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इसलिए हिंदुओंने कहा कि उनकीr धार्मिक भावनाओंको ठेस पहुंची है ।
३. संतप्त शिवसेना, बजरंग दल, विहिंप आदि हिंदूनिष्ठ संगठनोंके कार्यकर्ताओंने इस संदर्भमें लिखित रूपमें परिवाद प्रस्तुत किया । (संतप्त हिंदू पुलिसवाले जाकर उनकी भावनाओंको बढावा देते हैं, जबकि अहिंदू ऐसे विषयोंमें कानून हाथमें लेते हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
४. पुलिस निरीक्षक शिंदेने दोनों पक्षके नागरिकोंकी बैठक आयोजित कर कार्यवाही करनेका आश्वासन दिया । (क्या कार्यवाही करनेके स्थानपर ऐसी बैठकोमें समय गंवानेवाली पुलिस कभी भी हिंदुओंको अपनी प्रतीत होगी ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५ . बैठकमें सभीने कहा कि पादरीके विधान झूठे हैं । इसलिए पुलिसने उसे केवल एक सूचनापत्रके माध्यमसे चेतावनी दी । (हिंदुओंके साधारणसे कारणको लेकर कानून दर्शानेवाली पुलिस ईसाईयोंके विषयमें केवल लिखित रूपमें ही कार्यवाही करती है, यह वैचारिक सुंथा हुए शासकोंकी अकार्यक्षमताका परिणाम है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
६. इस अवसरपर शिवसेनाके सर्वश्री प्रताप चौहाण, महेश धाराशीवकर, बजरंग दलके अंबादास गोरंटला, मनसेके प्रशांत इंगले, राकेश मन्सावले, जय सालुंखे आदि उपस्थित थे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात