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रुपएका अवमूल्यन रोकने हेतु मंदिरोंका सोना उपयोगमें लानेका षड्यंत्र !

भाद्रपद कृष्णपक्ष १२, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओंके मंदिरोंका सोना लूटनेका षड्यंत्र रचनेवाले शासनकर्ताओंको रुपएके अवमूल्यनसे कुछ भी लेनादेना नहीं है; किंतु उससे अपनी संपत्तिका मूल्य बढानेकी सुवर्णसंधि वे छोडेंगे नहीं ! भ्रष्ट शासनकर्ताओंके कारण रुपएका अवमूल्यन हो रहा है । अत: हिंदुओ, आपके मंदिरोंकी संपत्तिको भ्रष्ट शासनकर्ताओंके हाथ लगनेसे पूर्व ही उन्हें सत्ताच्युत करें !

नई देहली – प्रतिदिन रुपएका होनेवाला अवमूल्यन रोकनेमें कांग्रेस प्रशासन अपयशी हो रहा है । केंद्रप्रशासनने देशसे ५०० टन सोना गिरवी रखनेका विचार आरंभ किया है । तथा नई नई योजनाएं बनाई जा रही हैं । उसीसे लोगोंके घरोंमें तथा मंदिरोंमें स्थित सहस्रों टन सोना उपयोगमें लानेका विचार आरंभ हो चुका है । (हिंदुओंके मंदिरोंके सोनेका विचार करनेसे भ्रष्ट भारतीयोंका स्विस अधिकोषोंका काला धन भारतमें लाने हेतु प्रयास क्यों नहीं करते ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

१. अंतरराष्ट्रीय बजारपेठमें रुपएमें अभूतपूर्व गिरावट आई है । वर्तमानमें ६८ रुपए प्रति डालर देने पड रहे हैं । भारतके लिए वर्तमान खातेका घाटा दूर करना असंभव हो रहा है । भारत निर्यातसे अधिक आयात करता है ।

२. घाटा न्यून करने हेतु भारत प्रशासनने अनेक उपाययोजनाएं हाथमें ली हैं । आयात न्यून करने हेतु सोनेका आयात शुल्क बढाया गया है । सोनेका शुल्क बढानेसे खरीदारीपर प्रतिबंध लगेगा, इसपर बजारपेठ तज्ञ सशंक हैं । कुछ व्यक्तियोंने भारतका सोना चालानमें लानेका पर्याय सुझाया है ।

३. ‘वर्ल्ड गोल्ड काऊन्सिल’द्वारा दी जानकारीके अनुसार, भारतके पास वर्तमानमें २० सहस्र टन सोना है । उसका मूल्य ९५ सहस्र कोटि डालर है । उसमेंसे केवल ५५८ टन अर्थात २.७९ प्रतिशत सोना भारतीय रिजर्व बैंकमें है । शेष बडा हिस्सा लोगोंके पास एवं मंदिरोंमें है । भारतके मंदिरोंमें सोनेका कितना संग्रह है, इसकी निश्चित जानकारी नहीं है; किंतु मंदिरोंमें सहस्रावधि टन सोना संग्रहीत होनेका अनुमान है ।

४. २०११ में केरल स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिरके तहखानेमें मंदिरको अर्पणमें प्राप्त सोनेका प्रचुर संग्रह सामने आया था ।

५. भारत प्रशासन इस सोनेका कुछ हिस्सा उपयोगमें लाए, ऐसी सूचना ‘मेक्लाई फाईनान्शियल कंपनी’ के सलाहकार जमाल मेक्लाईने की है । तिरुपति देवस्थानके सोनेपर बैंक ब्याज दे, जमालने ऐसी सूचना दी है । (क्या मस्जिद एवं गिरिजाघरोंको विदेशसे प्राप्त होनेवाला धन देशकी तिजोरीमें जमा करनेकी सूचना जमाल करेंगे ? हिंदुओ, जमाल जैसे गजनीके वंशजोंको ऐसा सोचने हेतु वैध मार्गसे फटकारें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

६. भारतका १० प्रतिशत सोना यदि उपयोगमें लाया गया, तो अगले दो वर्ष सोना आयात करनेकी आवश्यकता नहीं पडेगी । (यदि देशके सारे भ्रष्ट शासनकर्ता, लोकप्रतिनिधि, प्रशासकीय अधिकारी, पुलिस अधिकारी, एवं उद्योपतियोंकी संपत्ति जप्त की गई, तो आनेवाले अनेक वर्षोंमें भारतीय नागरिकोंको महंगाईकी चिंता नहीं करनी पडेगी ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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