भाद्रपद शुक्ल २, कलियुग वर्ष ५११५
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अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान के लिए 6.7 अरब डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है। ऐसा पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट के मद्देनजर किया गया है। आईएमएफ पाकिस्तान को ये ऋण तीन साल के अंदर देगा।
आईएमएफ पाकिस्तान को ये ऋण तीन साल के अंदर देगा और पहली किस्त में उसे 54 करोड़ डॉलर की राशि दी जाएगी। लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को कुछ क़दम भी उठाने पड़ेंगे।
पाकिस्तान सरकार को विकास दर बढ़ाने के लिए सुधारों को लागू करना होगा, राजस्व घाटे को कम करना होगा और कर उगाही में भी सुधार करना होगा।
पाकिस्तान पर पहले से ही आईएमएफ का करीब पाँच अरब डॉलर का कर्ज है। छह साल पहले आईएमएफ की ओर से उसे बेलआउट पैकेज मिला था, लेकिन उस समय की सरकार सुधारों को लागू करने में विफल रही थी।
कम विकास दर
उस समय से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की रफ़्तार प्रति वर्ष तीन प्रतिशत की दर से बढ़ी है। देश की बढ़ती आबादी को देखते हुए ये आँकड़ा काफी कम है।
इस बीच देश का राजस्व घाटा काफ़ी बढ़ा हुआ है, जबकि विदेशी मुद्रा का भंडार भी कम हो गया है। टैक्स का हिस्सा देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का सिर्फ 10 प्रतिशत है, जो दुनिया में न्यूनतम हिस्सेदारी वाले देशों में से एक है।
नई योजना के मुताबिक राजस्व घाटा अगले तीन साल में घटकर जीडीपी का 3.5 से 4 प्रतिशत तक हो जाना चाहिए। पिछले साल ये नौ प्रतिशत था। साथ ही कर उगाही में भी सुधार होनी चाहिए।
इसकी भी उम्मीद जताई जा रही है कि ऊर्जा के क्षेत्र में सुधार से लगातार होने वाली बिजली की कटौती में भी सुधार होगा|
स्त्रोत : अमरउजाला