भाद्रपद शुक्ल १३, कलियुग वर्ष ५११५
लखनऊ – विश्व हिंदू परिषद ने पंचकोसी परिक्रमा का एलान कर शासन को नया सिरदर्द दे दिया है। विहिप ने अयोध्या में २२ सितंबर से १३ अक्टूबर तक पंचकोसी परिक्रमा का कार्यक्रम घोषित किया है। २० दिन तक चलने वाली इस परिक्रमा को लेकर शासन तय नहीं कर पा रहा है कि इसकी इजाजत दी जाए या नहीं।
चौरासी कोसी परिक्रमा पर रोक लगाने और सारी ऊर्जा खर्च करने के बाद शासन ने राहत भी नहीं ली कि नई चुनौती आकर खड़ी हो गयी है। चूंकि इस परिक्रमा में भी अन्य प्रांतों के संत और विहिप प्रमुख अशोक सिंहल की मौजूदगी रहती है। इससे शासन की चिंता बढ़ी है। शासन आंकने में लगा है कि इस परिक्रमा पर रोक लगाने का संदेश क्या जाएगा, इसलिए वह त्वरित नतीजे पर नहीं है। इस सिलसिले में रविवार को गृह सचिव कमल सक्सेना से पूछा गया तो उनका कहना था कि पंचकोसी परिक्रमा के बारे में अभी उन्हें सरकारी तंत्र से कुछ भी पता नहीं चला है। वह समाचार पत्रों के जरिए ही जान पाये कि कोई परिक्रमा आयोजित की जा रही है।
सक्सेना के मुताबिक औपचारिक रूप से पता चलने पर वह अध्ययन करेंगे कि यह परिक्रमा पारंपरिक है या गैर पारंपरिक। फिर इस पर विचार किया जायेगा। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या आपके खुफिया तंत्र ने परिक्रमा के बारे में कोई जानकारी नहीं दी तो सक्सेना का कहना था कि खुफिया तंत्र हमें क्या जानकारी देता है, इसे यहां नहीं बता सकते। उधर, खबर है कि चौरासी कोसी परिक्रमा रोके जाने के बाद अब संतों की पूरी ऊर्जा इस परिक्रमा की ओर है।
स्त्रोत : जागरण