भाद्रपद शुक्ल ६, कलियुग वर्ष ५११५
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हिंदुओ, क्या अरब राष्ट्रके मक्का एवं मदीना तथा ईसाई राष्ट्रके वैटकिनमें कभी हिंदुओंका विश्वविद्यालय स्थापित हो सकता है ? यदि इसका उत्तर नहीं है, तो हिंदुओंके धर्मक्षेत्रमें तथाकथित धर्मनिरपेक्षताके नामपर मुसलमानोंका विश्वविद्यालय किसलिए ?
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हिंदुओ, जिस प्रकार काशी, मथुरा एवं अयोध्याके मंदिर मस्जिदोंमें रूपांतरित हुए, तिरुपति मंदिरकी वैसी स्थिति होनेसे पूर्व जागृत होकर वैधानिक मार्गसे इसका विरोध करें !
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हिंदुओ, बलवान हिंदूनिष्ठ संगठन एवं दल आगामी सार्वत्रिक चुनावके कारण निष्क्रिय रहेंगे, इसलिए आप ही इसके विरुद्ध सक्रिय हों !
अभी हमें प्राप्त हुए एक अंग्रेजी रिपोर्ट के अनुसार निम्नलिखित सच सामने आया है
१. इस्लामी विद्यापीठ की सात मंजिला इमारत चंद्रगिरी नाम के एक गांव में खडी की जा रही है, जो हिंदू धर्मक्षेत्र तिरूपती से केवल १३ किलोमीटर की दूरी पर है ।
२. इस साइट के बाहर मेन रोड पर एक साइन बोर्ड लगी है जिसपर ‘हीरा इंटरनॅशनल इस्लामिक कालेज’ लिखा हुआ है । उसी के नीचे ‘वूमेन अरेबिक कालेज’ भी लिखा हुआ है ।
३. सात एकड की जमीन पर यह इस्लामी महाविद्यालय खडा हो रहा है । यह जमीन २००७ में अधिग्रहित की जा चुकी है । गांव में रहनेवालों ने बताया की यह जमीन वहां के एक श्री विष्णू मंदिर की है, जो पिछले कई सालों बहुत बुरी हालत में है । ‘सेव टेंपल’ ने किए हुए रिसर्च के अनुसार इस्लामी विद्यापीठ अभी विष्णू मंदिर की जमीन पर बन रहा है । यह भी लगता है की ‘हीरा इंटरनॅशनल इस्लामिक कालेज’ निर्माण कार्य शुरू करने से पहले कोई अनुमती नहीं ली है ।
४. चंद्रगिरी गांव ‘तिरूपती अर्बन डेवलेपमेंट आथोरिटी’ (टुडा) के क्षेत्र में आता है । ‘टुडा’ के नियमानुसार उनके क्षेत्र में कोई भी नया निर्माण कार्य करना हो तो पहले ‘टुडा’ से अनुमती लेनी पडती है । कोई भी इमारत ५ मंजिलों से बडी नहीं बनाई जा सकती है । परंतू यह इमारत ७ मंजिला है एवं ‘टुडा’ से कोई अनुमती नहीं ली गई है ।
५. गांववालों का मानना है की यहां के कुछ स्थानीय राजनितिक नेता इस्लामी विद्यापीठ के निर्माण कार्य का समर्थन कर रहे है ।
कौन है इस इस्लामी विद्यापीठ के पीछे ?
‘हीरा ग्रूप’ यह शरिया की कायदे के अनुसार काम करनेवाला एक उद्योगसमूह है । इस समूह में कई कंपनीयां सहभागी है, जो इलेक्ट्रानिक्स, खाद्यसामग्री, फायनान्स, ट्रेडिंग जैसे क्षेत्रो में कार्यरत है । मि. अलिमा शैख नौहीरा इस उद्योगसमूह की प्रमुख है , जो भारत में पहिली मुस्लिम महिला है जो किसी उद्योगसमूह की प्रमुख है ।
हीरा ग्रूप की वेबसाईट : http://www.heeraibg.com
इस्लामी विद्यापीठ की वेबसाईट : http://www.heerauniversity.com
फेसबूक पेज : https://www.facebook.com/nowherashaik
हिंदुओंके लिए खतरे की घंटी
पिछले कई सालों से हिंदू धर्मस्थल तिरूपती में ख्रिश्चन मिशनरी हिंदू भक्तों का धर्मांतरण करने का प्रयास कर रहे है । सन २००४ में तत्कालीन आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री वाय. एस. राजशेखर रेड्डी (जो खुद एक धर्मांतरित ख्रिश्चन थे), तिरूमला की ५ पर्वतों को हथियाकर वहां ‘टूरिजम हॉट स्पॉट’ बनाने की योजना बनायी थी । आज भी कुछ ख्रिश्चन लोग तिरूपती देवस्थान में नौकरी करते है ।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है की कल अगर यह इस्लामी विद्यापीठ तिरूपती के पास शुरू हो गया, तो कुछ समय बाद जिहादी तत्त्व तिरूपती देवस्थान के समीप जमीने खरीदते चले आएंगे । फिर यह भी हो सकता है की तिरूपती मंदिर के पास ही यह जिहादी तत्त्व मस्जिदे खडी कर ‘बांग’ दे सकते है । अगर यह सिलसिला चलता रहा तो कुछ सालों बाद तिरूपती मंदिर में आरती भी बंद हो सकती है ।
