भाद्रपद कृष्ण १४, कलियुग वर्ष ५११५
सीरिया पर अमेरिकी हमले की तैयारियों के बीच भूमध्यसागर से इजरायल और अमेरिका के मिसाइल परीक्षण से मंगलवार को सनसनी फैल गई। इस परीक्षण को हड़बड़ी में सीरिया पर हमला मान लिया गया और दुनिया भर के शेयर बाजार गोता लगा गए, लेकिन असलियत सामने आने पर बाजारों में सुधार देखा गया। जानकार इस मिसाइल परीक्षण को सीरिया पर अमेरिकी हमले की प्रतिक्रिया में होने वाले लंबी दूरी के संभावित मिसाइल हमलों से बचाव की तैयारी के रूप में देख रहे हैं।
दरअसल, इजरायल द्वारा परीक्षण की पूर्व घोषणा नहीं किए जाने के कारण पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया क्योंकि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद द्वारा नागरिकों पर कथित रासायनिक हमले से नाराज अमेरिका सीरिया पर हमले की तैयारी में जुटा है।
मिसाइल परीक्षण की सबसे पहले खबर रूस की सरकारी समाचार एजेंसी की ओर से आई। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रूसी रडार पर भूमध्यसागर से छोड़ी गई दो बैलिस्टिक मिसाइल जैसी चीजों को समुद्र के पूर्वी भाग की ओर जाते हुए देखा गया है। हालांकि, उसकी ओर से यह भी कहा गया कि दमिश्क पर मिसाइल हमले का कोई संकेत नहीं मिला है। बाद में इजरायल ने साफ किया कि उसने अमेरिका के साथ मिलकर भूमध्यसागर में मिसाइल का परीक्षण किया है। अमेरिकी नौसेना के यूरोपीय मुख्यालय के प्रवक्ता ने भी कहा कि अमेरिकी नौसेना ने भूमध्यसागर में मौजूद जहाजों से कोई मिसाइल नहीं दागी है। साझा मिसाइल परीक्षण पर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से सफाई दी गई कि इजरायल को सिर्फ तकनीकी मदद दी गई है। पेंटागन के प्रवक्ता जार्ज लिटिल ने कहा कि इस परीक्षण का सीरिया पर सैन्य तैयारियों से कोई लेना-देना नहीं है। सीरिया की राजधानी दमिश्क के उपनगरीय क्षेत्र में गत 21 अगस्त को हुए रासायनिक हमले को लेकर अमेरिका सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर विचार कर रहा है। इस हमले में 1400 लोगों की मौत की बात कही जा रही है।
सीरियाई राष्ट्रपति असद ने कहा है उनकी सरकार के रासायनिक हमले में शामिल होने को लेकर पश्चिमी देशों के पास कोई सुबूत नहीं है। उन्होंने सीरिया पर हमले के गंभीर परिणाम होने की चेतावनी देते हुए कहा है कि इससे क्षेत्रीय युद्ध प्रारंभ हो सकता है।
सीरिया पर हमले को लेकर संसद की स्वीकृति प्राप्त करने की दिशा में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को थोड़ी सफलता मिली है। 2008 में ओबामा के खिलाफ राष्ट्रपति का चुनाव लड़ चुके सीनेटर जॉन मैक्केन के अलावा लिंडसे ग्राहम ने भी राष्ट्रपति के साथ बातचीत के बाद उम्मीद जताई कि हमले को संसद अपनी मंजूरी दे देगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी संसद से हमले की अनुमति मिलने जताई है। ओबामा ने कहा कि सीरिया न तो इराक है और न ही अफगानिस्तान।
स्त्रोत : जागरण