Menu Close

पुत्तुरू में समितिके प्रसिद्धि फलकके विरोधमें कांग्रेसके कार्यकर्ताओंद्वारा परिवाद

भाद्रपद कृष्ण ८ , कलियुग वर्ष ५११५

पुलिसने हिंदू जनजागृति समितिके निर्दोष कार्यकर्ताको गुंडा / उपद्रवी सिद्ध किया !

हिंदुओ, कर्नाटक पुलिसकी मुगलाईका विरोध करें !

पुत्तुरू (कर्नाटक) – कल्लेगा गांवमें ‘भारतमाता’ सभा भवनके बाहर लगाए हिंदू जनजागृति समितिके फलकपर राष्ट्र एवं धर्म जागृतिके विषयमें प्रतिदिन लेख लिखा जाता है । इस फलकपर केकडी (राजस्थान) में इफ्तारके प्रीतिभोजके उपरांत देशद्रोही धर्मांधोद्वारा ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ ऐसी घोषणाएं कर हिंदुओंपर आक्रमण करनेके संदर्भमें जानकारी देनेवाला लेख लिखा गया था । कांग्रेसके कार्यकर्ता एवं बसचालक नागेशने इसपर आपत्ति उठाकर यहांके पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट किया, जिसके कारण यह फलक हटाया गया । ( सत्य घटना जनताको बतानेपर कांग्रेसियोंको इतना क्रोध क्यों आता है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इस अवसरपर पुलिसने  फलकसे संबंधित समितिके कार्यकर्ताको गुंडा सिद्ध कर उसका नाम गुंडोंकी सूचीमें डाला ।

१. नागेशने प्रथम फलक लिखनेवाले श्री. अजय कुमारको दूरघ्वनि कर फलक हटानेको कहा । तत्पश्चात श्री. अजयकुमारने फलक हटाया । तदुपरांत सभाभवनके पदाधिकारियोंके, ‘फलक क्यों हटाया गया ? पुनः लगाया जाए’, ऐसा कहनेसे वह फलक पुनः लगाया गया ।

२. तदुपरांत नागेशने सीधे पुलिस थानेमें जाकर परिवाद प्रविष्ट किया । परिवाद प्रविष्ट करनेपर पुलिस अधिकारीने हिंदू जनजागृति समितिके श्री. दयानंद पुत्तरूको दूरध्वनि कर ( फलकपर श्री. पुत्तरूका संपर्क क्रमांक रहनेसे) तत्काल पुलिस थानेमें आमंत्रित किया । पुलिस अधीक्षक पुलिस थानेमें आए थे । इसलिए श्री. दयानंद पर दबावतंत्रका उपयोग कर उन्हें फलक हटानेको कहा गया । श्री. दयानंदने ‘भारतमाता’ भवनके बाहर जाकर फलक हटाया । यहां उपस्थित पुलिसद्वारा श्री. दयांनदको पुलिस थाने ले जाया गया ।

३. पुलिस थानेमें एक पुलिस अधिकारीने श्री. दयानंदको धमकाते हुए एवं पुलिस अधीक्षकको जानकारी देते हुए कहा, ‘साहब, ये बहुत बदमाशी / गुंडागिरी करता है । गणेशोत्सवके अवसर पटाखे न जलाएं, कहता है, ।’ ( क्या पुलिसको गणेशोत्सवकी कालावधिमें पटाखे जलानेसे होनेवाले वायुप्रदूषणके विषयमें प्रबोधन करना अनुचित प्रतीत होता है ? –संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इसपर पुलिस अधीक्षकने श्री. दयानंदका नाम गुंडोंकी सूचीमें डालनेके लिए कहा । ( कर्नाटक पुलिसकी मुगलाई ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

४. तत्पश्चात पुलिसद्वारा श्री. दयानदंका छायाचित्र निकाला गया तथा उससे संपूर्ण पता, मित्रोंके पते एवं दूरध्वनि क्रमांक लिए जानेपर उन्हें ‘पुनः आमंत्रित करतेही आना चाहिए’ ऐसा कहकर छोडा गया । ( देशमें कांग्रेसियोंद्वारा हुए अपराधोंकी जानकारी जनताको बतानेपर साधारण नागरिकको गुंडा सिद्ध करनेवाली पुलिस कानूनद्रोही ही है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
५. इस अवसरपर पुलिस अधिकारीने फलकपर लिखा गया समाचार कन्नड साप्ताहिक ‘सनातन प्रभात’ का रहनेके कारण उसका पंजीकरण कर उसकी एक प्रति तहसीलदारको भेजी । कुछ दिन पूर्व ऐसा समाचार प्रसारित किया गया था कि धार्मिक विचारोंद्वारा कोलाहल उत्पन्न करनेवाले व्यक्तियोंके नाम गुंडोंकी सूचीमें डाले जाएंगे । ( यदि केवल धार्मिक विचारोंद्वारा कोलाहल उत्पन्न होता है, तो उन्हें गुंडा सिद्ध करनेवाली पुलिस क्या उन धर्मांध मुसलमानोंपर कार्यवाही करती है, जो इस्लाम खतरेमें है के नामपर प्रतिदिन कानून एवं सुरक्षाका उल्लंघन करती है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) 

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *