भाद्रपद शुक्ल ५, कलियुग वर्ष ५११५
लखनऊ – पूजा कर्म कराने वालों से लेकर दाह संस्कार कराने वाले पंडे भी अब सेवाकर के दायरे में आ गए हैं। इतना ही नहीं बल्कि घरेलू पंडितों, धार्मिक व वैवाहिक कार्यक्रम करने वालों, ज्योर्तिविदों, टैरोकार्ड रीडर, हस्तरेखा व कुंडली विशेषज्ञों, कथवाचकों, योग गुरूओं और यहां तक कि दाह संस्कार कराने वाले पंडों तक को सेवाकर चुकाना होगा।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस सरकार द्वारा सेवाकर लगाए जाने के प्रयास को "औरंगजेबी प्रयास" बताया और कहा कि यह कर जजिया कर से भी बदतर है। वह कर एक विदेशी मुस्लिम शासक ने लगाया था जबकि यह कर आजाद भारत की चुनी हुई तथाकथित लोकतांत्रिक सरकार ने लगाया है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने सेवाकर का तीखा विरोध करते हुए कहा कि एक तरफ मुस्लिमों का तुष्टीकरण किया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ हिन्दुओं के प्रति दमकारी निर्णय लिए जा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार द्वारा लगाए गए पांडित्य कर्म पर सेवा कर को लगाए जाने के विरोध में पूरे उत्तर प्रदेश में ९ सितंबर को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देकर हर जिले में विरोध दर्ज कराया जाएगा।
वाजपेयी ने पांडित्य कर्म करने वालों को अभियान चलाकर तलाश करने और पकड़े जाने पर २०० फीसदी जुमार्ना लगाना कर चोरो की तरह सिद्ध करने का मामला बताया।
उन्होंने कहा कि पांडित्य कर्म करने वाले को कर चोरों की श्रेणी में रखने की कीमत सरकार को चुकानी होगी। प्रदेश अध्यक्ष ने इस मामले में तीन साल तक की सजा को सरकार के निचले स्तर की सोच बताया तथा कहा कि कांग्रेस सरकार का हिंदू विरोधी आचरण कांग्रेस की समाप्ति का कारण बनेगा।
औरंगजेब के जजिया कर की तरह पांडित्य कर्म पर सेवा कर लगाने पर भारतीय जनता पार्टी हर संभव तीखा विरोध करेगी। उन्होने आरोप लगाया कि हिंदू धर्म पर टैक्स लगाकर मुस्लिमों को संतुष्ट करना और उनकी हज के लिए सब्सिडी मुहैया कराने जैसे कार्यो को पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी।
स्त्रोत : राजस्थान पत्रिका