भाद्रपद शुक्लपक्ष ८, कलियुग वर्ष ५११५
नई दिल्ली : नई दिल्ली स्थित बीजेपी के मुख्यालय में पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पत्रकारों के सामने प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया। दूसरी ओर, पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने राजनाथ को चिट्ठी लिखकर उनके कामकाज से निराशा जताई है।
इस मामले पर शिवसेना पहले ही मोदी का समर्थन कर चुकी है। बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक पहले तय किए गए समय से कुछ देर से हुई, और उसमें नरेंद्र मोदी के अलावा पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने भाग लिया।
इससे पहले, बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी आज वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को मनाने की अंतिम कोशिश की। वहीं इस मामले पर बीजेपी ने अपनी सहयोगी पार्टी शिवसेना को भी साथ ले लिया है। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन करके इस बारे में जानकारी दी है। शिवसेना नेता संजय राउत का कहना है कि उनकी पार्टी बीजेपी के फैसले के साथ है, क्योंकि अभी जरूरी यह है कि यूपीए का सफाया कैसे हो। शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने भी कहा है कि उनकी पार्टी बीजेपी उम्मीदवार को समर्थन देगी।
इससे पहले, नरेंद्र मोदी की पीएम पद की उम्मीदवारी पर मुरली मनोहर जोशी और सुषमा स्वराज नरम पड़ गए। इन दोनों नेताओं ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भरोसा दिलाया है कि वे पार्टी के फैसले के साथ होंगे।
इस मामले में आडवाणी को मनाने के लिए सुबह से ही मुलाकातों का दौर जारी रहा। नितिन गडकरी आडवाणी से मिले, उसके बाद अनंत कुमार और अमित शाह ने गडकरी से मुलाकात की। इसके बाद गडकरी सुषमा स्वराज से मिलने गए। बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह गुरुवार को सुषमा से मिले भी थे।
इससे पहले, बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और भैयाजी जोशी के बीच गुरुवार को हुई करीब एक घंटे की मुलाकात के बाद यह तय हो गया कि तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए मोदी को ही पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए।
बीजेपी ने आदेश दिया था कि राज्यों के दफ्तरों में पार्टी के सभी कार्यकर्ता दोपहर ३ बजे से शाम तक मौजूद रहें और मोदी के नाम की घोषणा के बाद जश्न मनाएं।
प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर मोदी के नाम की घोषणा पर सबसे ज्यादा उत्साहित बिहार बीजेपी के नेता दिखाई दे रहे हैं। बिहार बीजेपी ने २७ अक्टूबर को होने वाली हुंकार रैली के पोस्टर में सिर्फ मोदी को जगह दी है।
इसके साथ ही बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने गुरुवार को कहा था कि आडवाणी जनता का मूड नहीं समझ पाए उन्हें मोदी के नाम पर मुहर लगा देनी चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक मोदी के नाम की घोषणा करने में सबसे बड़ी बाधा बने हुए आडवाणी ने पार्टी नेताओं से कहा था कि मोदी को प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार घोषित करने से यूपीए के खिलाफ लड़ाई में बीजेपी के हितों को नुकसान पंहुच सकता है। उनका कहना था कि ऐसा करने से यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और मंहगाई का मुद्दा बनने की बजाय मोदी मुद्दा बनकर रह जाएंगे, जो पार्टी के लिए घातक साबित होगा।
आडवाणी ने मोदी के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा, लेकिन उनके करीबी सुधींद्र कुलकर्णी ने ट्विटर पर मोदी का नाम लिए बिना लिखा, सामाजिक ध्रुवीकरण वाले नेता ने अपनी ही पार्टी का ध्रुवीकरण कर दिया। क्या वह केंद्र में स्थिर और प्रभावशाली सरकार चला सकते हैं ? जरा गंभीरता से सोचिए।
स्त्रोत : एनडीटीवी खबर