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भली-भांति सुरक्षाव्यवस्थाका दायित्व निभानेमें अकार्यक्षम तंत्रोंद्वारा श्रद्धाको आहत करनेका प्रयास !
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आज सुरक्षाके नामपर मंदिरमें पुष्पहार, पुष्प, नारियल आदि ले जानेपर प्रतिबंध लगानेवाले कल जाकर मंदिरमें दर्शन करनेपर भी प्रतिबंध लगाएंगे । हिंदुओ, मंदिरोंके सरकारीकरणका यह दुष्परिणाम जानकार ऐसे मंदिर भक्तोंके नियंत्रणमें देने हेतु प्रयास करें !
नासिक – केंद्रीय गुप्तचर तंत्रने सूचित किया है कि शिर्डीका साईमंदिर आतंकवादियोंकी सूचीमें प्रथम स्थानपर है । अतः साई संस्थानने सुरक्षाको निमित्त मानकर भक्तोंको हार, पुष्प तथा नारियल अर्पण करनेको प्रतिबंधित करनेका हिंदूद्रोही निर्णय लिया है । यह निर्णय शीघ्रही कार्यान्वित किया जाएगा । (मंदिरकी सुरक्षाका दायित्व सुरक्षा तंत्रोंका है । मंदिरोंपर आतंकवादी आक्रमण न होने हेतु आतंकवादियोंको पकडकर कठोर दंड देनेका प्रयास करनेकी अपेक्षा धर्माचरणपर संकट लानेवाला निर्णय लेकर साई संस्थानने हिंदूद्रोह ही दर्शाया है । इस मंदिरका सरकारीकरण होनेके कारण ही साई संस्थान आज इस प्रकारका हिंदूद्रोही निर्णय घोषित कर रहा है । इस स्थितिमें परिवर्तन लाने हेतु ‘हिंदू राष्ट्र’की स्थापना अनिवार्य है ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. यह निर्णय २७ अप्रैल २०१३ को लिया गया है । इस निर्णयको कार्यान्वित करने हेतु संस्थान उच्च न्यायालयके आदेशकी प्रतीक्षा कर रहा है ।
२. इस संदर्भमें संस्थानने अपनी बात प्रस्तुत करते हुए कहा है कि हार तथा पुष्प अत्यधिक प्रमाणमें जमा होते हैं । उसकी स्वच्छता करने हेतु ३-४ बार मंदिरमें प्रवेशपर रोक लगानी पडती है तथा नारियल एवं हारके माध्यमसे सुरक्षाको बडा धोखा उत्पन्न होनेकी संभावना है ।
३. इस संदर्भमें संस्थानके कार्यकारी अधिकारी डॉ. यशवंत मानेने कहा कि हार एवं पुष्पोंपर प्रतिबंध लगानेकी अपेक्षा सुरक्षाव्यवस्था अद्यतन (uptodate) कर उसे केंद्रीय सुरक्षाव्यवस्थाको सौंपना आवश्यक है । भविष्यमें यह निर्णय लेना पडेगा । (यदि ऐसा है, तो क्या यह पर्याय २७ अप्रैलकी बैठकमें प्रस्तुत किया गया है ? डॉ. मानेको यह भी सूचित करना चाहिए । डॉ. माने को हिंदुओंके धर्माचरणपर आघात करनेवाला निर्णय स्थगित करने हेतु प्रयास करने चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )