भाद्रपद शुक्ल ५, कलियुग वर्ष ५११५
महिलाओंकी सुरक्षाका दायित्व गणेश मंडलोंपर होनेके संदर्भमें मुंबई पुलिस आयुक्तका आदेश (फतवा)
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मुंबई : शिवसेना पक्षप्रमुख श्री. उद्धव ठाकरेने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यदि महिलाओंकी रक्षाका दायित्व गणेशोत्सव मंडलको स्वीकारना पडेगा, तो पुलिस विभागकी क्या आवश्यकता है ? पुलिस आयुक्तका यह आदेश (फतवा) मूर्खता एवं तानाशाही है । केवल हिंदुओंके त्यौहारोंके अवसरपर ही ऐसे आदेश (फतवे) निकाले जाते हैं । मुसलमानोंके ईद तथा मुहर्रम समान त्यौहारोंके संदर्भमें कभी ऐसे आदेश (फतवे) नहीं निकाले गए । इस संदर्भमें भगवान श्रीगणेशजी भी ‘असत्यपालों’ का विसर्जन किए बिना नहीं रहेंगे । सभी गणेशभक्त एवं सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलोंको इस ‘तुगलकी फर्मान’ का निषेध करना ही चाहिए । इतनाही नहीं, अपितु गणेशोत्सवसे पूर्व डॉ. सिंहका विसर्जन कर देना चाहिए ।
मुंबईके पुलिस आयुक्त डॉ. सत्यपाल सिंहने शनिवारको श्री गणेश मंडलके प्रतिनिधियोंके साथ आयोजित बैठकमें ऐसे आदेश दिए कि यदि मंडलकी सीमामें महिलाओंके साथ छेडखानी की गई, तो संबंधित मंडलको उत्तरदायी सिद्ध कर उसको अगले वर्ष अनुमति नहीं मिलेगी। श्री. ठाकरेने इस आदेशको ‘तुगलकी फर्मान’ कहते हुए डॉ. सिंहको फटकारा । इस विषयमें शिवसेनाके नेता एवं सांसद श्री संजय राऊतने रविवारको एक पत्रक प्रसारित किया है ।
इस पत्रकमें श्री ठाकरेने आगे कहा, ’ब्रिटिश कार्यकालमें तिलकजीने सार्वजनिक गणेशोत्सव आरंभ किया । उस समय भी ऐसे आदेश नहीं निकाले गए थे । पुलिस आयुक्त सत्यपाल ने अपना दायित्व झटककर उसे सार्वजनिक गणेशोत्सवपर डाला है । आजाद मैदानमें पुलिसपर आक्रमण हुए, महिला पुलिसकर्मियोंका विनयभंग हुआ, अमर जवान ज्योतिपर लातें मारी गर्इं ? इन घटनाओंके लिए कौनसे सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल उत्तरदायी थे ? एक ओर शक्ति मीलमें हुई बलात्कारकी घटनाके लिए सत्यपाल उत्तरदायी होते हुए भी वे अबतक कुर्सीसे चिपके बैठे हैं । दूसरी ओर गणेश मंडलोंपर दबावतंत्रका उपयोग कर महिलाओंकी सुरक्षाके दायित्वसे वे अलिप्त रहते हैं । अंततःश्री ठाकरेने कहा कि यदि पुलिसके लिए संभव नहीं है, तो महिलाओंकी सुरक्षाका दायित्व जैसे अबतक शिवसेना लेती आई है, भविष्यमें भी लेगी’ ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात