भाद्रपद शुक्ल ७, कलियुग वर्ष ५११५
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हिंदुओ, क्या हिंदुओंने कभी बाईबल अथवा कुरान नदीमें फेंका, ऐसा आपने सुना है ?
नासिक – यहांके त्र्यंबकेश्वर तहसीलके देवडोंगरी गांवमें चर्चके पादरीने हिंदुओंका धार्मिक ग्रंथ नदीमें फेंक दिया । (हिंदुओ, आप सहिष्णु हैं । इसलिए पादरी आपके धर्मग्रंथ नदीमें फेंकनेका साहस दिखाते हैं ।यदि इस पादरीने कुरानकी प्रति नदीमें फेंकी होती, तो अबतक उसकी क्या स्थिति होती थी, यह बतानेकी आवश्यकता नहीं है । यह स्थिति परिवर्तित करने हेतु हिंदू धर्मकी रक्षा करनेवाला ‘हिंदू राष्ट्र’ लाने हेतु संगठित हों ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इस घटनाका स्पष्टीकरण पूछने हेतु देवडोंगरी एवं बाफनवीर ग्रामवासी उस पादरीके पास गए । तत्पश्चात इस बातसे मन ही मन क्रोधित होकर उस पादरीने हिंदुओंके विरुद्ध पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट किया । हर्सूल पुलिस थानेकी पुलिसने इस परिवादके नामपर दंगा एवं धार्मिक विडंबनका अपराध प्रविष्ट कर १२ हिंदुओंको नियंत्रणमें लिया है । (पादरीद्वारा हिंदुओंके धर्मग्रंथकी विडंबना करनेपर भी हिंदुओंके ही विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट करनेवाली सोनियाकी कांग्रेस सरकारकी पुलिस ! हिंदुओ, ऐसे पुलिसकर्मियोंके नाम सनातन प्रभातको सूचित करें । ’हिंदु राष्ट्र’ में उन्हें कठोर दंड दिया जाएगा ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात