संतों के अपमान के विरुद्ध विहिप का प्रचंड प्रदर्शन
हिंदू साधुपर लाठीचार्च करनेवाली पुलीस
नई दिल्ली : अयोध्या और उसके आस पास ८४ कोसी परिक्रमा यात्रा करने गए साधु संतों तथा विहिप पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किए जाने के विरोध में विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आज दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रचण्ड विरोध प्रदर्शन कर सपा प्रमुख श्री मुलायम सिंह का पुतला फ़ूंका तथा राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा । प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री प्रकाश शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सपा सरकार के द्वारा संतों की धार्मिक यात्रा को रोक कर उनको जेल में भेज दिए की कार्यवाही पूरी तरह से अलोकतांत्रिक व धर्म विरुद्ध हैं । हिंदुओं (विशेषकर संतों व धर्म गुरुओं) की धार्मिक आजादी को छीने जाने की यह बर्बर कार्यवाही अखिलेश सरकार को भारी पडेगी ।
विहिप मार्ग दर्शक मण्डल के सदस्य पू स्वामी राघवानन्द, महन्त सुरेन्द्र नाथ अवधूत व महन्त नवल किशोर दास जी महाराज ने इस अवसर पर कहा कि ८५ करोड से ज्यादा हिन्दू आबादी बाले इस देश में भी संत समाज को अपनी धार्मिक यात्रा के लिए क्या राजनेताओं व राज्य सरकारों से अनुमति लेनी पडेगी ? क्या हिन्दू अपने आराध्य प्रभु श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या की परिक्रमा भी नहीं कर सकते हैं ? आखिर संतों की धार्मिक यात्रा में कैसी राजनीति ?
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प्रदर्शन कारियों को विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल, केन्द्रीय मंत्री श्री धर्म नारायण शर्मा, प्रान्त अध्यक्ष श्री स्वदेश पाल गुप्ता, उपाध्यक्ष श्री बृज मोहन सेठी, दीपक कुमार गुरदीन प्रसाद रुस्तगी व श्री सरदार उजागर सिंह, महा मंत्री श्री सत्येन्द्र मोहन, संयुक्त महा मंत्री श्री राम कृष्ण श्रीवास्तव, मंत्री श्री राम पाल सिंह, सह मीडिया प्रमुख श्री मनीश राय, बजरंग दल संयोजक श्री शिव कुमार व श्री नीरज दोनेरिया सहित अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया ।
विस्तृत जानकारी देते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख श्री विनोद बंसल ने बताया हाथों में स्लोगन लिखी पट्टिकाएं व भगवा झण्डों के साथ “अखिलेश सरकार होश में आओ, संतों को तुम नहीं सताओ”, “संतो यह घोर अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्थान”, “राम लाला की भूमि को मुक्त कराओ-मुक्त कराओ” आदि नारे लगाते हुए प्रदर्शकारियों के चेहरे पर गुस्सा साफ़ झलक रहा था । वक्ताओं का यह भी कहना है कि जब हिन्दुओं के धार्मिक मान विन्दुओं पर हमले या धार्मिक आजादी के हनन की बात आती है तो अधिकांश राजनैतिक दल मौन क्यों हो जाते हैं ?
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प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने पानी की बौछारें छोडी और लाठी चार्ज किया जिससे अनेक कार्यकर्ता व संत घायल हुए । बाद में भारत के राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए एक ज्ञापन भी दिया गया जिसमें मांग की गई कि वह सतों व हिन्दू समाज के संवैधानिक व धार्मिक भावनाओं की रक्षार्थ अविलम्ब उचित कदम उठाएं ।
प्रदर्शनकारियों में हिन्दू हेल्प लाइन के श्री संदीप आहूजा, हिन्दू सेना के श्री विष्णु गुप्ता तथा स्वामी ओम जी सहित हजारों संत व हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता सामिल थे ।