ज्येष्ठ शु.३, कलियुग वर्ष ५११४
इंद्रप्रस्थ (दिल्ली)में तालकटोरा स्टेडियममें विश्व हिंदु परिषदकी ओरसे धर्म आधारित आरक्षणके विरोधमें ‘‘हिंदु सर्व जाति महापंचायत’ सभाका आयोजन किया गया । इस सभामें दिल्लीके उदासीन अखाडेके पूज्य राघवानंदजी महाराज, वाल्मीकी समाजके पू. स्वामी विवेकानाथजी महाराज, श्री. प्रवीण तोगडियाजी, डॉ. सुब्रमह्ण्यम स्वामा, आर्य समाजके वैदिक प्रमुख आचार्य महिपाल आर्याके साथ ही कार्यक्रमके अध्यक्ष ३०० गांवके सरपंच भी मंचपर उपस्थित थे ।
कार्यक्रमका आरंभ भारत माताकी प्रतिमाके समक्ष दीपप्रज्वलनके साथ वेदपढनसे किया एवं समापन वंदे मातरमसे हुआ । इस सभामें १५०० से भी अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे । इस सभामें आनेवाले सभी हिंदु बहुत उत्साहित थे । कार्यक्रममें सनातन संस्था तथा हिंदु जनजागृति समितिके कार्यकर्ता भी उपस्थित थे । सभाको संबोधित करते हुए डॉ. स्वामीने बताया कि मुसलमानोंमें एकता है इसलिए वे सत्तामें आते हैं । यदि हम ४०³ हिंदु भी मताधिकारका प्रयोग हिंदुत्त्वके लिए करने लगें तो हमारी विजय होगी । हिंदुओंकी दुर्दशापर हिंदु एकता ही एक उपाय है । भारत भूमिपर वे ही मुसलमान तथा इसाइ भाई रह सकते हैं जिन्हें गर्वसे यह स्वीकार हो कि उनके पूर्वज हिंदु हैं । जिन मुसलमानोंको लगता है कि वे गजनी, घोरीके संतान हैं उनके लिए पाकिस्तान है वहां से खुशहालीसे जा सकते हैं । ऑस्ट्रेलिया, अमेरिकाके मुसलमान भी ‘युनिफार्म सीविल कोड’ मानते हैं परंतु भारतकी सरकार ही झुकती है । हिंदु हितके लिए आगे आना यही हमारी सभी समस्याओंका हल है । डॉ. तोगडिया ने हिंदुओंपर हो रहे अत्याचारोंके विषयमें बताया । तथा अपनी लघुसंदेश प्रणालीके विषयमें जानकारी दी । अंतमें स्वामी राघवानंदजीने आर्शीवचन दिए ।