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उत्तराखंड : तबाही के ८६ दिन बाद केदारनाथ में शुरू हुई पूजा

भाद्रपद शुक्लपक्ष ६, कलियुग वर्ष ५११५

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड) : आखिरकार केदारनाथ मंदिर में ८६ दिन बाद पूजा शुरू हो गई। पहले सुबह सात बजे मंदिर का शुद्धीकरण पूजा की गई। इसके बाद मंदिर के कपाट खोले गए। अब भगवान का अभिषेक होगा और उसके नियमित पूजा शुरू कराई जाएगी। मंदिर को फूलों से भव्य रूप दिया गया है। पूजा कराने के लिए मुख्य पुजारी बागेश लिंग तीन रोज पहले से ही केदारनाथ में हैं, जबकि रावल भीमाशंकर लिंग पूरे दिन गुप्तकाशी में इंतजार करने के बाद शाम किसी तरह केदारनाथ पहुंच पाए। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा बुधवार सुबह केदारनाथ पहुंचे।

इधर, केदारनाथ जाने की अनुमति न दिए जाने से तीर्थ पुरोहितों का एक बड़ा तबका, व्यापारी और स्थानीय लोग सरकार से नाराज हैं। रुद्रप्रयाग के डीएम दिलीप जावलकर ने स्पष्ट किया कि स्थानीय लोगों को २० से २५ की संख्या में रोटेशन के आधार पर बाबा के दर्शन करने की अनुमति दी जाएगी। मौसम खराब रहने की स्थिति में हेलीकाप्टर से उन्हें मंदिर पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि १६-१७ जून के जल प्रलय से केदारघाटी में व्यापक जानमाल का नुकसान हो गया था। त्रासदी के बाद से ही केदारनाथ मंदिर में पूजा बंद थी, फिलहाल भोले बाबा की पूजा पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में चल रही है। सरकार ने बुधवार यानि ११ सितंबर से केदारनाथ में नियमित पूजा शुरू ने का फैसला किया है। इसके लिए मंदिर समिति, प्रशासन और पुलिस के साथ ही कुछ अतिविशिष्ट व्यक्तियों समेत करीब डेढ़ सौ से ज्यादा लोग केदारनाथ पहुंच गए।

हेलीपैड आठ किमी दूर

केदारनाथ मंदिर से आठ किलोमीटर दूर अस्थायी हेलीपैड बनाया गया है, यहां से मंदिर तक के रास्ते में पुलिस और पीएसी के सत्तर जवान तैनात किए गए हैं।

अस्थायी अस्पताल

केदारनाथ में अस्थायी अस्पताल बनाया गया है, इसमें छह डाक्टरों की तैनाती की गई है।

पूजा का कार्यक्रम

सुबह ७ बजे : शुद्धीकरण पूजा शुरू और हवन

सुबह ११ बजे : शुद्धीकरण पूजा समाप्त होगी

सुबह ११ बजे से केदारनाथ में नियमित पूजा शुरू होगी

पूजा पर राजनीति ठीक नहीं: सीएम

देहरादून : मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि केदारनाथ में पूजा कार्यक्रम की तिथि व समय रावल, शंकराचार्य, तीर्थ पुरोहितों और मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा बैठक में तय किया गया। सरकार ने अपनी तरफ से कोई तिथि व समय घोषित नहीं किया। मंगलवार शाम नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में श्री बहुगुणा ने कहा कि केदारनाथ में पूजा को लेकर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने स्वयं नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट को पूजा में सम्मिलित होने को आमंत्रित किया लेकिन व्यस्तता के कारण श्री भट्ट ने असमर्थता व्यक्त कर दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री, तीर्थ पुरोहित एवं अन्य महानुभाव, जो केदारनाथ जाना चाहते हैं, सभी का स्वागत है। उन्हें मौसम साफ रहने पर हेलीकाप्टर से केदारनाथ ले जाया जाएगा। सिर्फ लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवागमन प्रशासन द्वारा नियंत्रित किया गया है। आगामी ३० सितंबर को केदारनाथ पैदल मार्ग एवं अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा कर केदारनाथ यात्रा आरंभ करने के संबंध में यथोचित निर्णय लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार केदारनाथ घाटी सहित संपूर्ण आपदा प्रभावित क्षेत्र के समग्र विकास को प्रतिबद्ध है।

स्त्रोत : जागरण

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