Menu Close

उत्पादके लिए प्रयुक्त नाम एवं बोतलसे श्री कालीमाताका चित्र हटानेका संस्थानद्वारा निर्णय !

ज्येष्ठ कृ.१३, कलियुग वर्ष ५११४

अमेरिकाके ‘बर्नसाईड ब्रुर्इंग’ संस्थानद्वारा मद्यउत्पादके लिए श्री कालीमाताका नाम एवं नग्न चित्रका उपयोग करनेका प्रकरण 

भावनाएं आहत होनेके विषयमें हिंदुओंसे की गई क्षमायाचना

हिंदुओ, यह ध्यानमें रखें कि ऐसी संवेदनशीलता भारतमें किसी भी संस्थानद्वारा नहीं दर्शाई जाती !


वाशिंग्टन (अमेरिका) -अमेरिकाके मद्यउत्पाद करनेवाले ‘बर्नसाईड ब्रुर्इंग’ संस्थानद्वारा मद्यके एक नए उत्पादको हिंदुओंकी आराध्य देवी श्री कालीमाताका नाम दिया गया था तथा मद्यकी बोतलपर भी श्री कालीमाताका नग्न चित्र छापा था ।  पूरे विश्वके हिंदुओंने इस संदर्भमें संस्थानका तीव्र विरोध दर्शाया । इसलिए संस्थानद्वारा मद्यका नाम बदलने एवं बोतलसे चित्र हटा देनेका निर्णय लिया गया है । इस घटनाके लिए संस्थानद्वारा हिंदुओंसे क्षमायाचना भी की गई है । इस संदर्भमें अमेरिकामें रहनेवाले ‘यूनिवर्सल सोसाइटी ऑफ हिंदुईज्म’ संगठनके अध्यक्ष श्री. राजन जेदद्वारा इस विरोध आंदोलनका दायित्व लिया गया था । (समूचे विश्वमें हिंदु धर्मपर होनेवाले प्रत्येक आघातके विरोधमें अमेरिकास्थित हिंदु धर्माभिमानी राजन जेद कृत्य करते हैं एवं विरोधियोंको पीछे हटनेके लिए बाध्य करते हैं । परंतु भारतमें स्थित हिंदुओंद्वारा हिंदुधर्म एवं देवी-देवताओंपर होनेवाले आघातोंके विरोधमें कोई कृत्य नहीं किया जाता । हिंदुओ, राजन जेदसे सबक लेकर कृत्यप्रवण हों ! – संपादक)

ओरेगन राज्यमें पोर्टलैंडस्थित संस्थानद्वारा मद्यका ‘काली मा’ नामक नया उत्पाद १५ मईको विक्रय करने हेतु उपलब्ध करनेकी घोषणा की गई थी । परंतु बेचनेसे पूर्व ही यह घटना उजागर हुई । ‘फेसबुक’ सामाजिक जालस्थानपर प्रकाशित निवेदनमें इस संस्थानद्वारा कहा गया कि हिंदुओंके प्रार्थना करनेके पश्चात इस उत्पादको हाटमें (बाजारमें ) उपलब्ध करानेका दिन आगे बढाने एवं उत्पादका नाम भी परिवर्तित करनेका निर्णय लिया गया है । हमारा उद्देश्य किसीकी धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं था । हमने ‘इंडियाना जोन्स’ नामक  चलचित्रसे यह नाम लिया था । इसलिए हमें किसीकी भावनाएं आहत होगी ऐसी कल्पना नहीं थी । तब भी, यदि इससे किसीकी भावनाएं आहत हुई हों तो हम उनसे क्षमायाचना करते हैं ।’

श्री. राजन जेदद्वारा तीव्र शब्दोंमें विरोध दर्शाते हुए कहा गया था कि मद्यको श्री कालीमाताका नाम देना कालीमाताका अवमान है । समूचे विश्वमें ‘हिंदु धर्म’ सबसे प्राचीन एवं तीसरे क्रमांकपर है । हिंदु धर्मको विश्वमें १०० करोडसे भी अधिक नागरिक मानते हैं । श्री काली माता हिंदुओंकी आराध्य देवी हैं अतः मद्यके लिए उस देवीके नामका उपयोग करना अनुचित है । मूलतः किसी भी हिंदु देवताका नाम अथवा चित्रका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यपूर्तिके लिए करना  तिरस्करणीय है । श्री. जेदने इस विषयमें अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंदु अन्य धर्मियोंसे भी अधिक सहिष्णु हैं, परंतु हिंदु धर्म एवं हिंदु धर्मियोंको मानकर चलनेकी कोई चूक न करें’।

संस्थानद्वारा हिंदुओंसे क्षमायाचना करनेके पश्चात श्री. जेदने इस कृत्यको संस्थानद्वारा ‘उचित दिशामें लिया गया निर्णय ’ बताया । इस घटनाका परिणाम भारतकी राज्यसभामें हुआ । भाजपाके सदस्योंने इस घटनापर तीव्र आपत्ति जताई एवं केंद्रसरकारद्वारा तत्काल अमरिकी राजदूतको आमंत्रित कर इस संदर्भमें स्पष्टीकरण मंगवानेकी मांग की गई थी । इसपर संसदीय कामकाज मंत्रीने कहा कि इस संदर्भमें परराष्ट्रमंत्री एस.एम. कृष्णाको सूचित किया गया है । (हिंदुओ, आपकी धर्मभावनाओंपर केवल भाजपाके सदस्योंको ध्यान देना प्रतीत हुआ । हिंदुद्वेषी कांग्रेसके राजनेताओंने तो गोलमटोल उत्तर देकर समयको धकेलनेका अश्लाघ्य प्रयास किया है । यह घटना यदि ईसाई अथवा मुसलमानोंके संदर्भमें हुई होती, तो सभी पक्षोंद्वारा संसदमें हाहाकार मचाया गया होता । हिंदुओ, आपकी धर्मभावनाओंका मान न रखनेवाले पक्षोंको ध्यानमें रखकर हिंदु राष्ट्र स्थापित करने हेतु शपथ लें ! – संपादक)

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *