भाद्रपद शुक्ल ११, कलियुग वर्ष ५११५
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दिसंबर गैंगरेप मामला
शुक्रवार दोपहर को जब साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दिसंबर गैंगरेप मामले में चारों दोषियों को सजा सुनाई, तो अदालत के बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तालियां बजाकर इसका स्वागत किया और मामले से जुड़े एक जांच अधिकारी ने पत्रकार को गले से लगा लिया।
इसी वक्त उत्तरी दिल्ली के एक बाल सुधार गृह में मौजूद इसी मामले में दोषी ठहराया गया नाबालिग साकेत अदालत की कार्यवाही से पूरी तरह अंजान था।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक जब अदालत में दोषियों को उनके किए की सजा दी जा रही थी, उस वक्त जुवेनाइल अपने कमरे में ट्यूटर के साथ मौजूद था।
आधे घंटे बाद जब अधिकारी उसकी जांच करने पहुंचा, तो वह टेलीविजन देख रहा था। जैसे ही अधिकारी कमरे में दाखिल हुआ, नाबालिग ने तुरंत चैनल बदलकर हिंदी फिल्म लगा ली।
अधिकारी ने बताया, "३.१५ बजे मैं उसके कमरे में गया। उसने चैनल बदल दिया। मैंने देखा कि वह गोविंदा की फिल्म देख रहा था। सोचा कि वह इस केस के बारे में कुछ बात करेगा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।"
उन्होंने बताया, "उसने केस के बारे में कुछ नहीं बोला। उसका व्यवहार देखकर मुझे हैरानी हुई कि क्या उसे केस के बारे में कुछ पता है। लेकिन ऐसा संभव नहीं है कि उसे कुछ न पता हो, क्योंकि सभी समाचार चैनलों पर इसकी खबर आ रही थी।"
स्त्रोत : अमर उजाला