भाद्रपद शुक्ल ४ , कलियुग वर्ष ५११५
(कहते हैं, ) पाठशालाओंमें लडकियोंको हेतु स्वसुरक्षा प्रशिक्षण देनेसे महिलाके असुरक्षित होनेका संदेश दिया जाएगा ! – उच्च न्यायालय
मुंबई (वार्ता.) – लडकियोंको पाठ्यक्रम द्वारा स्वसुरक्षाके पाठ देनेका निर्णय सोच-समझकर लेना पडेगा; क्योंकि ऐसा करनेपर राज्यमें महिलाके असुरक्षित होनेका संदेश जाएगा । अत: इस विषयकी याचिकापर कल विस्तारपूर्वक सुनवाई कर निर्णय लिया जाएगा, ऐसा निरीक्षण मुंबई उच्च न्यायालयके मुख्य न्यायमूर्ति मोहित शहाकी खंडपीठने निर्देशित किया है । ‘एडिंग जस्टिस ऑफ इंडिया’ स्वयंसेवी संस्थाने न्यायालयमें इस विषयकी जनहित याचिका प्रविष्ट की है । (महिला असुरक्षित हैं, यह सभी जानते हैं, उसमें छुपाने जैसी कोई बात नहीं है । प्रतिदिन इतनी बडी संख्यामें बलात्कार होते हुए ऐसा कहना हास्यास्पद है । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात