भाद्रपद शुक्ल ११, कलियुग वर्ष ५११५
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लखनऊ : विश्व हिंदू परिषद की चौरासी कोसी परिक्रमा का समापन भी उसकी शुरुआत जैसा ही रहा। विहिपनेताओं व कार्यकर्ताओं का शुक्रवार को बस्ती के मखौड़ा में पहुंचकर समापन का सपना अधूरा रह गया। बीच राह में ही हनुमत पीठ ऋषिकेश के महामंडलेश्वर रामेश्वरदास व बलिया के मौनी बाबा समेत ५२ संत और विहिप कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गये। उत्तर प्रदेश सरकारने इसे अपनी बड़ी जीत माना है।
पुलिस महानिरीक्षक [अपराध] आशीष गुप्ता ने पत्रकारों को बताया कि पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच पूरे क्षेत्र में शांति बनी रही। गुप्ताके मुताबिक बस्ती के परशुरामपुर में भाजपा नेता मदन पांडेय के नेतृत्व में मखौड़ा जाते हुए कुल १४ लोग गिरफ्तार किये गये, जबकि कटरा में भरतदास उर्फ मौनी बाबा समेत ३८ श्रद्धालु गिरफ्तार किये गये। गुप्ता ने बताया कि विहिप ने मखौड़ा में ही समापन का कार्यक्रम प्रस्तावित किया था। इस वजह से वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। उन्होंने दावा किया कि एक भी संत और कार्यकर्ता को मखौड़ा नहीं जाने दिया गया। ध्यान रहे कि दंगा प्रभावित पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तैनात किये गए एडीजी आरके विश्वकर्मा को शासनने गुरुवार को ही चौरासी कोसी यात्र को संभालने के लिए बुला लिया था। विश्वकर्मा ने फैजाबाद, बाराबंकी, बस्ती, अंबेडकरनगर, बहराइचऔर गोंडा में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। उधर, मखौड़ा में गिरफ्तार विहिप कार्यकर्ताओं को पुलिस लाइंस में रखा गया है।
निमरूल साबित हुई आशंकाएं, सामान्य रही अयोध्या
चौरासी कोसी परिक्रमा के समापन पर कड़ी सुरक्षा के बीच जकड़ी रामनगरी में आशंकाएं निर्मूल साबित हुईं। सड़क पर जनता से ज्यादा सुरक्षाकर्मी मुस्तैद रहे लेकिन पाबंदियों का जनजीवन पर कोई असर नहीं दिखा। मखौड़ा की ओर जाने वाले प्रमुख मार्ग पुराने सरयू पुलपर यातायात प्रतिबंधित रहा लेकिन फैजाबाद से अयोध्या जाने वाले वाहनों की टोका-टाकी कम रही। सुबह के समय टेंपो व चार पहिया वाहनों कोश्रीराम चिकित्सालय के पास रोका गया लेकिन शाम होते-होते इस पाबंदी में काफी रियायत दे दी गई।
स्त्रोत : दैनिक जागरण