भाद्रपद कृष्ण ८ , कलियुग वर्ष ५११५
न्यूयार्क पुलिसकी ऐतिहासिक घोषणा !
अमेरिकामें पिछले कुछ वर्षोंमें अबतक उंगलियोंपर गिनना संभव हो, इतनी ही जिहादी आतंकवादी कार्यवाहियां हुई हैं । ऐसी स्थितिमें भी न्यूयार्क पुलिस इस प्रकारकी घोषणा करती है; तो पिछले दो दशकोंसे भारतमें जिहादी आतंकवादी कुहराम मचा रहे हैं । ऐसी स्थितिमें पूरे देशकी सभी मस्जिदों एवं मदरसोंको जिहादी आतंकवादी केंद्र क्यों नहीं घोषित करना चाहिए ? कश्मीरमें १९८९ में मस्जिदोंमेंसे ही हिंदुओंको अपना साहित्य छोडकर फरार होनेको कहा गया था । हिंदुओंकी धार्मिक शोभायात्रापर मस्जिदोंमेंसे पथराव करना यह नित्यकी घटना हो गई है । अमेरिकाने धर्मांधोंको क्या लगेगा अथवा विश्व क्या कहेगा, इस बातका विचार न कर तथा किसी राष्ट्रघाती धर्मनिरपेक्षतावादको न संजोते हुए जो निर्णय लिया वह विश्वके सभी जिहादी आतंकवादयुक्त देशोंके लिए आदर्श ही है ।- संपादक, दैनिक सनातन प्रभात
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न्यू यॉर्क – न्यू यॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट ने गुपचुप तरीके से सिटी की सभी मस्जिदों को आतंकवादी संगठन करार दिया है। इसके साथ ही पुलिस को मस्जिदों में होने वाले संबोधनों को रेकॉर्ड करने और नमाज पढ़ने वाले लोगों की जासूसी करने की छूट मिल जाएगी।
अमेरिका में ११ सितंबर, २००१ को हुए आतंकवादी हमले के बाद से न्यू यॉर्क पुलिस ने आंतकवाद को लेकर करीब ११ मस्जिदों में जांच की है। न्यू यॉर्क पुलिस डिपार्टमेंट ने इस जांच को 'टेररिज़म इंटरप्राइजेज इन्वेस्टिगेशन' नाम दिया गया है।
किसी मस्जिद को आतंकी संगठन करार देने का मतलब है कि इसमें नमाज पढ़ने वाले किसी भी शख्स की जांच की जा सकती है और उस पर निगरानी रखी जा सकती है। न्यू यॉर्क पुलिस ने इस पूरे मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है।
गोपनीय ढंग से मस्जिदों को आतंकी संगठन करार देने से अब पुलिस को यह अधिकार मिल जाएगा कि वह मस्जिद में होने वाली तकरीरों को भी रेकॉर्ड कर सके। यह काम सबूतों के अभाव में भी किया जा सकेगा।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स