इस तरह की कुछ घटना, जो आंध्र प्रदेश में घटी है :
१. मुसलमान नमाज पढ सके एवं ईद मना सके, इसलिए कांग्रेस सरकार ने भाग्यनगर (हैद्राबाद) के मंदिरों में आरती एवं घंटानाद बंद करवा दिए ।
२. मुसलमान क्रोधित ना हो इसलिए स्वामी परिपूर्णानंद जी को हैद्राबाद की भाग्यलक्ष्मी मंदिर में जाने से रोका गया था । जब उन्होंने मंदिर में जाने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हे बंदी बना लिया था । पुलिस ने अपनी कार में बिठाकर वहीं से भाग्यलक्ष्मी माता के दर्शन स्वामी जी को करवाए, परंतू उन्हें मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी ।
३. जिहादी मुसलमान विधायक अकबरूद्दीन ओवैसी ने यह कहा था की वो भाग्यलक्ष्मी मंदिर को चारमिनार के पास से हटा देना चाहता है । इसी ओवैसी कुछ महिने पहले कहा था कि ‘अगर यहां की पुलिस १५ मिनट के लिए हटा दी जाये, तो हम २५ करोड मुसलमान १०० करोड हिंदूओंको दिखा देंगे की कौन ज्यादा शक्तिशाली है’ । अभीतक ओवैसी पर कोई ठोस कारवाई नहीं हुई है ।
स्त्रोत : HJS English
तिरुपतिमें अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी विद्यापीठ खडा करनेका षडयंत्र !
पवित्र हिंदू धर्मक्षेत्र तिरुपति |
तिरुपति – हिंदुओंके पवित्र हिंदू धर्मक्षेत्र तिरुपतिमें अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी विद्यापीठ खडा करनेका षडयंत्र रचा गया है । तिरुपति-तिरुमलामें श्री बालाजीके दर्शनके लिए प्रतिदिन सहस्रावधि हिंदू भक्तगण आते हैं । इस विद्यापीठके कारण विश्वभरके जिहादी मुसलमान युवकोंको तिरुपतिमें प्रवेश मिलेगा । ये जिहादी स्थानीय मुसलमानोंके जिहादी कार्यवाहियोंमें सम्मिलित होंगे । अतः इस पवित्र स्थलका भ्रमण करनेवाले हिंदू श्रद्धालुओंको यह विद्यापीठ अडचनें उत्पन्न करेगा । (हिंदुओंके पवित्र नगरोंमें मुसलमानोंके लिए विद्यापीठका निर्माण कार्य करना अर्थात आंध्रप्रदेशकी कांग्रेस सरकारद्वारा मुसलमानोंकी चापलूसी करना ही है ! ऐसे राजनेताओंको और कितने दिन सत्तामें रखकर धर्महानि कराएंगे ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) ऐसी मांग की जा रही है कि भारतके सभी हिंदूनिष्ठ संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विहिंप, भाजपा, साधु-संत, आचार्य, हिंदू धर्मगुरु इस प्रकल्पका विरोध करें । (हिंदुओंको ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? इन संगठनों एवं हिंदुओंके धर्माचार्योंको यह स्वयं करना चाहिए ऐसा क्यों नहीं प्रतीत होता ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. २०१४ तक सहस्रों मुसलमान विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करनेके निमित्त तिरुपतिमें विस्थापित होंगे, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अरब देशके विद्याथिर्योंका समावेश होगा । जिहादी मनोवृत्तिके ये विद्यार्थी तिरुपतिके हिंदू श्रद्धालुओंको भगाने/खदेडनेमें भी संकोच नहीं करेंगे ।
२. इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकवादी संगठनने दक्षिण भारतमें अपना जाल बिछानेकी योजना बनाई है । संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि तिरुपतिका यह विद्यापीठ इस योजनाका ही एक भाग है ।
३. इस विद्यापीठको विदेशसे निधिकी पूर्ति की जाएगी । इसलिए उसे आतंकवादियोंको उत्पन्न करनेका केंद्र सिद्ध होनेकी संभावना है ।
४. केंद्रशासन भी इस विद्यापीठकी सहायताके लिए उत्सुक हो गया है । अलीगढ विद्यापीठ समान ही इस विद्यापीठको भूमि एवं निधिकी सुविधाएं देनेके लिए शासन प्रयत्नशील है ।
५. हिंदू संगठन एवं तिरुपति देवस्थान समिति इस प्रकल्पका विरोध करें । हिंदुओंकी ओरसे इस प्रकल्पको रोकनेकी प्रार्थनाका एक निवेदन राष्ट्रपतिको भेजे जानेकी मांग की जा रही है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात